परिभाषा
रतौंधी (Night Blindness) क्या है?
रतौंधी को हम “नाइक्टालोपिया’ (Nyctalopia)’ भी कहते हैं और इसमें आपको साफ देखने में परेशानी हो सकती है। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को कम रोशनी में या फिर अंधेरे में देखने में परेशानी आ सकती है।
रतौंधी होना कितना आम है ?
ये बहुत ही आम समस्या है, ज्यादातर ऐसे लोगों में होती है, जो कम रोशनी में काम करते हैं, जिसकी वजह से आंखें कमजोर हो जाती हैं। इस विषय में किसी भी और जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
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लक्षण
रतौंधी के क्या लक्षण हो सकते हैं ?
रतौंधी (Night Blindness) का सबसे ज्यादा देखे जाने वाला लक्षण है रात को सही तरीके से न देख पाना या फिर बहुत ज्यादा रोशनी से अंधेरे में जाने पर साफ न दिखाई देना। रात में स्ट्रीट लाइट में कार चलाने में भी परेशानी आ सकती है।
अपने डॉक्टर से कब मिलें ?
अगर आपको ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी परेशानी है, तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें। हर व्यक्ति का शरीर अलग स्थिति में अलग तरीके से व्यवहार करता है। इसलिए अपने शरीर और स्थिति के हिसाब से इलाज के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
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कारण
रतौंधी (Night Blindness) के किन कारणों की वजह से हो सकती है ?
आंखों में पाई जाने वाली रेटिना (Retina) कोशिकाओं में खराबी आने के कारण आपको रतौंधी की समस्या हो सकती है। रेटिना कोशिकाएं हल्की रोशनी में साफ देखने में सहायक होती हैं।
इनमें खराबी के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे कि :
- रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (Retinitis Pigmentosa )
- ग्लौकोमा (Glaucoma) की दवाएं जिनकी वजह से प्यूपिल बंद हो जाता है।
- मोतियाबिंद होने पर (cataract )
- मधुमेह होने पर। (Diabetes)
- विटामिन A (Vitamin A ) की कमी की वजह से भी रतौंधी की समस्या हो सकती है।
- केरेटोकोनस (Keratoconus)
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खतरों के कारण
रतौंधी (Night Blindness) के खतरे को क्या बढ़ाता है ?
बुजुर्ग लोगों में मोतियाबिंद की परेशानी रहती है, जिसकी वजह से उनमें रतौंधी की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे मरीज जिन्हें पैंक्रिअटिक इंसफ्फीसिएन्सी (Pancreatic Insufficiency ) की समस्या है उनमें रतौंधी की आशंका ज्यादा होती है। जिन लोगों को सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis ) है, उनमें फैट यानि वसा की कमी होती है, जिसकी वजह से विटामिन -ए घुल नहीं पाता। विटामिन -ए की कमी के कारण आपको रतौंधी हो सकती है।
खून में ज्यादा शक्कर (Glucose) होने पर भी आंखों समस्या आ सकती है और रतौंधी होती है ।
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जांच और इलाज
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है इसलिए अपनी स्थिति और शरीर के अनुसार इलाज के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
रतौंधी (Night Blindness) की जांच कैसे की जा सकती है ?
आपके डॉक्टर आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री चेक करेंगे और साथ ही आपके खून की जांच भी करवाई जा सकती है जिससे कि खून में शक्कर (Glucose) या फिर विटामिन -ए की मात्रा पता लगाई जा सके।
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रतौंधी (Night Blindness) का इलाज कैसे किया जा सकता है ?
लेन्स या फिर सही पावर के चश्में की मदद से रतौंधी का इलाज किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि अलग -अलग स्थितियों में इलाज किस प्रकार किया जा सकता है :
कैटरेक्ट : अगर आपकी आंखों के लेंस पर बादल जैसा या फिर रुई के जैसा पर्दा है, तो उसे कैटरेक्ट या फिर मोतियाबिंद कहा जाता है। सर्जरी की मदद से डॉक्टर इसे हटाकर आर्टिफीसियल लेंस लगाते हैं जिससे कि समस्या और अधिक न बढ़े। अगर आपकी रतौंधी का कारण कैटरेक्ट है तो सर्जरी के बाद आप पूरी तरह रतौंधी से छुटकारा पा सकते हैं।
विटामिन -ए की कमी : अगर आपके शरीर में विटामिन-ए की मात्रा कम है, तो डॉक्टर आपको विटामिन -ए लेने की सलाह देंगे।
जेनेटिक खराबी : इस कारण की वजह से होने वाली रतौंधी का इलाज संभव नहीं है, क्योंकि इसमें रेटिना में बनने वाला पिग्मेंट बनेगा ही नहीं जिससे रतौंधी हमेशा के लिए रहेगी। जिन लोगों को ऐसी समस्या है उन्हें रात में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। ऐसी समस्या किसी लेंस या चश्मे की मदद से ठीक भी नहीं की जा सकती।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपाय
अगर आपकी रतौंधी का कारण जेनेटिक है तो इसे अशर सिंड्रोम (Usher Syndrome) कहेंगे। स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक खाना खाने से और खून में शक्कर की मात्रा पर नियंत्रण रखने से आप रतौंधी को कम कर सकते हैं।
एंटी -ऑक्सीडेंट लें साथ ही विटामिन -ए युक्त भोजन करें इससे भी रतौंधी कम की जा सकती है।
नारंगी रंग के फलों ( जैसे कि खरबूजा , गाजर , कद्दू या आम ) में विटामिन -ए की मात्रा बहुत अधिक होती है इनके सेवन से भी आप रतौंधी पर नियंत्रण पा सकते हैं।
इन चीजों में भी विटामिन -ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है :
इसके अलावा अगर आपको रतौंधी है तो खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए रात को ड्राइव न करें। ज्यादा चमकदार रोशनी में जाने से पहले चश्मा या फिर हैट पहनें इससे जब आप वापस अंधेरे में या फिर हल्की रोशनी में जाएंगे तो आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा आप निम्न चीजें भी खाएं :
सुखी खुबानी
खुबानी में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। एक खुबानी के 10 वें भाग में 63 एम सी जी विटामिन ए होता है। खुबानी विटामिन ए का एक टेस्टी डोज है। साथ ही ये फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। खुबानी में चीनी और कैलोरी ज्यादा होती है तो इसे अधिक मात्रा में खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
गाजर
गाजर में काफी मात्रा में बीटा केरोटिन होता है। आधा कप कच्ची गाजर में विटामिन ए का 459 एमसीजी और डीवी का 184 प्रतिशत होता है। गाजर का इस्तेमाल सलाद में या स्नैक्स की तरह आराम से कर सकते हैं। गाजर में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है इसलिए यह कॉन्स्टिपेशन की समस्या भी दूर करती है।
ब्रोकली
ब्रोकली में विटामिन ए होने के साथ -साथ और भी कई पोषक तत्व होते हैं। आधा कप ब्रोकली विटामिन ए का 60 एमसीजी प्रदान करती है, जो किसी व्यक्ति के डीवी का 24 प्रतिशत है। ब्रोकली में कैलोरी भी कम होती है साथ ही ये विटामिन सी की भी अच्छी स्त्रोत है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आप रतौंधी (Night Blindness) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।