सीओपीडी फेफड़ों में नुकसान के कारण होता है। जब लंबे समय तक सांस लेने में परेशानी बनी रहती है, तो फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। ये कुछ कारण हैं :
- सिगरेट (Smoking) का धुआं। सीओपीडी के लगभग 80% से 90% मामले दीर्घकालिक धूम्रपान के कारण होते हैं
- रासायनिक धुएं, घूल या गैसों के संपर्क में आना
- इंडोर वायु प्रदूषण (जैसे खाना पकाने और हीटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ठोस ईंधन)
- आउटडोर वायु प्रदूषण
- व्यावसायिक धूल और रसायन (वाष्प, जलन और धुएं)
- बचपन में श्वसन संक्रमण
और पढ़ें : Sickle Cell Anemia : सिकल सेल एनीमिया क्या है? जाने इसके कारण ,लक्षण और उपाय
खतरा
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर (CPOD) का खतरा कब बढ़ जाता है?
आपको लगता होगा कि पुरुषों में धूम्रपान से सीओपीडी होने की संभावना अधिक होती होगी, लेकिन सीओपीडी के अधिकतर मामले महिलाओं में देखने को मिलते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि विकसित देशों में महिला धूम्रपान (Smoking) की संख्या में वृद्धि हुई है। निम्न-आय वाले देशों में इंडोर वायु प्रदूषण (जैसे खाना पकाने और हीटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ठोस ईंधन) के कारण सीओपीडी का खतरा बढ़ जाता है। इन लोगों में सीओपीडी का खतरा ज्यादा देखने को मिलता है :
- 65-74 वर्ष की आयु के लोग।
- जिन लोगों को अस्थमा हो।
- धूम्रपान करने वालों को।
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
और पढ़ें : Urticaria : पित्ती क्या है? जाने इसके कारण, लक्षण और उपाय
निदान और इलाज
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of COPD)
सीओपीडी धीरे-धीरे विकसित होता है, अक्सर 40 या उससे अधिक उम्र के लोगों में इसका निदान किया जाता है। आपका डॉक्टर आपके संकेतों, लक्षणों और टेस्ट आदि के आधार पर सीओपीडी का निदान करेगा।
डॉक्टर पूछ सकता है कि क्या आप धूम्रपान करते हैं या फेफड़ों में जलन महसूस करते हैं? आपका डॉक्टर स्टेथोस्कोप से सांस की जांच करेगा।
- फेफड़ों का परीक्षण: इसमें डॉक्टर चेक करते हैं कि आप कितनी सांस (Breathing) लेते हैं और बाहर छोड़ते हैं। कितनी तेजी से आप सांस को बाहर निकाल सकते हैं और आपके फेफड़े ब्लड में कितनी अच्छी तरह ऑक्सिजन पहुंचाते हैं।
- स्पिरोमेट्री (Spirometry): यह परीक्षण यह बताता है कि आपके फेफड़े कितनी अच्छी तरह काम कर रहें हैं। इस परीक्षण में आपको एक गहरी सांस लेकर स्प्रिरोमीटर नामक मशीन में सांस छोड़ने को कहा जाता है। मशीन मापती है कि आप कितनी सांस ले सकते हैं और कितनी तेजी से आप सांस को बाहर निकाल सकते हैं।
- चेस्ट एक्स-रे या चेस्ट सीटी स्कैन: फेफड़ों में होने वाली समस्याओं को देखने के लिए चेस्ट का एक्स-रे (X-ray) किया जाता है, जो सीओपीडी (CPOD) में संक्रमण जैसे लक्षण को दिखाता है
- धमनी का ब्लड गैस टेस्ट: इस ब्लड टेस्ट (Blood test) में आपके ब्लड में ऑक्सिजन का स्तर मापा जाता है, जिसमें धमनी से लिए गए ब्लड सैंपल का उपयोग करते हैं। इस परीक्षण के परिणाम दिखा सकते हैं कि आपका सीओपीडी कितना गंभीर है।