जन्म के दौरान कई बार बच्चों की नाभि (Umbilical cord) बाहर को निकली हुई होती है या सामान्य से ज्यादा उभरी हुई और बड़ी होती है। ऐसा अम्बिलिकल हर्निया की वजह से हो सकता है। आमतौर पर बच्चों में यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है मगर 3 साल की उम्र तक भी बच्चे की नाभि का यह हिस्सा कम न हो तो ये निश्चित ही अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia) के संकेत हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
जानें शिशु की नाभि के बारे में
बच्चे के जन्म से पहले बच्चे के विकास के लिए जो भी जरूरी पोषक तत्व चाहिए, वो उसे मां द्वारा गर्भनाल से मिलते हैं। ये गर्भनाल बच्चे के पेट पर नाभि वाली जगह से जुड़ी होती है। जन्म के बाद बच्चे के साथ ये गर्भनाल भी बाहर आ जाती है। जन्म के बाद इस नाल को बांधा जाता है और काट दिया जाता है। क्योंकि इस नाल में कोई नस नहीं होती है इसलिए बच्चे को दर्द नहीं होता है। अगर इसे बांधा नहीं भी जाता है, तो स्वाभाविक रूप से खुद ही बंद हो जाती है।
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किस वजह से होता है अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia)?
जन्म से लेकर 3 साल तक बच्चे के तमाम अंदरूनी अंगों का विकास तेजी से होता रहता है। ऐसे में अगर कोई आंतरिक अंग बच्चे के पेट में किसी कमजोर हिस्से पर दबाब बनाता है, तो वो हिस्सा उभर आता है। आमतौर पर जन्म के दौरान अम्बिलिकल कॉर्ड यानी नाभि वाला हिस्सा कमजोरी होता है क्योंकि उस जगह से गर्भनाल निकलने की जगह होती है। ऐसे में अत्यधिक दबाव गर्भनाल को भी तय सीमा से ज्यादा बाहर धकेल देता है।
कई बार जब मां एक से ज्यादा बच्चे को जन्म दे तभी भी किसी एक या दोनों बच्चों को प्रतिकूल माहौल की वजह से ये बीमारी हो सकती है। इसी स्थिति को अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia) कहते हैं। बच्चों में ये हर्निया सामान्य है मगर बड़ों को भी ये समस्या हो सकती है। सामान्यतः शुरुआती दिनों में 10 प्रतिशत बच्चों में ये समस्या होती है, जिनमें से ज्यादातर बच्चों में ये अपने आप ठीक हो जाती है।
क्या खतरनाक है नाभि का हर्निया?
आमतौर पर इस तरह का हर्निया का खतरनाक नहीं होता लेकिन अगर इसकी वजह से किसी हिस्से में खून का प्रवाह रूक जाए तो यह स्थिति खतरनाक होती है।
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कैसे होती है अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia) की जांच?
आमतौर पर डॉक्टर्स शिशु की नाभि देखकर अम्बिलिकल हर्निया के बारे में पता लगाते हैं। कई मामलों में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के द्वारा इस बात की जांच की जाती है कि अम्बिलिकल हर्निया के कारण शरीर में कोई परेशानी या किसी अंदरूनी अंग का दबाव तो नहीं है। इसके अलावा ब्लड इंफेक्शन या एस्केमिया की आशंका होने पर खून की जांच भी की जाती है।
क्या है उभरी हुई नाभि का इलाज?
अगर शिशु की उभरी हुई नाभि 3-4 साल की उम्र तक ठीक नहीं होती है, तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है। कई बार बच्चे को इस हर्निया के कारण दर्द होता है या ब्लड सर्कुलेशन में समस्या आती है, तो भी सर्जरी की जरूरत पड़ती है। कई बार बच्चों के पेट में दर्द का कारण आंत में मरोड़ भी हो सकता है इसलिए ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
निष्कर्ष- यूं तो नाभि में कई उभार अपने आप चले जाते हैं पर अगर ऐसा न हो तो बच्चों के डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए। वहीं व्यस्कों में एक उम्र के बाद भी इस तरह के उभार नाभि में आ जाते हैं। ऐसा कमजोर मांसपेशियों की वजह से होता है, इसके लिए भी डॉक्टर की मदद ली जानी चाहिए।
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