चिकनगुनिया (Chickungunya) क्या है?
चिकनगुनिया एक वायरस है जो मच्छरों द्वारा फैलता है। इससे इंफेक्टेड मरीज अचानक बुखार और गंभीर जोड़ों के दर्द से पीड़ित हो जाते हैं।
सबसे पहले 1952 में तंजानिया में एक प्रकोप के दौरान चिकनगुनिया के वायरस का पता चला था। यह एक रिबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) वायरस है जो टोगवारिडाय (Togaviridae) अल्फावायरस वर्ग से संबंधित है।
चिकनगुनिया (Chikungunya) कितनी सामान्य बीमारी है?
इसकी पहचान एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के 60 से भी अधिक देशों में की गई है। यह किसी भी उम्र, किसी भी जेंडर के लोगों को प्रभावित कर सकती है। इसके कारणों को कम करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से सलाह लें।
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चिकनगुनिया के क्या लक्षण हैं?
- बुखार (Fever)
- जोड़ों में दर्द (Jointapain)
- मांसपेशियों में दर्द (Muscle aches)
- सिरदर्द (Headache)
- जी मिचलाना (Nausea)
- थकान (Fatigue)
- लाल चकत्ते (Rashes)
- संक्रमित मच्छर के काटने के बाद लक्षण आमतौर पर 4 और 8 दिनों के बीच दिखाई देते हैं। इस बीमारी के कुछ लक्षण डेंगू और जीका से मिलते हैं। इसलिए इसके लक्षणों को डेंगू के लक्षण समझने की गलती भी हो जाती है।
इस बुखार से मृत्यु नहीं होती लेकिन, इसके लक्षण काफी गंभीर हो सकते हैं। हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में किसी भी तरह की शंका है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
आपको या परिवार के किसी सदस्य को चिकनगुनिया हो सकता है, खासकर यदि हाल ही में आप ऐसी जगह से आए हैं जहां पर इसका प्रकोप रहा हो। ऐसे में अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
चिकनगुनिया किन कारणों से होता है?
चिकनगुनिया बुखार चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण के कारण होता है। जब कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो और उसे मच्छर काट ले तो वो मच्छर भी इस वायरस से संक्रमित हो जाता है और जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह भी इस वायरस से इंफेक्टेड हो जाता है। ऐसा कम ही देखा गया है कि चिकनगुनिया वायरस जन्म के समय मां से नवजात शिशु में फैले। बता दें कि स्तनपान से भी यह वायरस नहीं फैलता है।
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चिकनगुनिया का खतरा किन लोगों को ज्यादा होता है?
- अगर आप ट्रॉपिकल देशों में रहते हैं।
- अगर ऐसी जगह पर जाते हैं जहां ये वायरस फैला हुआ है।
- अगर आप ऐसे क्षेत्र में निवास करते हैं जहां गंदगी रहती है।
- यदि आप एक वयस्क हैं और उच्च रक्तचाप (हाई बीपी), डायबिटीज या हृदय रोग जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं तो आपको इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
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चिकनगुनिया का निदान कैसे किया जाता है?
इस बुखार के लक्षण डेंगू और जीका से काफी मिलते-जुलते हैं इसलिए बीमारी की पुष्टि के लिए डॉक्टरों को ब्लड टेस्ट की आवश्यकता होती है।
चिकनगुनिया का इलाज ( Chikungunya Ayurvedic Treatment) कैसे किया जाता है?
इस वायरस से बचने का कोई टीका नहीं है। उपचार केवल बुखार के लक्षणों को कम कर सकता है। यदि चिकनगुनिया बुखार है तो डॉक्टर आमतौर पर मरीज को आराम करने की सलाह देते हैं। डीहाइड्रेशन से बचने के लिए अधिक तरल पदार्थ पीने और मच्छरों से बचने की सलाह दी जाती है।
दर्द और बुखार को कम करने के लिए, एसिटामिनोफेन या पेरासिटामोल जैसी दवा दी जाती हैं। डॉक्टर की अनुमति के बिना अन्य दवाएं नहीं लेनी चाहिए। यदि किसी अन्य बीमारी के लिए दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर को जरूर बताएं।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
- मच्छरों को बाहर रखने के लिए खिड़की/दरवाजे बंद रखें।
- चिकनगुनिया वायरस ले जाने वाले मच्छर सुबह से शाम तक सबसे अधिक सक्रिय होते हैं, लेकिन वे रात में भी काट सकते हैं। मच्छरदानी के नीचे सोएं खासकर अगर आप बाहर हैं।
- ऐसे कपड़ें पहनें जो फुल हो जैसे-लंबी आस्तीन वाली शर्ट, लंबी पैंट, मोजे और जूते जिससे मच्छर के काटने से बचा जा सके।
- मच्छरों के प्रजनन क्षेत्र को कम करने से मच्छरों की आबादी में कमी आएगी। घर के आसपास रखें सामान जैसे कि ऑटोमोबाइल टायर, फ्लावर पॉट आदि में पानी जमा न होने दें ।
- डॉक्टर के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही कीट रेपेलेंट का उपयोग करें।
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इस आर्टिकल में हमने आपको चिकनगुनिया से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।