परिचय
रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness) क्या है?
यह बीमारी तब होती है जब ज्यादा मात्रा में अत्याधिक ऊर्जा वाले रेडिएशन आपके शरीर से होते हुए आपके आंतरिक अंगों तक पहुंचता है। रेडिएशन सिकनेस को एक्यूट रेडिएशन सिंड्रोम भी कहते हैं। आपके शरीर द्वारा अवशोषित रेडिएशन की मात्रा और उसकी अवशोषित खुराक यह निर्धारित करती है कि आप कितने बीमार हो सकते हैं। आपको बता दें कि यह बीमारी आम इमेजिंग टेस्ट के कारण नहीं होती है जिसमें कम खुराक वाली रेडिएशन का इस्तेमाल होता है जैसे कि एक्स रे या सीटी स्कैन आदि।
कितना सामान्य है रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness) का होना?
हालांकि रेडिएशन से जुडी यह बीमारी बहुत ही गंभीर और खतरनाक होती है। आपको बता दें कि यह बीमारी एक प्रकार की रेयर बीमारी है। दूसरे विश्व युद्ध के समय जापान के शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु विस्फोट के बाद से इस बीमारी के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए हैं। आज के समय में इस तरह की समस्या किसी कार्यस्थल में होने की संभावना हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति ऐसी जगह रह रहा है या कार्य कर रहा है तो उसे रेडिएशन से खाततौर पर सावधानी रखने की आवश्यकता है।
औप पढ़ें : Claudication : क्लॉडिकेशन क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
लक्षण
रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness) के क्या लक्षण होते हैं?
रेडिएशन सिकनेस के लक्षणों की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितना रेडिएशन अवशोषित कर सकते हैं। आप कितना रेडिएशन अवशोषित कर सकते हैं यह रेडिएशन ऊर्जा की ताकत या आपके और रेडिएशन स्रोत के बीच की दूरी पर निर्भर करता है। इस गंभीर बीमारी के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं;
- मिचली
- उल्टी आना
- डायरिया की समस्या
- सिर दर्द की समस्या
- बुखार आना
- सुस्ती
- कमजोरी
- थकान
- बालों का झड़ना
- उल्टी या मल के साथ ब्लड का आना
- इन्फेक्शन की समस्या
- ब्लड प्रेशर का कम होना
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर रेडिएशन अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से जरुर बात कर लें।
औप पढ़ें :Compulsive over-exercising : कम्पलसिव ओवर एक्सरसाइजिंग क्या है?
कारण
रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness) के क्या कारण होते हैं?
रेडिएशन हम सभी के आसपास होता है। डोज के आधार पर रेडिएशन के असर का कम किया जा सकता है। वैसे तो रेडिएशन से सीधे तौर पर बचा नहीं जा सकता है, लेकिन इसके असर को किसी बैरियर की हेल्प से कम जरूर किया जा सकता है। रेडिएशन फैलने का कारण चाहे जो भी हो, लेकिन सावधानी अपनाकर रेडिएशन सिकनेस की समस्या से बचा जा सकता है।
रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness) के बारे में आपको जानना है तो पहले ये जान लें कि आखिर रेडिएशन क्या होता है ? रेडिएशन एटम यानी परमाणु से निकली हुई एनर्जी है जो या तो वेव या फिर छोटे पार्टिकल के रूप में रिलीज होती है। जब हाई डोज रेडिएशन शरीर पर पड़ता है तो ये शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। हाई डोज रेडिएशन इंसान को कई स्थानों में मिल सकता है। कुछ सोर्स जहां रेडिएशन एक्सपोजर का खतरा अधिक होता है, उनमें शामिल हैं
- न्यूक्लियर इंडस्ट्री फैसिलिटी में हुई कोई दुर्घटना
- न्यूक्लियर इंडस्ट्री फैसिलिटी में हुआ कोई अटैक
- एक छोटे रेडियोधर्मी उपकरण का विस्फोट
- रेडियोएक्टिव मैटीरियल का विस्फोट
- हाई रेडिएशन जो कि शरीर में जाने के बाद कुछ कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।
- हाई रेडिएशन का शरीर के नाजुक हिस्सों जैसे कि पेट, इंटेस्टाइनल ट्रैक, बोन मैरो में ब्लड सेल प्रोडक्शन सेल्स आदि को क्षति।
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें : Dandruff: डैंड्रफ क्या है? जानें बालो में रुसी के कारण, लक्षण और उपाय
जोखिम
रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness) के साथ और क्या समस्याएं हो सकती हैं?
रेडिएशन सिकनेस से लंबे या कम समय के लिए मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम भी हो सकती है। रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness)के कारण भय, चिंता और दुख जैसी समस्याओं का एहसास भी हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति के साथ ऐसी घटना घटी है तो उसे पल-पल समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे व्यक्तियों के दिमाग में कुछ ख्याल अक्सर आते हैं जैसे कि,
- रेडियोधर्मी दुर्घटना या हमले का अनुभव
- रेडियोधर्मी दुर्घटना में किसी अपने के चले जाने का गम
- ऐसी बीमारी से लड़ने की चिंता जिसके बारे में उन्हें अधिक जानकारी नहीं होती है।
- रेडिएशन के कारण मन में कैंसर के जोखिम के बारे में चिंता
और पढ़ें: Gaucher Diesease : गौशर रोग क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और निवारण
उपचार
रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness) का इलाज कैसे किया जाता है?
रेडिएशन की वजह से आपके पेट, आंतें, ब्लड वेसेल्स और बोन मेरो (Bone Marrow) को नुकसान पहुंच सकता है। बोन मेरो के डैमेज होने से व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) की संख्या कम हो जाती है जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इन इंफेक्शन को रोकने के लिए डॉक्टर ब्लड ट्रांसफ्यूजन कर सकता है या बोन मैरो के रिकवर होने के लिए दवाइयां दे सकता है। इससे जुडी और दूसरी समस्याओं जैसे जल जाना आदि के इलाज के लिए कुछ फ्लूइड दे सकता है। रेडिएशन सिकनेस से ठीक होने में दो साल तक का समय लग सकता है।
और पढ़ें: Depression: डिप्रेशन क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
इन बातों का रखें ध्यान
रेडिएशन सिकनेस (Radiation sickness) से बचने के लिए आपको कई बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। कई बार घर के आसपास भी ऐसी स्थिति बन सकती है जब रेडिएशन से आपको खतरा हो सकता है। अगर आपको टेलीविजन या रेडियो के माध्यम से रेडिएशन के बारे में सूचित किया जा रहा है तो तुरंत सावधानी बरतें और कुछ बातों का ध्यान रखें।
शेल्टर प्लेस में जाएं।
- घर के सभी खिड़की, दरवाजों को बंद कर दें।
- घर के पालतू जानवरों को भी सुरक्षित स्थानों में ले जाएं।
- अगर आप घर में हैं तो घर के तहखाने में जाकर भी आप सुरक्षित रह सकते हैं।
- घर के एयर कंडीशन और हीटिंग उपकरण को बंद कर दें।
- ऐसी परिस्थिति आने पर टीवी और रेडियों के संपर्क में लगातार बने रहें।
- अगर आपको उस स्थान को खाली करने की सलाह दी जाती है तो आपको तुरंत खतरे वाले स्थान को खाली कर देना चाहिए। साथ
- ही अपने साथ जरूरी सामान को लेकर ही जाएं।
कुछ वस्तुओं जैसे कि टॉर्च, प्राथमिक चिकित्सा किट, जरूरी दवाओं, कपड़ों और थोड़ा सा खाने का सामान अपने साथ जरूर रख लें।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आप किसी ऐसे स्थान में काम करते हैं, जहां रेडिएशन का खतरा है तो इस बारे में डॉक्टर से जरूर बात करें। डॉक्टर आपको सावधानी के बारे में जानकारी दे सकता है। कोशिश करें कि ऐसे स्थानों में काम करने से बचें, जहां स्वास्थ्य को खतरा हो। अगर आपको फिर भी काम करना पड़ रहा है तो बिना सावधानी के ऐसे स्थान में न जाएं।
[embed-health-tool-bmi]