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पहले इतना खर्चा आता था एयर एंबुलेंस लेने में
अभी तक पेशेंट्स के एयर मेडिकल ट्रांसफर को बेहद एक्सपेंसिव माना जाता था, जिसका लाभ केवल हाई इनकम ग्रुप के लोग उठा पाते थे और आम जनता का एक बहुत बड़ा वर्ग इन सेवाओं के दायरे से बाहर था। किसी स्थान से अस्पताल की दूरी, उड़ान में लगने वाला समय, विमान को किराए पर लेने की लागत, आकस्मिक स्थिति में बेड-टू-बेड ट्रांसफर पर होने वाला खर्च और मेडिकल क्रू सदस्यों की तैनाती की लागत जैसे कारकों की वजह से एक मरीज को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने पर तकरीबन 2.5 लाख रुपये से लेकर 18 लाख रुपये तक का खर्च आता था, जो तय की गई दूरी पर आधारित थी।
एयर एंबुलेंस (Air Ambulance) का मतलब क्या है?
आपने ऊपर कैशलेस एयर एंबुलेंस सर्विस के बारे में तो जान लिया, लेकिन अब जानते हैं कि आखिर एयर एंबुलेंस का मतलब क्या होता है। आप ऐसे समझिए कि, जब एक घटनास्थल या किसी भी हॉस्पिटल से किसी अन्य हॉस्पिटल, जहां पेशेंट की जान बचाने के लिए अति-आवश्यक इलाज के लिए बेहद ही कम टाइम में ले जाने के लिए बेसिक मेडिकल फेसिलिटी से लैस एयर प्लेन या हेलिकॉप्टर को एयर एंबुलेंस कहा जाता है। अब और भी आसानी से समझें तो, हवाई एंबुलेंस (एयर एंबुलेंस) वो हेलिकॉप्टर या एयर प्लेन होता है, जिसमें वो सभी चीजें और फेसिलिटी होती है, जो कि किसी एमरजेंसी सिचुएशन में समय रहते किसी पेशेंट की जिंदगी बचाने के लिए उसे एक जगह या हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल ले जाने के लिए जरूरी होता है। यह सर्विस सीरियस सिचुएशन में कम टाइम में लंबी दूरी तय करने और रोड़ पर होने वाली भीड़ से बचने के लिए एयर एंबुलेंस का उपयोग किया जाता है।
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किन सिचुएशन में एयर एंबुलेंस का उपयोग किया जाता है?