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Cerebral Angiogram :सेरिब्रल एंजियोग्राम क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/10/2020

Cerebral Angiogram :सेरिब्रल एंजियोग्राम क्या है?

परिचय

सेरिब्रल एंजियोग्राम (Cerebral Angiogram) क्या है?

सेरिब्रल एंजियोग्राफी एक ऐसा टेस्ट है जिसमे एक्स-रे का प्रयोग किया जाता है। इस टेस्ट में एक सेरिब्रल एंजियोग्राम और एक तस्वीर बनती है जिससे डॉक्टर को रोगी के सिर और गर्दन की रक्त वाहिकाओं की रुकावट और अन्य समस्याओं के बारे में जानने में मदद मिल सकती है। यह रुकावटे और असमान्यतएं दिमाग में स्ट्रोक और ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं।

सेरिब्रल एंजियोग्राफी को इंट्रा-आर्टियल डिशिटल सब्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी भी कहा जाता है। इसमें एक कैथेटर (लंबी, पतली, लचीली ट्यूब) को हाथ या पैर की धमनी में डाला जाता है। कैथेटर का इस्तेमाल करते हुए, एक तकनीशियन आर्टरी में एक विशेष डाई इंजेक्ट करता है जो मस्तिष्क की ओर जाती है। यह आर्टरी के अंदरूनी हिस्सों के एक्स-रे चित्रों का उत्पादन करने का एक तरीका है। आमतौर पर इसे किसी दूसरे टेस्ट में कोई परेशानी नजर आने के बाद रिकमेंड किया जाता है। इसे एक्यूट स्ट्रोक के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके द्वारा निकाले जाने वाली इमेज दूसरी किसी तकनीक से नहीं निकाली जा सकती हैं।

सेरिब्रल एंजियोग्राफी यानी सेरिब्रल एंजियोग्राम की खोज सबसे पहले एक पुर्तगाल के चिकित्सक और न्यूरोलॉजिस्ट ने 1927 में की थी। इससे हृदय की धमनी में रुकावट एवं सिकुड़न की जानकारी का तत्काल पता चल जाता है। इस उपचार के बाद रोगी के हृदय की रक्तविहीन मांसपेशियों में खून का प्रवाह बढ़ जाता है और उसे तत्काल आराम मिल जाता है।

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उपयोग

सेरिब्रल एंजियोग्राफी (Cerebral Angiogram) की जरूरत कब होती है?

ऐसा जरूरी नहीं है कि जिन भी लोगों की धमनियों में रुकावट हो उन्हें ही सिर्फ सेरिब्रल एंजियोग्राफी करने की जरूरत पड़े। इसकी जरूरत तभी पड़ती है जब डॉक्टर को आपका उपचार करते हुए आपके रोग और स्थिति के बारे में अधिक जानकारी चाहिए होती है। इस टेस्ट को करना थोड़ा जोखिम भरा होता है इसलिए इस टेस्ट की सलाह कम दी जाती है। मरीज की सेहत को ध्यान में रखकर जांच करने का फैसला किया जाता है। 

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एक सेरिब्रल एंजियोग्राम का प्रयोग गर्दन और दिमाग की रक्त वाहिकाओं की कुछ समस्याओं को दूर करने में भी किया जा सकता है। सेरिब्रल एंजियोग्राफी से इन रोगों की पहचान करने में मदद मिल सकती है:

  • धमनीविस्फार (aneurysm)
  • धमनीकाठिन्य (arteriosclerosis)
  • आर्टिरियोवेनस मैलफॉर्मेशन (arteriovenous malformation )
  • वास्कुलिटिस (vasculitis), या रक्त वाहिकाओं में सूजन
  • ब्रेन ट्यूमर (brain tumor)
  • ब्लड क्लॉट्स (blood clots)

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इसके साथ ही सेरिब्रल एंजियोग्राम का प्रयोग इन लक्षणों के दिखने पर भी किया जाता है, जैसे

  • स्ट्रोक आना (Stroke)
  • अधिक सिरदर्द (Headache)
  • कमजोर याददाश्त (Weak memory)
  • अस्पष्ट संवाद (Ambiguous dialogue)
  • जी मिचलना (Nausea)
  • धुंधला दिखाई देना (Blurry vision)
  • कमजोरी या शरीर का सुन्न होना (Weakness or numbness of body)
  • शरीर का संतुलन बिगड़ना (Deterioration of body balance)

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प्रक्रिया

सेरिब्रल एंजियोग्राफी (Cerebral Angiogram) की तैयारी कैसे करें?

सेरिब्रल एंजियोग्राफी को करने के लिए एक्स-रे मशीन का प्रयोग किया जाता है। एक्स-रे रेडिएशन जैसे लाइट और रेडियो तरंगों का ही एक प्रकार है। यह तरंगे शरीर से गुजरती हैं। जब यह तरंग शरीर के उस अंग पर पड़ती हैं जिन्हे जांचना है तो फोटोग्राफिक फिल्म और खास डिटेक्टर पर तस्वीर रिकॉर्ड हो जाती है। इस तस्वीर को कंप्यूटर पर स्टोर कर लिया जाता है।

  • इस टेस्ट के लिए आपको कुछ खास तैयारी नहीं करनी होती लेकिन डॉक्टर द्वारा बातों का पालन आवश्यक करें
  • इस टेस्ट को करने से पहले आपको किसी भी तरह की कोई गहने नहीं पहनने हैं।
  • इस टेस्ट से पहले आपको कुछ घंटे तक न तो कुछ खाना है न ही पीना है।
  • इस टेस्ट से पहले डॉक्टर आपको किसी भी तरह की दवाई न लेने की सलाह देंगे क्योंकि इससे ब्लीडिंग की संभावना बढ़ जाती है जैसे एस्पिरिन, नोस्टेरॉइडल या एंटी इन्फ्लामेटरी दवाई आदि।
  • अगर आप नयी मां हैं और बच्चे को स्तनपान कराती हैं तो इस टेस्ट से पहले पंप के प्रयोग से दूध पहले ही अपने बच्चे के लिए रख दें। क्योंकि इसके बाद आपको कम से कम एक दिन तक बच्चे को दूध नहीं पिलाना है।

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सलाह

सेरिब्रल एंजियोग्राफी (Cerebral Angiogram) करवाने जाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

इन बातों को ध्यान में रखकर सेरिब्रल एंजियोग्राफी के लिए जाएं।

  • इस टेस्ट से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें लें कि आपको क्या-क्या तैयारी करनी है।
  • अगर आपको कोई एलर्जी है तो पहले ही डॉक्टर को बता दें। कुछ लोगों को इस टेस्ट में प्रयोग करने वाली चीज़ें से एलर्जी हो जाती है। इसलिए आपका पहले से ही डॉक्टर को बताना आवश्यक है।
  • अगर आप किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं या अपनी मेडिकल स्थिति के बारे में भी डॉक्टर को बता दें नहीं तो टेस्ट के दौरान आपको समस्या हो सकती है। 
  • अगर आपको डायबिटीज या किडनी से जुड़ा रोग है तो भी डॉक्टर को बताना न भूलें।
  • अगर आप गर्भवती हैं तो ऐसे में भी डॉक्टर को बता दें और डॉक्टर के कहे अनुसार सावधानियां बरते।
  • ब्लड थिनर, एस्प्रिन या नॉनस्टेरॉयड एंटी-इंफ्लेमेंटरी ड्रग्स लेते हैं, तो इसकी जानकारी भी अपने डॉक्टर देना न भूलें।

ऊपर युक्त परेशानी महसूस होने पर या समझ आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

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जोखिम

सेरिब्रल एंजियोग्राफी (Cerebral Angiogram) के जोखिम क्या हैं?

सेरिब्रल एंजियोग्राफी के कुछ कम लेकिन गंभीर जोखिम हो सकते हैं जैसे

इसलिए इस टेस्ट की सलाह सबको नहीं दी जाती है। डॉक्टर के सलाह अनुसार ही सेरिब्रल एंजियोग्राफी करवाएं।

महत्वपूर्ण बातें

सेरिब्रल एंजियोग्राफी के बाद रखें ध्यान

इस टेस्ट के बाद आपको आराम करने के लिए अन्य कमरे में भेज दिया जाएगा ताकि आप घर जाने से पहले कुछ घंटे आराम कर सके। 

  • घर जाने के बाद भी आप कुछ चीजों का ध्यान रखें जैसे कुछ दिनों तक किसी भारी चीज को न उठायें।
  • अगर आपको स्ट्रोक, बोलने में परेशानी, कमजोरी, अंगों का सुन्न हो जाना, आंखों की रोशनी का कम होना, पैर या टांग में सूजन, छाती में दर्द, चक्कर आना आदि कुछ हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
  • पैर में अगर सेरिब्रल एंजियोग्राफी के सूजन आ जाये तो इसे नजरअंदाज न करें।

किसी भी जांच या बीमारी से घबराये नहीं। क्योंकि जांच जोखिमभरा हो सकता है लेकिन, टेस्ट रिपोर्ट्स आने के बाद ही डॉक्टर भी सही इलाज करने में सफल हो सकते हैं। किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए इम्यून पावर स्ट्रॉन्ग होना बेहद जरूरी है। इसलिए इम्यून पावर को स्ट्रॉन्ग बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार, मौसमी फल, हरी सब्जियां, नट्स आदि का सेवन करें। इसके साथ ही दो से तीन लीटर पानी रोजाना पीएं। रोज दूध पीएं। पौष्टिक आहार के साथ-साथ नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। घर में भी आसानी से वर्कआउट किया जा सकता है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहें हैं, तो वॉक पर जाएं या स्विमिंग करें। रोजाना सात से आठ घंटे की नींद लें। पौष्टिक आहार, नियमित वर्कआउट या साउंड स्लीप जैसे अन्य पॉसिटिव डेली रूटीन को रोजाना फॉलो करना बेहद आवश्यक है। यही सेहतमंद रहने की कुंजी है।

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उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में सेरिब्रल एंजियोग्राफी से जुड़ी जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं या आपका किसी तरह का कोई सवाल है तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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