मां को भी स्वस्थ रखता है
जो मांएं अधिक स्तनपान कराती है उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है। साथ ही यह ओवेरियन कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को भी कम करता है। इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग से वजन भी कम होता है क्योंकि इससे कैलोरी बर्न होती है।
मस्तिष्क का विकास करता है
अध्ययनों के मुताबिक, ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों के मस्तिष्क का विकास अच्छी तरह होता है। कुछ अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक स्तनपान करने से बच्चे स्मार्ट बनते हैं, क्योंकि उन्हें ब्रेस्ट मिल्क से ओमेगा 3 फैटी एसिड और डीएचए मिलता है जो मानसिक विकास में मददगार है।
बच्चे को शांत करता है
ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे का पेट तो भरता ही है साथ ही इसके जरिए वह मां से जुड़ा रहता है और यह बच्चे को शांत भी रखता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब बच्चा गिर जाए या उसे चोट लग जाए तो स्तनपान कराने से उसे आराम मिलता है और उसका ध्यान चोट से हट जाता है यानी ब्रेस्टफीडिंग बच्चे को शांत कराने में मदद करता है।
मां को भी शांत करता है
बच्चे के साथ ही स्तनपान मां के लिए भी बहुत रिलैक्सिंग होता है। घर-ऑफिस के तनाव को वह ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भूल जाती हैं और बस बच्चे का मासूम स्पर्श उन्हें खुशी देता है। क्योंकि यह समय सिर्फ मां और बच्चे का होता है।
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पतली कमर