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गाय, भैंस ही नहीं गधे और सुअर जैसे एनिमल मिल्क में भी छुपा है पोषक तत्वों का खजाना

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/01/2020

    गाय, भैंस ही नहीं गधे और सुअर जैसे एनिमल मिल्क में भी छुपा है पोषक तत्वों का खजाना

    हेल्दी ड्रिंक का नाम आए और लिस्ट में दूध का नाम शामिल न हो ये नहीं हो सकता। दूध में पोषक तत्व के बारे में आप जरूर जानते होंगे लेकिन, आप एनिमल मिल्क के प्रकार के बारे में नहीं जानते होंगे? खैर कोई बात नहीं आज जानेंगे  एनिमल मिल्क के प्रकार। गाय और भैंस के दूध के अलावा और कौन-कौन से एनिमल मिल्क होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। आइए जानते हैं।

    एनिमल मिल्क के प्रकार:

    ऊंट का दूध (Camel milk)

    ऊंट के दूध में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें फैट कम होता है और डायजेस्ट भी आसानी से हो जाता है। इसे कच्चा या फर्मेन्टड सेवन किया जा सकता है।

    इस एनिमल मिल्क की खास बात यह है कि इसे स्टोरेज की दिकक्त नहीं आती है। यह काफी हाई टेम्परेचर यानि कि 86 डिग्री फॉरेनहाइट या फिर करीब 30 डिग्री सेल्सियस पर भी सात दिन तक खराब नहीं होता है। इसके साथ ही चौकाने वाली बात यह भी है कि अगर ऊंटनी के दूध को ठीक ढंग से रेफ्रिजरेटर में रखा जाए तो ये पूरे तीन महीनों तक खराब नहीं होगा और पीने लायक बना रहेगा।

    अमेरिका की मशहूर मॉडल, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और रिएलिटी टीवी स्टार किम कार्दशियन ने अपने एक ट्रिप के दौरान ऊंट के दूध की जानकरी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की थी तब से ऊंट के दूध की डिमांड बढ़ गई है और कई सेलेब्रिटी इसका सेवन करते भी हैं। ऐसे कई मामले हैं जब किसी सेलिब्रिटी के द्वारा किसी एनिमल मिल्क का सेवन करने के बाद एलिमल मिल्क डिमांड तेजी से बढ़ी है।

    भैंस का दूध (Buffalo milk)

    भारत में एनिमल मिल्क की बात होते ही सबसे पहले जेहन में भैंस का दूध आता है।  भैंस के दूध में फैट की मात्रा अत्यधिक होती है और इसे पचाना भी आसान नहीं होता है। बच्चे भैंस के दूध को आसानी से पचा नहीं पाते हैं।

    सूअर का दूध (Pig milk)

    एनिमल मिल्क के प्रकार में तीसरे नंबर पर है सूअर का दूध। सूअर के दूध में न्यूट्रिएंट्स की भरपूर मात्रा उपलब्ध होती है। गाय के दूध में 3.9 प्रतिशत न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं तो वहीं सूअर में 8.5 प्रतिशत।

    बकरी का दूध (Goat Milk)

    बकरी के दूध को डायजेशन के लिए बेहतर माना जाता है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। हालांकि ये उन लोगों के लिए नहीं है, जो दूध को पचा नहीं पाते हैं।

    हिरन का दूध (Reindeer milk)

    हिरन के दूध में लेक्टॉस नहीं होता है लेकिन, इसमें फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है।

    भेड़ का दूध (Sheep milk)

    भेड़ के दूध में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इससे ज्यादातर चीज और योगर्ट ही बनाया जाता है। माना जाता है कि गाय के दूध में मौजूद फैट की मात्रा की तुलना में भेड़ के दूध में फैट की मात्रा दोगुनी होती है।

    गधे का दूध (Donkey milk)

    गधे के दूध में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए जिन्हें गाय का दूध डायजेस्ट नहीं होता है, वो गधे के दूध का सेवन कर सकते हैं। यही नहीं प्राचीन मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा ने अपनी सुंदरता और यौवन को बनाए रखने के लिए गधे के दूध में स्नान किया करती थीं। इस दौर में भी गधे के दूध से बने कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। ऐसे में एनिमल मिल्क की बात हो, तो गधे के दूध को हमेशा ब्यूटी प्रोडकट्स से जोड़कर देखा जाता है।  

    घोड़े का दूध (Horse milk)

    घोड़े के दूध को एनिमिल मिल्क न मानकार ह्यूमन मिल्क के समान माना जाता है। यही नहीं घोड़े के दूध में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए जिन्हें गाय का दूध डायजेस्ट नहीं होता है वे घोड़े के दूध का सेवन कर सकते हैं।

    याक का दूध (Yak milk) 

    याक के दूध की खुशबू मीठी होती है और इसमें फैट और प्रोटीन अन्य दूध के मुकाबले ज्यादा होता है। भारत के पहाड़ी राज्यों में एनिमल मिल्क के रूप में सदियों से याक के दूध का सेवन किया जा रहा है। यहीं नहीं बौद्ध धर्म के अनुयायी, जो कि भारत में ऊचाईयों वाले इलाके में रहते हैं वे इससे कई तरह के डेयरी प्रोडक्ट्स भी तैयार करते हैं।

     जिराफ का दूध (Giraffe milk)

    जिराफ के दूध में विटामिन-ए, विटामिन-बी 12 की मात्रा ज्यादा होती है। इससे डायबिटीज, असंतुलित कॉलेस्ट्रॉल और इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का इलाज किया जाता है। एनिमिल मिल्क के तौर पर मेडिसिनल प्रॉपटीज को देखते हुए जिराफ का दूध काफी मशहूर है।

     हाथी (Elephant milk)

    हथिनी के दूध में न्यूट्रिशन की मात्रा अत्यधिक होती है। इसलिए इसका सेवन नहीं किया जा सकता है।

    एनिमल मिल्क के अलावा

    इन एनिमल मिल्क के अलावा कुछ पेड़-पौधों के दूध में भी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। कहते हैं इन पौधों के दूध और गाय के दूध दोनों के सेवन से शारीरिक लाभ मिलता है। पौधें जिनके दूध में पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं वो निम्नलिखित हैं।

    काजू का दूध (Cashew milk)

    जो लोग वेजिटेरियन डायट (वेगन) फॉलो करते हैं और एनिमिल मिल्क से दूरी बनाकर रखते हैं उनके लिए काजू का दूध बेहतर विकल्प हो सकता है।

    बादाम का दूध (Almond milk)

    बादाम के दूध में कैलोरी तो कम होती है लेकिन, इसमें प्रोटीन की मात्रा भी कम होती है। जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल की समस्या है उनके लिए बादाम का दूध बेहतर विकल्प हो सकता है।

    नारियल का दूध (Coconut milk)

    नारियल के दूध में लेक्टॉस नहीं होता है, लेकिन कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है। कोकोनट मिल्क में फाइबर, विटामिन-सी, विटामिन-बी 1, आयरन, कैल्शियम और मैग्नेशियम इसके न्यूट्रिशन लेवल को बढ़ा देता है। इसलिए इसे ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाता है।

    सोया दूध (Soya milk)

    सोया का दूध कोलेस्ट्रॉल और लेक्टॉस फ्री होता है और इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है।

    चावल का दूध (Rice milk)

    चावल का दूध ब्राउन राइस से निकाला जाता है। वीगन डायट फॉलो करने वालों के लिए चावल का दूध बेहतर विकल्प माना जाता है।

    अब तो आप समझ गए होंगे कि सिर्फ गाय का दूध ही पोष्टिक नहीं है। दूसरे एनिमल मिल्क में भी न्यूट्रिशियन का खजाना पाया जाता है। ऐसे किसी भी दूध को उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से कंसल्ट करें। क्योंकि हर इंसान की बॉडी अलग होती है जो हर पोषक तत्व पर अलग तरह से रिएक्ट करती है। इसलिए बेहतर होगा कि डॉक्टर से कसंल्ट करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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