परिभाषा
न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट (Nuclear Stress Test) क्या है?
न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट में रेडियोएक्टिव डाई और एक इमेजिंग मशीन के जरिए ह्दय में रक्त प्रवाह की जांच की जाती है। जब आप सो रहे होते हैं तब यह टेस्ट आपके रक्त प्रवाह को मापता है। इस टेस्ट में खराब रक्त प्रवाह वाले हिस्से और हृदय को यदि कुछ क्षति हुई है तो वह भी नजर आता है।
टेस्ट में रेडियोएक्टिव डाई को इंजेक्ट करना शामिल है, उसके बाद हृदय की दो सेट तस्वीर ली जाती हैं- एक जब आप आराम कर रहे होते हैं और दूसरा थकान के बाद।
न्यूक्लीयर टेस्ट कई तरह के स्ट्रेस टेस्ट में से एक है जो अकेले या संयोजन में किया जाता है। यदि आपके डॉक्टर को कोरोनरी आर्टरी डिसीज का संदेह है, तो एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट की तुलना में न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट से हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के जोखिम को बेहतर ढंग से निर्धारित करने में मदद मिलती है।
न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट (Nuclear Stress Test) क्यों किया जाता है ?
यदि सामान्य स्ट्रेस टेस्ट से आपकी छाती में दर्द और सांस उखड़ने के कारणों का पता नहीं चल पाता, तो आपको न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट की जरूरत है। किसी दिल की बीमारी का निदान किया जाता है, तो न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट से उसके इलाज में मदद मिलती है। आपको डॉक्टर न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट की सलाह देगा:
- कोरोनरी आर्टरी डिसीज के निदान के लिए। कोरोनरी आर्टरीज हृदय तक खून, ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व पहुंचाने वाली मुख्य रक्त वाहिका है। जब ये आर्टरीज क्षतिग्रस्त या बीमार हो जाती हैं, जैसे बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रोल या अन्य पदार्थ के जमने से, तो कोरोनरी आर्टरी डिसीज विकसित होती है। यदि आपको छाती में दर्द या सांस उखड़ने जैसे लक्षण दिखते हैं, तो न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट से यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि क्या आपको कोरोनरी आर्टरी डिसीज है और यह कितना गंभीर है।
- हृदय रोगों के उपचार में मार्गदर्शन करना। यदि कोरोनरी आर्टरी डिसीज का निदान किया जाता है, तो न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट से डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि इलाज कितना सही चल रहा है। साथ ही आपका दिल कितना एक्सरसाइज झेल सकता है, का निर्धारण करने के बाद सबसे अच्छी उपचार योजना बनाने में भी मदद मिलती है।
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एहतियात/चेतावनी
न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट (Nuclear Stress Test) से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए ?
अनुभवी पेशेवरों द्वारा जब यह टेस्ट किया जाता है, तो यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है, फिर भी आपको कुछ चीज़ें पता होनी चाहिएः
- कार्डिएक एरिदिमया: एक्सरसाइज़ के कारण दिल की धड़कनों को रिदम बिगड़ जाता है। आमतौर पर ही जोखिमपूर्ण नहीं होता और एक्सरसाइज़ बंद करते ही ठीक हो जाता है। हालांकि इसे स्ट्रेस टेस्ट के लिए जोखिमपूर्ण माना जाता है। यदि मामूली एक्सरसाइज़ से भी कार्डिएक अरेदिमिएस यानी धड़कनों का रिदम बिगड़ रहा है, तो शांत वातावरण में जाकर उसके बारे में पता लगाने की ज़रूरत है।
- सीने में दर्द, चक्कर आना और अन्य लक्षणः कोरोनरी आर्टरी रोग से ग्रस्त लोगों में एक्सरसाइज़ की थोड़ी सी मात्रा भी कार्डिएक इस्केमिया (हृदय की मांसपेशियों में रक्त की अपर्याप्त आपूर्ति) से जुड़े लक्षण पैदा कर सकता है। हालांकि स्ट्रेस टेस्ट के लिए यह लक्षण जोखिमपूर्ण माने जाते हैं, लेकिन अक्सर टेस्ट के दौरान एक्सरसाइज़ से संबंधित लक्षण पैदा होने से यह पता निर्धारित करने में मदद मिलती है कि क्या वह असल में कोरोनरी आर्टरी डिसीज के कारण है।
- एलर्जिक प्रतिक्रिया: हालांकि यह बहुत दुर्लभ है, फिर भी कुछ लोगों को टेस्ट में इस्तेमाल होने वाले रेडियोएक्टिव ट्रेसर से एलर्जी हो सकती है।
- हार्ट अटैक: यह भी बेहद दुर्लभ है, जिन लोगों की कोरोनरी आर्टरी में गंभीर ब्लॉकेज होता है, उन्हें एक्सरसाइज़ से हार्ट अटैक आ सकता है।
एक्सरसाइज टेस्ट में जानलेवा जटिलताओं की संभावना 10,000 में से एक में होती है।
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जटिलताओं को कम करने के लिए कुछ लोगों को न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट से बचना चाहिए। इन मामलों में टेस्ट नहीं किया जाना चाहिएः
- अनियंत्रित हार्ट फेलियर
- पिछले 2 दिनों के अंदर हार्ट अटैक आया हो
- अन्स्टेबल एनजिना (गलशोध)
- अनियंत्रित लाइफ थ्रेटनिंग कार्डिएक ऐरेदिमिया
- गंभीर वाल्वुलर हृदय रोग
- एक्टिव एंडोकार्डिटिस
- एक्यूट एयोरटिक डाइसेक्शन
- प्लमनेरी एम्बोल्स या डीप वेन थ्रोमबोसिस
रेडियोएक्टिव ट्रेसर Tc-99 के इस्तेमाल से किए गए सामान्य न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट में आप करीब 11 millisieverts रेडिएशन के संपर्क में आते हैं। यह सामान्य जीवन में आप एक साल में जितना रेडिएशन लेंगे उसका तीन गुणा होता है। हालांकि यह मात्रा बहुत कम है, इसलिए यह अपने आप कैंसर के खतरे को नहीं बढ़ाता है।
प्रक्रिया
न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट (Nuclear Stress Test) के लिए कैसे तैयारी करेंं ?
आपका डॉक्टर आपको बताएगा कि कब और कहां टेस्ट किया जाएगा। आमतौर पर न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट अस्पताल के बाहरी हिस्से में किया जाता है। आपको संभवतः टेस्ट से आधे घंटे पहले दिखाने को कहा जाएगा और वहां कम से कम 2 घंटे पहले आने के लिए कहा जाएगा। टेस्ट में कितना समय लगेगा इस बारे में डॉक्टर से पूछ लें। सबसे महत्वपूर्ण बात, आपको पता होना चाहिए कि यह टेस्ट एक दिन का है या दो दिन का ताकि उसके अनुरूप आप तैयारी करके आ सकें। आमतौर पर दो दिन के टेस्ट में हर दिन दो या उससे अधिक घंटे लगते हैं, जबकि एक दिन के टेस्ट में कम से कम 4 घंटे का समय लग सकता है।
चूकि आपको शायद ट्रेडमिल पर चलना होगा या एक्सरसाइज़ बाइक चलानी होगी, इसलिए आरामदायक और ढीले कपड़े और जूते पहनें। बहुत से लोग जिम के कपड़े और जूते भी ला सकते हैं। बहुत से परिक्षण केंद्र में कपड़े बदलने की सुविधा रहती है।
आपको टेस्ट से 4-6 घंटे पहले कुछ भी खाने-पीने और स्मोकिंग के लिए मना किया जा सकता है। टेस्ट के 24 घंटे पहले कैफीन से भी परहेज़ करना ज़रूरी है।
डॉक्टर से पूछ लें कि टेस्ट वाले दिन आप प्रिस्क्रिप्शन वाली कौन-सी दवा खा सकते हैं और कौन सी नहीं। यदि आपको डायबिटीज़ है, तो आपको टेस्ट वाले दिन दवा खाने के संबंध में विशेष निर्देश दिए जाएंगे। बिना पर्ची के कोई भी दवा न खाएं, जब तक कि इस संबंध में डॉक्टर से बात न करे लें।
परिक्षण में कुछ घंटे लगने वाले हैं, इस बीच खुद को व्यस्त रखने के लिए आप अपने साथ कोई बुक या मैगज़ीन ला सकते हैं।
न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट (Nuclear Stress Test) के दौरान क्या होता है?
डॉक्टर सबसे पहले आपकी मेडिकल हिस्ट्री, कितनी बार और कितनी सख्ती से एक्सरसाइज़ रूटीन फॉलो करते हैं, के बारे में सवाल करेगा। इससे यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि टेस्ट के दौरान आपके लिए कितना एक्सरसाइज़ करना ठीक रहेगा। डॉक्टर आपके हृदय और फेफड़ों की असामान्यताओं के लिए भी जांच कर सकता है, जो टेस्ट को प्रभावित कर सकते हैं।
टेस्ट शुरू करने के पहले, टेक्निशियन आपके बांह की नस में इन्ट्रावेनस (IV) लाइन डालता है और एक रेडियोएक्टिव डाई (रेडियोफार्मास्युटिकल या रेडियोट्रैसर) इंजेक्ट करता है।
रेडियोट्रैसर को जब पहली बार इंजेक्ट किया जाता है, तो थोड़ा ठंडा महसूस होगा। हृदय की कोशिकाओं को इसे अवशोषित करने में 20 से 40 मिनट लगते हैं। आप टेबल पर ही लेटे होंगे और दिल के आराम करने के दौरान ही पहली तस्वीर ली जाती है।
नर्स आपकी छाती, पैर और बाहों परं चिपचिपे पैच (इलेक्ट्रोड) लगाएगी। इसे चिपकाने के लिए कुछ हिस्सों के बाल काटने पड़ सकते हैं। इलेक्ट्रोड में तार होते हैं जो इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम मशीन से जुड़े होते हैं, यह दिल की धड़कन को गति देने वाले इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स को रिकॉर्ड करता है।
आपके हाथ में लगा कफ परिक्षण के दौरान ब्लड प्रेशर की जांच करता है। आपको टेस्ट के दौरान एक ट्यूब में सांस लेने के लिए कहा जा सकता है ताकि यह पता चल सके कि एक्सरसाइज के दौरान आप कितनी अच्छी तरह सांस लेते हैं। यदि आप एक्सरसाइज नहीं कर सकते, तो डॉक्टर आपकी आईवी लाइन में दवा इंजेक्ट करेगा, जो रक्त प्रवाह को वैसे ही बढ़ा देगा जैसा एक्सरसाइज़ से होता है। इसके साइड इफेक्ट वही है जो एक्सरसाइज़ से होते हैं, जैसे- सांस उखड़ना। आपको सिरदर्द भी हो सकता है।
एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट के लिए आपको ट्रेडमिल पर चलना होगा या स्थिर बाइक चलानी होगी। आपको धीरे शुरुआत करनी है और जैसे-जैसे टेस्ट आगे बढ़ेगा एक्सरसाइज मुश्किल होती जाएगी। आप ट्रेडमिल पर बैलेंस बनाने के लिए रेलिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन कसकर लटके नहीं, इससे परिणाम पर असर होगा।
आपको तब तक एक्सरसाइज़ करना होगा, जब तक हृदय गति निर्धारित स्तर तक नहीं पहुंचती है। कुछ विशेष लक्षणों के दिखने पर आप एक्सरसाइज़ जारी नहीं रख पाते:
- सामान्य से गंभीर सीने में दर्द
- गंभीर रूप से सांस उखड़ना
- असामान्य हाई या लो ब्लड प्रेशर
- असामान्य हार्ट रिदम
- चक्कर आना
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम में कुछ बदलाव
एक्सरसाइज की सुरक्षित सीमा के बारे में आप डॉक्टर के साथ चर्चा कर सकते हैं। एक्सरसाइज़ के दौरान असहज महसूस होने पर आप कभी भी इसे बंद कर सकते हैं।
जब आपका हार्ट रेट बढ़ता है, तो आपको दूसरा इंजेक्शन या रेडियोट्रैसर दिया जाएगा। करीब 20 से 40 मिनट तक आप टेबल पर लेटे रहेंगे और आपकी हृदय की मांसपेशियों की दूसरी तस्वीर बनेगी। डाई उस हिस्से को दिखाएगा जहां रक्त प्रवाह कम है।
दोनों तस्वीरों की मदद से डॉक्टर आराम करने और तनाव के दौरान हृदय में होने वाले रक्त प्रवाह की तुलना करेगा।
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न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट (Nuclear Stress Test) के बाद क्या होता है?
एक्सरसाइज करने के बाद आपको कुछ सेकंड तक सीधे खड़े रहने को कहा जाएगा और फिर मॉनिटर के सामने कुछ देर के लिए लेटने को कहा जाएगा। हृदय गति और सांस के सामान्य होने पर डॉक्टर किसी भी तरह की असामान्यताओं की जांच करेगा।
परिक्षण खत्म होने के बाद आप अपनी दिनचर्या शुरू कर सकते हैं, यदि डॉक्टर ने कुछ विशेष हिदायत न दी हो तो। रेडियोएक्टिव पदार्थ यूरिन और स्टूल के ज़रिए शरीर से अपने आप निकल जाते हैं। डाई को शरीर से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त पानी पीएं।
न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट के बारे में किसी तरह का प्रश्न होने पर और उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
परिणामों को समझें
मेरे परिणामों का क्या मतलब है?
आपके न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट रिज़ल्ट के परिणामों के बारे में डॉक्टर आपसे बात करेगा। परिणाम में दिखता है:
- सामान्य रक्त प्रवाह एक्सरसाइज़ और आराम के दौरान। आगे किसी टेस्ट की ज़ररूत नहीं है।
- आराम के दौरान सामान्य रक्त प्रवाह, लेकिन एक्सरसाइज़ के दौरान नहीं। जब आप खुद को थकाते हैं, तो हृदय के कुछ हिस्सों में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं होता। इसका मतलब है कि आपकी एक या अधिक धमनी में ब्लॉकेज (कोरोनरी आर्टरी डिसीज) है।
- एक्सरसाइज और आराम के दौरान कम रक्त प्रवाह। पूरे समय आपके हृदय के एक हिस्से में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं होता है, यह पहले आए हार्ट अटैक या गंभीर कोरोनरी आर्टरी डिसीज़ के कारण हो सकता है।
- हृदय के कुछ हिस्से में रेडियोएक्टिव डाई की कमी। हृदय के जिन हिस्सों में रेडियोएक्टिव डाई नहीं दिखता उसके टिशू हार्ट अटैक की वजह से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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यदि आपके पूरे हृदय में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं होता है, तो आपको कोरोनरी एंजियोग्राफी सर्जरी करवानी पड़ सकती है। यह टेस्ट सीधे हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली वाहिकाओं पर किया जाता है। यदि गंभीर ब्लॉकेज है, तो आपको कोरोनरी इंटरवेंशन (एंजियोप्लास्टी और स्टेंट प्लेसमेंट) या ओपन हार्ट सर्जरी (कोरनरी आर्टरी बाइपास) की ज़रूरत पड़ेगी।
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर न्यूक्लीयर स्ट्रेस टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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