परिचय
उफोरेक्टमी (Oophorectomy) क्या है?
उफोरेक्टमी (Oophorectomy) की सर्जरी की मदद से महिलाओं के एक या दोनों अंडाशय (ovaries) को हटाया जाता है। अंडाशय बादाम के आकार में होता है, जो कोख (pelvis) में गर्भाशय (uterus) के दोनों तरफ फालोपियन ट्यूब से जुडे होते हैं। अंडाशय में अंडे होते हैं और हार्मोन उत्पन्न करते हैं जो महिलाओं के मासिक धर्म के चक्र को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं।
अगर उफोरेक्टमी सर्जरी के दौरान दोनों अंडाशय को निकाला जाता है, तो इसे बाइलैटरल उफोरेक्टमी (bilateral oophorectomy) कहा जाता है। लेकिन, अगर सर्जरी में केवल एक ही अंडाशय निकाला जाता है, तो उसे यूनिलैटरल उफोरेक्टमी (unilateral oophorectomy) कहा जाता है।
उफोरेक्टमी की मदद से अंडाशय के कैंसर (ovarian cancer) या एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) जैसी स्थितियों के उपचार करने में मददगार होता है।
उफोरेक्टमी या ओवरी रिमूवल सर्जरी क्यों की जाती है?
निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में उफोरेक्टमी या ओवरी रिमूवल सर्जरी के उपचार की आवश्यकता हो सकती हैः
- अंडाशय में फोड़ा होने पर (Ovarian Abscess in Brackets)
- ओवेरीअन सिस्ट
- अंडाशय में कैंसर होने पर
- एंडोमेट्रियोसिस
- अंडाशय में ट्यूमर
- अंडाशय के कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर जैसे गंभीर खतरों के जोखिमों को कम करने के लिए
- अंडाशय में मरोड़ (दर्द) होने पर
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जोखिम
उफोरेक्टमी के बारे में मुझे क्या पता होना चाहिए?
उफोरेक्टमी की प्रक्रिया हर किसी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकती है। इसके जोखिम और सफल इलाज व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति और सामान्य स्वास्थ्य जैसे कई अन्य स्थितियों पर भी निर्भर कर सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
उफोरेक्टमी के क्या साइड इफेक्ट्स और समस्याएं हो सकती हैं?
कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स में दर्द और खून बहने की समस्या हो सकती है।
ज्यादातर मामलों में उफोरेक्टमी की प्रक्रिया सुरक्षित और सफल देखी गई है। हालांकि, किसी भी तरह के सर्जिकल प्रक्रिया में कई जोखिम भी शामिल हो सकते हैं।
निम्नलिखित स्थितियां उफोरेक्टमी के जोखिमों में शामिल हो सकती हैंः
- खून बहना
- इंफेक्शन की समस्या
- आस-पास के अंगों को नुकसान होना
- ट्यूमर का टूटना या संभावित कैंसर की कोशिकाओं को फैलाना
- प्रीमेनोपॉजल महिलाओं में अंडाशय की कोशिकाओं में पैल्विक दर्द जैसे लक्षण
- दोनों अंडाशय के हटाने के बाद महिलाएं प्रग्नेंट नहीं हो सकती हैं।
अगर आप मेनोपॉज से नहीं गुजरे हैं, तो दोनों अंडाशय निकाल दिए जाने पर आपको समय से पहले ही इसका अनुभव हो सकता है। यह अंडाशय में उत्पादित होने वाले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स को शरीर में संचालित होने से रोकता है, जिसकी वजह से निम्न स्थितियों की समस्या हो सकती हैः
- मेनोपॉज के संकेत और लक्षण, जैसे कि योनि में सूखापन
- डिप्रेशन की समस्या
- दिल की बीमारी
- याददाश्त की समस्या
- सेक्स ड्राइव में कमी
- ऑस्टियोपोरोसिस
- असामयिक मृत्यु
इन समस्याओं के जोखिमों को कम करने के लिए सर्जरी के बाद और 50 साल की उम्र तक हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाओं की कम से कम खुराक लेनी चाहिए। लेकिन हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी के भी कुछ जोखिम हो सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
उफोरेक्टमी की प्रक्रिया से गुजरने से पहले इससे जुड़े सभी जोखिमों और लाभों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
प्रक्रिया
इस सर्जरी लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए?
उफोरेक्टमी की तैयारी के लिए, आपका डॉक्टर आपको कुछ जरूरी निर्देश दे सकता है, जैसे:
- सर्जरी से एक दिन पहले अपनी आंतों को साफ करने के लिए कौन सा घोल पीना चाहिए।
- सर्जरी से पहले आपको कब खाना बंद कर देना चाहिए और किस तरह के तरल पदार्थ या जूस पी सकते हैं।
- किस तरह के दवाएं का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सर्जरी से पहले अल्ट्रासाउंड और कम्प्यूटर आधारित टोमोग्राफी (सीटी) जैसी प्रक्रियाओं की मदद ले सकते हैं।
उफोरेक्टमी सर्जरी के बाद आपको कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रहने की जरूरत हो सकती है। आपको इस उपचार के लिए कितने समय तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है यह आपकी सर्जरी के कारण और प्रक्रिया पर निर्भर करता है।
अस्पताल जाने से पहले इन वस्तुओं की भी पैकिंग करनी जरूरी हो सकती हैः
- एक जोड़ी चप्पल
- पर्सनल केयर की वस्तुएं जैसे, टूथब्रश, मंजन
- अस्पताल में आप बोरियत न महसूस करें इसके लिए कुछ अच्छी किताबें भी अपने साथ ले जा सकते हैं।
अगर आप इस सर्जरी के बाद मां बनने का विचार करना चाहती हैं तो सर्जरी से पहले ही इसके बारे में अपने डॉक्टर से इसके बारे में बात करें। क्योंकि, अगर आप इसके बाद भी मां बनना चाहती हैं तो एक अंडाशय का रहना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि, सिर्फ एक अंडाशय की मदद से भी आप अपने मासिक धर्म चक्र को बरकरार रख सकती हैं और प्रेग्नेंट भी हो सकती हैं।
अगर आपके दोनों अंडाशय इस प्रक्रिया में हटा दिए जाते हैं लेकिन आपका गर्भाशय बना रहता है, तो ऐसी स्थिति में भी आप कुछ प्रजनन तकनीकों की मदद से गर्भ धारण कर सकती हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से बात करें।
उफोरेक्टमी में होने वाली प्रक्रिया क्या है?
इस ऑपरेशन सर्जरी के दौरान बहुत ही बारीकियों का ध्यान रखना होता है। जो एक घंटे से लेकर चार घंटों में पूरा हो सकता है।
सर्जरी करने के लिए पेट पर एक सीधा और एक आड़ा चीरा लगाया जाता है। सीधे चीरे की मदद से सर्जन को देखने में आसानी होती है।
सर्जरी के दौरान सर्जन सबसे पहले अंडाशय को देखने के लिए पेट की मांसपेशियों को अलग करेंगे। इसके बाद, खून की नसों से खून के बहाव को रोकने के लिए इसे बांधते हैं। फिर गर्भाशय से अंडाशय निकालने के बाद, पेट पर लगाए गए चीरों को स्टेपल या स्टिच की मदद से सिल देते हैं।
यह सर्जरी लैप्रोस्कोप के साथ भी किया जा सकता है। आपके अंगो की देखरेख करने के लिए सर्जन एक छोटे कैमरे की मदद से ले सकते हैं।
इस प्रक्रिया में, लेप्रोस्कोप को नाभि के पास एक छोटे चीरे के अंदर में डाला जाता है। आपका सर्जन खून की नसों को बंद करने के लिए कुछ और छोटे-छोटे चीरे लगा सकता है। वे आपके अंडाशय को आपकी योनि के मार्ग से या पेट के ऊपर छोटे चीरे की मदद से बाहर निकालते हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद वे चीरों की सिलाई कर देंगे।
पेट की सर्जरी के लिए, आपका डॉकट्र आपको लोकल एनेस्थिया की खुराक देंगे।
और पढ़ेंः Fissure treatment: बिना सर्जरी के फिशर ट्रीटमेंट कैसे होता है?
उफोरेक्टमी के बाद क्या होता है?
इस प्रक्रिया के बाद, आपको एक या दो घंटों तक रिकवरी रूम में रखा जाएगा। जब एनेस्थिया के खुराक का असर खत्म हो जाएगा, तब आपको सामान्य कमरे में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
सर्जरी वाले दिन ही आपको बैठने, खड़े होने और थोड़ा टहलने के लिए कहा जाएगा। सर्जरी के बाद आपको कुछ समय के लिए आपको कैथेटर दिया जाएगा। अगर सारी स्थिति सामान्य और बेहतर रहती है तो आपकी नसों में लगे IV को अगले दिन हटाया जा सकता है।
हालांकि, आपको अगले एक या दो दिनों के लिए अस्पताल में ही रहना होगा। लेप्रोस्कोप सर्जरी के कारण आपको अगले कुछ दिनों तक कभी-कभी दर्द भी हो सकता है।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आपके डॉक्टर या सर्जन से इस बारे में बात करें।
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रिकवरी
उफोरेक्टमी के बाद मुझे खुद का ख्याल कैसे रखना चाहिए?
अस्पताल से डिसचार्ज करने से पहले आपको अपना ख्याल कैसे रखना है इसके लिए आपको पोस्ट ऑपरेटिव निर्देश दिए जाएंगे। साथ ही, इस सर्जरी के बाद आपको कब तक अपने साथी के साथ शारीरिक तौर पर संबंध नहीं बनाना चाहिए इसके बारे में भी जरूरी निर्देश दे सकता है।
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अपने डॉक्टर को तुरंत बताएं अगर आपकोः
- बुखार होता है
- कुछ दिनों से लगातार जी मिचालाना या उल्टी होती है
- योनि से बहुत ज्यादा खून बह रहा है
- पेट में दर्द है जो दर्द निवारक दवा की खुराक लेने के बाद भी ठीक नहीं होता है
- जहां पर चीरा लगाया है वहां पर की आसपास त्वचा में लालिमा या सूजन होता है
- पेशाब करने में परेशानी होती है
- खांसी होती है या सांस लेने में तकलीफ होती है या सीने में दर्द होता है
- तनाव महसूस होता है
रिकवरी के समय के दौरान अपने चिकित्सक द्वारा के दिए गए जरूरी निर्देशों का पालन करें। अपने शरीर का ख्याल रखें और भरपूर आराम करें। आपको किस तरह के भाजन खाने चाहिए इसके बारे में अपने डॉक्टर से जानकारी लें। हर दिन थोड़ी-थोड़ी देर के लिए घूमे-फिरे, इससे शरीर में खून के थक्कों नहीं जमेंगे।
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