के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Sarthi Manchanda
प्लास्टिक सर्जरी एक ऐसा मेडिकल प्रोसीजर है, जो आपको खूबसूरत दिखने या फिर आपकी काया पलट करने में मदद कर सकता है। इसके द्वारा बॉडी टिश्यूज में बीमारी, जलने के स्कार्स या फिर जन्म से ही मिले बर्थ मार्क को भी ठीक किया जा सकता है। आमतौर पर ये सर्जरी किसी भी उम्र के लोग करवा सकते है, बशर्ते डॉक्टर की सहमति जरूरी है।
अक्सर युवा आकर्षक दिखने के लिए ये सर्जरी करवाते है। लेकिन, ऐसा करना गलत है। इससे सेहत और स्किन के टिश्यूज पर प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए डॉक्टर से सलाह बहुत जरूरी हो सकत है।
प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) दो टाइप की होती है। पहली रेकंसट्रक्टिव और दूसरी प्रोस्थेटिक। अगर सर्जरी किसी भी इंजरी के निशान जैसे जलना, स्काररिंग को हटाने के लिए की जा रही है, तो ऐसी सर्जरी को रेकंसट्रक्टिव सर्जरी कहते हैं। वहीं, ऐसी सर्जरी जैसे ब्रैस्ट एनहांसमेंट या रिडक्शन, बर्थ मार्क रिमूवल, जिससे एस्थटिक इम्प्रूवमेंट हो ऐसी सर्जरी कॉस्मेटिक सर्जरी कहलाएगी।
और पढ़ें : Cosmetic surgery : जानिए क्या है कॉस्मेटिक सर्जरी
कॉस्मेटिक सर्जरी और रेकरेक्शन सर्जरी लोग तब चुनते हैं, जब वे अपने शरीर के किसी पार्ट से खुश नहीं होते हैं।
अगर किसी वजह से आप कांफीडेंट नहीं है या फिर असहज महसूस करते है, तो आप सर्जरी से इम्प्रूवमेंट करके उसे सही कर सकते है। ऐसी सर्जरी एस्थेटिक सर्जरी कहलाती है। कुछ आम एस्थेटिक सर्जरी ये हैं:
हर ऑर्गन से जुडी हुई प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) को एक अलग नाम से पुकारा जाता है। जैसे कान में होने वाली पिन्ना को सही शेप देने के लिए जो प्लास्टिक सर्जरी की जाती है, उसे पिणाप्लास्टी कहते है। आंखों की सर्जरी, जिसमें आंखों के नीचे से बैग्स को हटाया जाता है। साथ ही जिस सर्जरी में गिरी हुई पलकों का भी इलाज किया जा सकता है, उसे ब्लेफेरोप्लास्टी कहते हैं। अगर आपको लगता है की आपके गले के पास की स्किन बहुत ढीली है और आपको लिफ्ट की जरुरत है, तो आप नैक लिफ्ट प्लास्टिक सर्जरी करवा सकते हैं।
अगर आप नाक की सर्जरी करवाते हैं, तो इसे हम राइनोप्लास्टी कहते है। एल्बो और अंडरआर्म्स के बीच फैट या बहुत सारी स्किन को निकालने की सर्जरी को ब्राशिओप्लास्टी कहते है।
एब्डोमेन में फैट को कम करने के लिए की जानी वाली सर्जरी को एब्डोमिनोप्लास्टी (Abdiminoplasty) कहते हैं।
सर्जरी से पहले क्या जानना जरूरी है?
और पढ़ेंः ऑस्टॉमी सर्जरी के बाद सेक्स कर सकते हैं या नहीं?
प्लास्टिक सर्जरी करवाने के लिए आपका बजट सही होना चाहिए। जितनी माइन्यूट और जितने बड़े डॉक्टर से आप प्लास्टिक सर्जरी करवाएंगे। आपको उतने ही ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।
स्काररिंग, ब्लड क्लॉट्स, नेक्रोसिस, नर्व डैमेज और पिगमेंटेशन इस सर्जरी से जुड़े कुछ रिस्क हैं। स्मोकिंग करने वाले लोगों के लिए सर्जरी के बाद हीलिंग टाइम बढ़ जाता है। शौक, हार्ट अटैक रेस्पिरेटरी फेलियर इस सर्जरी से जुड़े कुछ बड़े खतरे हैं। कई बार अगर सर्जन केयरफुल नहीं हैं, तो टूल्स सर्जरी साईट में रह जाते हैं, जिन्हे निकालने के लिए दूसरी सर्जरी करवानी पड़ सकती है। इससे इन्फेक्शन का खतरा भी हो सकता है।
कई बार सर्जरी के बाद फिर से पहले जैसे होना चाहते है। क्योकि उन्हें अपने नए लुक से खुशी या सैटिस्फैक्शन नहीं मिलता।
सर्जरी के बाद आपको बहुत दर्द होगा और सर्जरी साईट में इंफ्लमैशन भी हो सकता है। इसके साथ वोमिटिंग , सर दर्द या फिर नौसिया वाली फीलिंग भी आ सकती है।
ऑपरेटिंग टेबल पर बहुत खून बहने की वजह से अक्सर ऑर्गन फेलियर और डेथ भी हो सकता है।
सर्जरी के बाद मेडिसिन्स की वजह से या फिर किसी और सेंसिटिविटी के बढ़ने से एलेर्दिक रिएक्शन हो सकता है।
और पढ़ेंः Parathyroidectomy surgery: पैराथायरायडक्टमी सर्जरी क्या है?
और पढ़ें : चमकदार त्वचा चाहते हैं तो जरूर करें ये योग
[mc4wp_form id=”183492″]
प्लास्टिक सर्जरी बहुत तरह की हो सकती है। इनमें दो आम तरह की सर्जरी है कॉस्मेटिक सर्जरी और रेकंसट्रक्टिव सर्जरी। कॉस्मेटिक सर्जरी नोज, नेक या फेस लिफ्ट सर्जरी है और रेकंसट्रक्टिव सर्जरी आमतौर पर उन पेशेंट्स की जाती है, जिन्हें किसी तरह की इंजरी हो जाए। यह बर्न, एक्सीडेंट या फिर कोई और इंजरी हो सकती है।
और पढ़ेंः Umbilical Hernia Surgery: अम्बिलिकल हर्निया सर्जरी क्या है?
स्किन को फोल्ड करके निप्पल का आकार दिया जाता है। इसके बाद टैटूइंग की मदद से प्रोजेक्शन और असली निप्पल जैसा उभार बनाया जाता है। ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्शन के रिजल्ट्स को लाइपोसक्शन और फैट ग्राफ्टिंग से और भी इफेक्टिव बनाया जा सकता है।
इसके आलावा नाक, गले, फेस की सर्जरी भी कॉस्मेटिक सर्जरी के अंदर ही आती है। इनके बारे में जानकारी या प्रोसेस को समझने के लिए डॉक्टर से मिलें।
पेशेंट के एक एरिया से निकाल कर दूसरे एरिया में लगाया जाता है।
स्प्लिट थिकनेस ग्राफ्ट जिसमे परमानेंट स्काररिंग हो जाती है। स्पेशल स्किन ट्रीटमेंट में डर्माटोम से बुट्टोक और इनर थाइस की स्किन डोनर साईट से लेकर रेसिपिएंट साईट में लगाई जाती है और स्टिच की जाती है। इसके बाद डोनर और रेसिपिएंट साईट को कवर कर देते हैं, ताकि इन्फेक्शन न हो। फुल थिकनेस स्किन ग्राफ्ट में रिकवरी टाइम ज्यादा हो सकता है।
इस सर्जरी में माइक्रोस्कोप की मदद से सर्जरी की जाती है। डैमेज्ड नर्व और आर्टरीज को इस तकनीक से ठीक किया जाता है। सर्जन माइक्रोस्कोप में देख कर इंजर्ड नर्व्स और वेसल्स को रिपेयर करते है। फेसिअल पैरालिसिस और ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्शन में भी हम ये तकनीक उपयोग कर सकते हैं।
प्रोसीजर के दौरान मसल, स्किन और बोन को ब्लड के साथ बॉडी के एक एरिया से दूसरे एरिया में ट्रांसफर किया जाता है। इस प्रोसेस में माइक्रोसर्जरी भी होती है। इसलिए हीलिंग में ज्यादा समय लगता है।
इस प्रोसेस में बलून एक्सपैंडर यूज किया जाता है, जिस एरिया में रिपेयर की जरुरत है। उस एरिया में बलून को सेलाइन भरकर अटैच कर दिया जाता है। धीरे-धीरे इसके अराउंड स्किन ग्रो करती है, जिससे हीलिंग होती है। ये प्रोसेस प्रेगनेंसी में स्किन के स्ट्रेच होने जैसा ही है।
प्लास्टिक सर्जरी के बाद आपको कुछ दिनों तक अस्पताल में ही देख-रेख के लिए रखा जाता है और रेगुलर चेक अप और दवाए दी जाती है। डॉक्टर आपके ठीक होने पर ही आपको रिलीव करेंगे।
और पढ़ेंः laparoscopy scarless surgery: लैप्रोस्कोपी स्कारलेस सर्जरी क्या है?
सर्जरी के बाद रिकवर होने में कितना समय लगेगा ये आपके सर्जरी टाइप और आपकी सर्जरी से पहले हेल्थ पर निर्भर करेगा। जल्दी रिकवरी के लिए इन बातो का ध्यान रखें :
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr. Sarthi Manchanda