हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) क्या है ?
हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) में कुछ टूल्स (एक तरह का कैमरा ) की मदद से सर्जरी करते हैं। एंडोस्कोप का इस्तेमाल यूटेरस के अंदर देखने के लिए किया जाता है। हिस्टेरोस्कोपी में डॉक्टर पहले बायोप्सी करके एंडोमेट्रियम के छोटे-छोटे टुकड़े निकालेंगे और माइक्रोस्कोप में देखेंगे जिससे बीमारी का पता लगाया जा सके।
- हिस्टेरोस्कोपी से वॉम्ब में खून बहने वजह, मेंसटॉरल पॉज के बाद भी खून बहने का कारण पता लगाया जा सकता है। इससे डॉक्टर युटरीन फ़िब्रोइडस (fibroids ), ट्यूमर , बॉइल्स (boils ) एंडोमेट्रियल कैंसर आदि का पता लगा सकते हैं।
- हिस्टेरेस्कोपी एक सुरक्षित तरीका है जिससे वॉम्ब और यूटेरस की कोई भी परेशानी पता लगाई जा सकती है और इलाज करके ठीक की जा सकती है।
हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) क्यों करवानी चाहिए ?
डॉक्टर आपसे हिस्टेरोस्कोपी करवाने को तभी कहेंगे जब :
- अनियमित खून बहने की वजह पता लगानी हो : खून रोकने के लिए डॉक्टर लाइट के साथ एक इंस्ट्रूमेंट यूटेरिन एंडोस्कोप की मदद से बॉडी के अंदर डालेंगे।
- वॉम्ब के साइज या फिर यूटेरिन टिशूज़ में स्कार्स को देखने के लिए : जिससे पता लगाया जा सके की इनफर्टिलिटी का कारण यही तो नहीं।
- सर्विक्स से फॉलोपियन ट्यूब्स को देखना : अगर ट्यूब्स ब्लॉक हो तो डॉक्टर उन्हें स्पेशल इंस्ट्रूमेंट्स से एंडोस्कोप की मदद से साफ कर सके।
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हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) से होने वाले खतरों को समझें
हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) के क्या खतरे हो सकते हैं ?
किसी भी सर्जरी में खतरों का होना तो आम है। अपने डॉक्टर से इस सर्जरी से जुड़े खतरों के बारे में जरूर पूछ लें।
कुछ खतरे जो इस सर्जरी में हो सकते हैं :
- एनेस्थीसिया से एलर्जी
- बहुत ज्यादा खून बहना.
- थक्कों का जमना ( thrombosis )
किसी भी सर्जरी को कराने से पहले उससे जुड़े खतरों और समस्याओ के बारे में जान लें। किसी भी तरह के सवाल या जानकारी के लिए डॉक्टर या सर्जन से पूछें।
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प्रक्रिया
हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) में क्या होता है ?
हिस्टेरोस्कोपी की तैयारी कैसे करें ?
सर्जरी से पहले डॉक्टर को अपनी सभी दवाइयों, एलर्जी और हेल्थ प्रॉब्लमस के बारे में बता दें। एनस्थीओलॉजिस्ट से मिलकर अपने लिए सही एनेस्थीसिया भी ले लें। सर्जरी के पहले कब आपको खाना, पीना बंद करना है ये भी डॉक्टर से जान लें और निर्देशों का पालन करें। सर्जरी के छह घंटे पहले आपको खाना बंद करना पड़ेगा। लेकिन आप कॉफी पी सकते हैं।
अगर आप इनमें से किसी कंडीशन में है तो भी अपने डॉक्टर को जरूर बता दें :
- अगर आपको लगता है कि आप मां बनने वाली हैं।
- अगर आप कोई दवा ले रही हैं।
- अगर आप एलर्जिक हैं।
- अगर खून का बहना रोकने के लिए आप कागुलांट्स (coagulants ) लेती हैं।
- अगर आप एंटी कौयगुलांट जैसे वार्फरिन (warfrin ) एस्प्रिन लेती हैं।
- अगर पिछले छे महीनो में आपको यूटेरस या वैजिना में इन्फेक्शन हुआ हो।
- अगर आपको लंग्स या दिल से जुडी कोई बीमारी हो।
हिस्टेरोस्कोपी हमेशा पीरियड्स के समय करानी चाहिए।
हिस्टेरोस्कोपी करवाने से 24 घंटे पहले टेम्पोंस या वजायनल सप्पोसिटीरिज का इस्तेमाल न करें।
एंडोस्कोपी के पहले आपको रिलैक्स करने के लिए सिडटिव ( sedative ) दिए जाएंगे।
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हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) के समय क्या होता है ?
- ये सर्जरी लोकल या जनरल एनेस्थीसिया देकर करी जाती है। कभी-कभी एनेस्थीसिया के बिना सर्जरी होती है और सर्जरी केवल दस मिनट में पूरी हो जाती है।
- गायनोकोलॉजिस्ट एंडोस्कोप से पहले वजायना फिर सर्विक्स और फिर यूटेरस तक जाएंगी। इसके बाद यूटेरस के अंदर co2 या फिर कोई तरल डाला जाएगा, जिससे यूटेरस को सही से देखा जा सके। पोलिप्स या छोटे फ़िब्रोइडस को हटाने के लिए डॉक्टर कुछ और इंस्ट्रूमेंट भी इस्तमाल कर सकते हैं।
और सवाल या जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
रिकवरी
हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) के बाद क्या होता है ?
आप सर्जरी के बाद ही घर जा सकते हैं। डॉक्टर आपको यूटेरस में दिखी परेशानी के बारे बताएंगे और इससे जुड़े इलज के बाइरे में बताएंगे।अगले दिन से आप सभी काम कर सकते हैं। इस दौरान एब्डोमेन में थोड़ा दर्द और हलकी ब्लीडिंग हो सकती है.
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