अब जानिए कि एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation) और साइनस रिदम (Sinus Rhythm) में क्या लिंक है?
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एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation) और साइनस रिदम (Sinus Rhythm) में कनेक्शन
एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation), एरिथमिया का सबसे सामान्य प्रकार है। इस समस्या में हमारा हार्ट सामान्य से तेज धड़कता है। इसके साथ ही हार्ट के ऊपरी और निचले चैम्बर्स कोऑर्डिनेट नहीं करते हैं। यह रोग अन्य तरह के एरिथमिया के कारणों से हो सकता है जैसे:
एट्रियल फिब्रिलेशन को हार्ट के ऊपरी चैम्बर में अनकोऑर्डिनेशन के रूप में कैरक्टराइज्ड किया जा सकता है है। यह साइनस नोड के इलेक्ट्रिक पल्सेस को जनरेट नहीं करने के कारण हो सकता है। एट्रियल फिब्रिलेशन एक गंभीर समस्या है। जिसमें कई गंभीर हेल्थ इफेक्ट हो सकते हैं। इसके इलाज के लिए लोअर हार्ट रेट के लिए दवाईयों की सलाह दी जा सकती है। जैसे बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers) या कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers)। मेडिकेशन्स या प्रोसीजर के इस्तेमाल से हार्ट रिदम को नार्मल किया जा सकता है।
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यह तो थी साइनस रिदम (Sinus Rhythm) के बारे में पूरी जानकारी। इस हार्टबीट की पेस के रूप में जाना जाता है, जिसे साइनस नोड द्वारा सेट किया जाता है, जो शरीर का नेचुरल पेसमेकर है। एक नॉर्मल साइनस (Sinus Rhythm) रिदम का अर्थ है कि हार्ट रेट सामान्य रेंज में है। कई बार साइनस नोड बहुत तेज या धीमी इलेक्ट्रिक पल्स को सेंड करता है। इसे साइनस टैकीकार्डिया कहा जाता है। कुछ मामलों में यह सामान्य भी हो सकता है। कुछ लोगों में साइनस एरिथमिया चिंता का विषय नहीं होता लेकिन यह आमतौर पर गंभीर समस्या है। ऐसे में इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।