हार्ट फेलियर से मतलब हार्ट की मसल्स से कमजोर होने से है। हार्ट मसल्स कमजोर होने के कारण शरीर की आवश्यकतानुसार ब्लड को पंप नहीं कर पाता है। हार्ट फेलियर की समस्या विभिन्न प्रकार की होती है और इसके अपने कारण और कॉम्प्लीकेशंस होते हैं। राइट साइड हार्ट फेलियर (Right-sided heart failure) की समस्या में हार्ट का वो हिस्सा शामिल होता है, जो लंग्स को ब्लड भेजता है, जहां उसे ऑक्सीजन मिलती है। इसी स्थान से ब्लड ऑक्सीजन लेकर पूरे शरीर यानी ऑर्गन, मसल्स और अन्य टिशू तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। जानिए राइट साइड हार्ट फेलियर (Right Side Heart Failure) की समस्या क्यों होती है और कैसे इसका ट्रीटमेंट किया जाता है।
और पढ़ें: Heart Valve Stenosis: हार्ट वॉल्व स्टेनोसिस के कारण किन समस्याओं का करना पड़ता है सामना?
राइट साइड हार्ट फेलियर (Right-sided heart failure)
आपको हार्ट फेल सुनकर ये लगता होगा कि जिस तरह से इंजन फेल होने पर काम करना बंद कर देता है वैसे ही हार्ट फेल होने पर भी होता होगा! मामला तो ठीक ऐसा ही है लेकिन हार्ट पूरी तरह से काम करना बंद नहीं करता है बल्कि हार्ट की मसल्स कमजोर होने के कारण हार्ट शरीर की जरूरत के अनुसार ब्लड को पंप नहीं कर पाता है। अब आप खुद ही सोच सकते हैं कि जब शरीर में ऑक्सीजन युक्त ब्लड ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता होगा, तो एक साथ कितनी सारी समस्याएं पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण से बॉडी के विभिन्न ऑर्गन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जब राइट साइड का चैम्बर ब्लड पंप करने की एबिलिटी को धीरे-धीरे खोने लगता है, तो इसे राइट साइड हार्ट फेलियर (Right Side Heart Failure) कहते हैं। इस कारण से ब्लड वापस वेंस में आ जाता है। जिन लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है, उनके पैर, एंकल या फिर बैली में सूजन की समस्या हो जाती है। जानिए राइट साइड हार्ट फेलियर (Right Side Heart Failure) होने पर क्या लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
और पढ़ें: हार्ट फेलियर से बचने के लिए किन आयनोट्रोप्स का किया जाता है इस्तेमाल?
राइट साइड हार्ट फेलियर के लक्षण (Symptoms of Right Side Heart Failure)
दाईं ओर हार्ट फेलियर के कारण शरीर के निचले अंगों में सूजन की समस्या पैदा हो जाती है। जिन लोगों के दाईं ओर के हार्ट में समस्या पैदा होती है, उनमें
- सीधा लेटने के दौरान सांस लेने में दिक्कत
- खांसी आना
- चक्कर आना (Dizziness)
- ध्यान केंद्रित न कर पाना
- थकान और कमजोरी
- अचानक से वजन बढ़ जाना
- भूख कम हो जाना (Reduced appetite)
- पेट में खराबी लगना
- पेशाब बार-बार आना
अगर आपो उपरोक्त दिए गए लक्षणों में से किसी का भी एहसास हो रहा है, तो बेहतर होगा कि एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं और बीमारी का इलाज कराएं।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है या फिर आपको शरीर के निचले हिस्से में सूजन लग रही है, तो आपको डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। शरीर में थकान का अनुभव, सूजन होना, सांस लेने में दिक्कत आदि ऐसे लक्षण हैं, जो हो सकता है कि आपको मामुली लगे लेकिन ये गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। कुछ लोगों को अचानक से सीने में दर्द की समस्या या फिर सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। वहीं खांसी के दौरान कफ में ब्लड भी आ सकता है। वहीं कुछ लोग अचानक से बेहोश भी हो जाते हैं। हार्ट बीट का अनियमित होना भी बीमारी का संकेत हो सकता है।
और पढ़ें: हार्ट फेलियर से बचने के लिए किन आयनोट्रोप्स का किया जाता है इस्तेमाल?
दाईं ओर हार्ट फेलियर किस कारण से होता है? (Causes of right-sided heart failure)
राइट साइड हार्ट फेलियर(Right Side Heart Failure) कई कारणों से हो सकता है और कई फैक्टर हार्ट फेलियर ट्रिगर साबित हो सकते हैं। हार्ट कंडीशन जैसे कि हार्ट अटैक के बाद हार्ट का काम कठिन हो जाता है।कई बार पल्मोनरी हायपरटेंशन या लंग डिजीज (Lung disease) भी राइट साइड हार्ट फेलियर (Right Side Heart Failure) का कारण बन सकती है। राइट साइड हार्ट फेलियर के कारण लेफ्ट साइड हार्ट फेलियर की संभावना बढ़ जाती है। जब दिल का बायां हिस्सा कमजोर हो जाता है, तो ब्लड चैम्बर में भरने लगता है। इस कारण से उन ब्लड वैसल्स में प्रेशर बढ़ जाता है, जो फेफड़ों में खून ले जाती हैं। इस कंडीशन को पल्मोनरी हायपरटेंशन (Pulmonary hypertension) कहते हैं। कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण भी हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।
जब हार्ट का बायां हिस्सा कमजोर होने लगता है, तो दाईं तरफ काम बढ़ जाता है। यहीं कारण राइट साइड हार्ट फेलियर (Right Side Heart Failure) को जन्म देता है। कई बार राइट साइड वॉल्व के लीकी या फिर डैमेज होने से भी दाईं ओर हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या को लीकी ट्रायकस्पिड वॉल्व (Tricuspid regurgitation) के नाम से भी जानते हैं। लॉन्ग टर्म हेल्थ कंडीशन जैसे कि डायबिटीज ( Diabetes), एचआईवी (HIV), थायरॉयड प्रॉब्लम (thyroid problems) के कारण भी हार्ट फेलियर की समस्या पैदा हो सकती है। जानिए राइट साइड हार्ट फेलियर (Right Side Heart Failure) से कौन-से रिस्क फैक्टर जुड़े हुए हैं।
- समय के साथ दिल कमजोर हो जाना
- हार्ट फेलियर की फैमिली हिस्ट्री के कारण
- एल्कोहॉल (Alcohol) का अधिक सेवन या स्मोकिंग
- कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे कि कार्डियोवस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) , हायपरटेंशन (Hypertension) , मोटापा, स्लीप एप्निया (sleep apnea), कैंसर (cancer) आदि।
जिन लोगों को हाय ब्लड प्रेशर की अक्सर समस्या रहती है, उन्हें हार्ट फेल का खतरा अधिक बना रहता है। आप हार्ट से जुड़े अन्य खतरों के बारे में डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं।
और पढ़ें: वैलव्युलर हार्ट डिजीज: दिल से जुड़ी इस बीमारी की पूरी जानकारी जानें यहां!
राइट साइड हार्ट फेलियर का ट्रीटमेंट (Right Side Heart Failure treatment)
राइट साइड हार्ट फेलियर का ट्रीटमेंट इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति को किस कारण से ये समस्या हुई है। ऐसे में डॉक्टर बीमारी का कारण पता लगाने के बाद दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं। अगर दवाओं से लक्षणों में सुधार नहीं आता है, तो ऐसे में डॉक्टर डिवाइस इंम्प्लांट करने की सलाह देते हैं, ताकि पंपिंग की प्रोसेस में रुकावट न पैदा हो।
राइट साइड हार्ट फेलियर की समस्या में दवाओं में डॉक्टर डाययूरेटिक्स (Diuretics) देते हैं, जो शरीर में अधिक फ्लूड और सोडियम को बाहर करने का काम करती है। वहीं वैसोडायलेटर्स (Vasodilators) का इस्तेमाल ब्लड वैसल्स को रिलेक्स देने के लिए किया जाता है। बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers) हार्ट रेट को स्लो करने का काम करती है ताकि हार्ट मसल्स का वर्कलोड कम किया जा सके। डायजोक्सिन (Digoxin) ड्रग हार्ट पंपिंग एबिलिटी को स्ट्रेंथ देने का काम करता है। ये दवा सीरियस हार्ट फेलियर के दौरान दी जाती है। वहीं पल्मोनरी वैसोडायलेटर्स (Pulmonary vasodilators) का इस्तेमाल पल्मोनरी हायपरटेंशन (pulmonary hypertension ) के दौरान किया जाता है। ये दवा ब्लड वैसल्स को रिलेक्स फील करवाती है। राइट साइड हार्ट फेलियर के दौरान किन दवाओं का सेवन करना है, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें और दवाओं का सही समय पर सेवन भी करें।
और पढ़ें: हार्ट के मरीजों में फ्लू वैक्सीन, दिल के दौरे के खतरे को कम करती है: एक्सपर्ट राय
इंप्लांटेड डिवाइस (Implanted device) की पड़ सकती है जरूरत
जब हार्ट ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है, तो डिवाइस इंप्लांट करने की जरूरत पड़ती है। ऐसा हेल्दी हार्ट फंक्शन के लिए जरूरी हो जाता है। मेकैनिकल हार्ट पंप (mechanical heart pump) आर्टिफिशियल हार्ट की तरह काम करता है और हार्ट की पंपिंग स्ट्रेंथ को बढ़ाने का काम भी करता है। जन्मजात हार्ट डिफेक्ट (congenital heart defect) को ठीक करने के लिए हार्ट सर्जरी जरूरी हो जाती है। कुछ सीरियस केस में ट्रांसप्लांट की जरूरत भी पड़ती है। डॉक्टर पेशेंट की समस्या के अनुसार ही ट्रीटमेंट डिसाइड करते हैं।
चाहिए हेल्दी हार्ट, तो लाइफस्टाइल में शामिल करें अच्छी आदतें
अगर आपको हेल्दी हार्ट चाहिए, तो आपको आज से ही अच्छी आदतों को शामिल करना शुरू कर देना चाहिए। खाने में अधिक शुगर या फिर अधिक नमक को इग्नोर करना शुरू कर दें। घर में ही पौष्टिक खाना (Nutritious food) बनाएं और हेल्दी फूड्स को शामिल करें। आपको खाने में फैट से बचना चाहिए। साथ ही प्रोसेस्ड फूड भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। आपको एल्कोहॉल के सेवन के साथ ही स्मोकिंग की आदत को छोड़ देना चाहिए। रोजाना आधे घंटे का वॉक या फिर एक्सरसाइज आपके हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करेगी। आपको अपना वेट भी संतुलित रखना होगा। मोटापा (Obesity) एक साथ कई बीमारियों को जन्म देता है। दाईं तरफ का हार्ट फेलियर लाइफलॉन्ग कंडीशन है। आप अपनी लाइफ में अच्छी आदतों को अपनाकर काफी हद तक इस बीमारी के खतरे को कम कर सकते हैं।
हार्ट डिजीज की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। अगर आप खुद को हार्ट डिजीज से बचाना चाहते हैं, तो हेल्दी लाइफस्टाइल बहुत जरूरी है। राइट साइड हार्ट (Right Side Heart Failure) फेलियर के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं और हार्ट की समस्या का ट्रीटमेंट कराएं। आप राइट साइड हार्ट फेलियर (Right Side Heart Failure) के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
[embed-health-tool-heart-rate]