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Swan-Ganz catheterization: स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन क्या है, जानिए इसका प्रोसीजर

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/03/2022

    Swan-Ganz catheterization: स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन क्या है, जानिए इसका प्रोसीजर

    स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन पल्मोनरी कैथेटेराइजेशन प्रक्रिया (Pulmonary artery catheterization procedure) है। यह डायग्नोटिक टेस्ट है, जिसका इस्तेमाल हेमोडायनामिक (Hemodynamic) या ब्लड फ्लो-रिलेटेड एब्नॉर्मलिटी की जांच के लिए किया जाता है। हार्ट और लंग से जुड़ी समस्याओं के दौरान इसकी जरूरत पड़ सकती है। हार्ट अटैक के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। जानिए स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन (Swan-Ganz catheterization) की प्रोसीजर क्या है और किन बातों का रखा जाता है ध्यान।

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    स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन (Swan-Ganz catheterization) क्या है?

    स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन

    इस प्रक्रिया में पल्मोनरी अर्टरी कैथेटर ( Pulmonary artery catheter) है, जो फेफड़ों तक ले जाने वाली धमनियों में सम्मिलित किया जाता है। पीएसी ( Pulmonary artery catheter) में गुब्बारे की नोक होती है। गुब्बारा आपके रक्त के प्रवाह द्वारा कैथेटर को आपके हार्ट में उस स्थान तक ले जाने की अनुमति देता है, जहां इसका इस्तेमाल किया जाएगा। ब्लड कैथेटर को उस जगह ले जाता है, जहां उसकी जरूरत होती है। इमेजिंग को इसे गाइड या फिर हेल्प करने की जरूरत नहीं होती है। पीएसी ( Pulmonary artery catheter) को स्वान-गैंज कैथेटर या राइट हार्ट कैथेटर (Right heart catheter) के रूप में भी जाना जाता है।

    इस प्रक्रिया को कभी-कभी राइट हार्ट कैथेटेराइजेशन भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये हार्ट के राइट यानी कि दाहिनी ओर बहने वाले रक्त के प्रेशर यानी दबाव को मापने का काम करता है। ये तीन स्थानों पर रक्त के दबाव को मापने का काम करता है। राइट एट्रियम, पल्मोनरी आर्टरी, पल्मोनरी कैपिलरी में ब्लड के दबाव को मापने का काम करता है। हार्ट के राइट पोर्शन में बहने वाले रक्त के दबाव को मापने का काम किया जाता है।

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    पल्मोनरी आर्टरी कैथेटर ( pulmonary artery catheter) क्या है?

    स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन (Swan-Ganz catheterization) के दौरान एक लंबी और पतली ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी टिप यानी कि सिरे पर बलून की टिप होती है। बलून टिप कैथेटर को ब्लड वैसल्स के माध्यम से हार्ट के राइट चेंबर में आसानी से ले जाने में मदद करती है। पीएसी का इस्तेमाल करीब 30 सालों से किया जा रहा है। इसका कितनी बार इस्तेमाल किया जा चुका है, इससे संबंधित डाटा उपलब्ध नहीं है। यह एक डायग्नोस्टिक टूल है, जो की हार्ट और लंग के फंक्शन को मॉनिटर करने का काम करता है। साथ ही यह दवाओं के इस्तेमाल के बाद उनकी प्रभावशीलता को लेकर मूल्यांकन का काम भी करता है। यह आमतौर पर 3 वेंस के माध्यम से डाला जा सकता है।

    इन वेंस में राइट इंटरनल जगुलर वेन (Right internal jugular vein), जो कि गर्दन में स्थित होता है और हार्ट तक जाने का सीधा रास्ता होता है। लेफ्ट सबक्लेवियन वेन (Left subclavian vein) कॉलरबोन के नीचे स्थित होती है और यह अपर चेस्ट एरिया के बाईं ओर एक बड़ी नस है। वहीं फॉर्मल वेंस कमर में स्थित होती है। इन तीनों वेंस के माध्यम से कैथेटेराइजेशन की प्रोसेस को पूरा किया जाता है।स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन (Swan-Ganz catheterization) के दौरान पल्मोनरी आर्टरी कैथेटर ( pulmonary artery catheter) को इनमें से एक पॉइंट में डाला जाता है और राइट हार्ट और लंग में वैसल्स में गाइड किया जाता है।

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    स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन (Swan-Ganz catheterization) का क्यों किया जाता है इस्तेमाल?

    इस प्रोसीजर का इस्तेमाल एक नहीं बल्कि कई प्रोसीजर के मूल्यांकन के लिए किया जाता है जैसे कि हार्ट फेलियर (Heart failure), हार्ट अटैक (Heart attack) के दौरान, हार्ट फंक्शन को जांचने के लिए किसी,  शॉक या झटके को जांचने के लिए, पल्मोनरी एडिमा यानी कि लंग में फ्लूड के कारण, जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defect), कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy), पलमोनरी आर्टिरियल हाइपरटेंशन, आदि के मूल्यांकन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जो लोग हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनमें भी इस प्रोसीजर की जरूरत पड़ती है। स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन को एंडोकार्डियल बायोप्सी के कॉम्बिनेशन में भी किया जा सकता है। एंडोकार्डियल बायोप्सी हृदय की मांसपेशियों पर केंद्रित होती है। स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन की मदद से ये जानने में मदद मिलती है कि लोअर ब्लड प्रेशर के लिए दवा की जरूरत है या फिर नहीं।

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    कैसे की जाती है प्रोसेस की प्रिपरेशन?

    इस प्रोसेस की प्रिपरेशन के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। आपको प्रोसेस से करीब 7 से 8 घंटे पहले कुछ भी खाने पीने से बचने के लिए कहा जाता है और डॉक्टर आपको 1 दिन पहले हॉस्पिटल बुला सकते हैं, ताकि आप रात को वहीं पर रहे हैं। डॉक्टर आपसे कुछ पूछ सकते हैं जैसे कि आपको एलर्जी है या फिर नहीं, क्या आप क्या ब्लड थिनर दवा का इस्तेमाल कर रहे थे या फिर क्या आप कोई ओवर-द-काउंटर (over-the-counter) दवाएं ले रहे थे, आप प्रेग्नेंट है या फिर नहीं या फिर प्रोसीजर के दौरान किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत पड़ेगी, इस बारे में जानकारी दी जाती है। डॉक्टर आपको सभी बातें समझा देते हैं और साथ ही कंसेंट फॉर्म सिगनेचर भी कराते हैं। आपको सभी बातों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।

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    कैसे किया जाता है प्रोसीजर?

    जिस स्थान में कैथेटर को डालना होता है,उस स्थान को सुन्न कर दिया जाता है। डॉक्टर पहले उस स्थान को अच्छी तरह से साफ कर देते हैं और उसके बाद कैथेटर को अंदर डाला जाता है। यह गर्दन या फिर कमर में डाला जा सकता है। पीएसी को एक वेंस के माध्यम से शरीर में डाला जाता है, जिसके लिए छोटा चीरा लगाने की जरूरत होती है। अब इसके बाद डॉक्टर पल्मोनरी आर्टरी में ब्लड प्रेशर की जांच करते हैं और साथ ही रक्त में ऑक्सीजन की जांच करने के लिए ब्लड का सैंपल भी लिया जाता है। जब टेस्ट पूरा हो जाता है तो डॉक्टर इक्विपमेंट को हटा लेते हैं और घाव को टांके के की मदद से बंद कर देते हैं।

    प्रोसीजर के दौरान इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की मदद से हार्टबीट की निगरानी भी रखी जाती है। जब यह प्रोसेस होती है, तब आप सो नहीं रहे होते हो बल्कि आपको सभी चीजें समझ में आ रही होती हैं लेकिन दर्द का एहसास नहीं होगा। आपको प्रेशर का एहसास तब होगा जब कैथेटर को अंदर की तरफ डाला जाएगा।

    स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन (Swan-Ganz catheterization) से जुड़े रिस्क क्या हैं?

    इस प्रोसीजर के साथ कुछ रिस्क भी जुड़े हुए हैं। जैसे की अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होना, वेंस में चोट आ जाना, रक्त के थक्के बनना, कम ब्लड प्रेशर, धड़कन का अनियमित होना आदि रिस्क जुड़े होते हैं। यह जरूरी नहीं है कि सभी लोगों को इन समस्याओं का सामना करना पड़े लेकिन कुछ लोगों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको इस बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर से लेनी चाहिए।

    इस आर्टिकल में हमने आपको स्वान-गेंज कैथेटेराइजेशन (Swan-Ganz catheterization) की समस्या से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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