कोरोना वायरस न सिर्फ रेस्पिरेट्री सिस्टम पर वार करता है बल्कि शरीर के अन्य सिस्टम का काम बिगाड़ने में भी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। कोरोना वायरस के नए लक्षणों में डायरिया की समस्या, निमोनिया के लक्षण, एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम, ऑर्गन फेलियर, कार्डियक इंजुरी आदि नए लक्षण के साथ ही अन्य लक्षण भी देखने को मिले हैं। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि कोरोना वायरस दिमाग संबंधि बीमारियों से भी जुड़ा हुआ है।
जांच के दौरान कोविड-19 और सीजर्स का संबंध होने की बात सामने आई है। कुछ व्यक्तियों में दौरे की समस्या कोरोना के कारण बढ़ने की बात मानी गई है। कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों में सीजर्स की बीमारी को ट्रिगर करने के संकेत मिले हैं। कोरोना वायर ऐसे व्यक्तियों के लिए ज्यादा खतरनाक है, जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी हो। मिर्गी की समस्या भी उन्हीं बीमारियों में से एक है। ब्रेन में अचानक परिवर्तन के कारण मिर्गी के दौरे या फिर सीजर्स की समस्या हो जाती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्या है कोविड-19 और सीजर्स का संबंध।
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कोविड-19 और सीजर्स का संबंध क्या है ?
कोविड-19 और सीजर्स के संबंध के बारे में डॉक्टर्स को फ्लोरिडा के एक 74 साल के पेशेंट के माध्यम से जानकारी मिली। पेशेंट को कफ और फीवर की समस्या थी। हॉस्पिटल में जांच के बाद पेशेंट को निमोनिया की शिकायत बताई गई। इसके बाद उसका ट्रीटमेंट करके उसे घर भेज दिया गया। अगले दिन पेशेंट के घरवाले पेशेंट लेकर फिर से अस्पताल पहुंचे और फीवर बढ़ने के बारे में जानकारी दी। पेशेंट को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। साथ ही पेशेंट डॉक्टर को ठीक से अपना नाम भी नहीं बता पा रहा था। साथ ही वो बोलने में भी असमर्थ था। व्यक्ति को पार्किंग्सन रोग और लंग डिजीज भी थी। पेशेंट को अचानक से हाथ और पैरों में झटके महसूस होने लगे। डॉक्टर को पेशेंट की हालत देखकर लगा कि उसे कोविड-19 है।
टेस्ट के बाद पता चला की पेशेंट सच में कोरोना पॉजिटिव था। दूसरे दिन भी डॉक्टर के पास ऐसा ही एक 50 साल की महिला का केस आया जो कि कोरोना पॉजिटिव थी। महिला को सिरदर्द की समस्या थी और साथ ही उसे अपना नाम बताने में दिक्कत हो रही थी। ऐसा मस्तिष्क में वायरल इंफ्लामेशन के कारण हुआ था। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एलिसा फोरी के अनुसार ये एक ब्रेन वायरल इंफ्लामेशन है जो लोगों में ऐसे लक्षण उत्पन्न कर रहा है।
दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुछ पेशेंट को स्ट्रोक, सीजर्स इंसेफेलाइटिस जैसे लक्षण देखने को मिले। यानी कोविड-19 और सीजर्स का संबंध साफ तौर पर देखने को मिला। कुछ पेशेंट के हाथ-पैरों में झुनझुनाहट के साथ ही ब्लड क्लॉटिंग भी देखने को मिले।
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कोविड-19 और सीजर्स का संबंध : ऑक्सीजन लेवल कम होने से पड़ता है इफेक्ट
कोविड-19 और सीजर्स का संबंध अभी भी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है लेकिन शोध में कई बातें सामने आई हैं। चाउ यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में कोरोना वायरस के कारण न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के संबंध में अध्ययन अभी भी जारी है। डॉ. शेरी एच वाई ने कहा कि न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के बारे में अभी भी बहुत जानकारी नहीं है लेकिन पेशेंट की संख्या बढ़ने के साथ ही हमारे पास ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। ये बात को सामने आई है कि कोरोना वायरस के कारण मनुष्य के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम में बदलाव हो रहा है लेकिन अभी भी इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि ये किस हद तक सीजर्स के पेशेंट को प्रभावित कर रहा है या फिर व्यक्ति में सीजर्स के लक्षणों को उकसाने का काम कर रहा है।डॉ। स्टीवंस ने कहा क कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है। इस कारण से ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल लो हो सकता है और साथ ही कार्बन डाई ऑक्साइड का लेवल भी बढ़ जाता है। इस कारण से ब्रेन के फंक्शन में प्रभाव देखने को मिल सकता है। साथ ही भ्रम की स्थिति भी पैदा हो सकती है। ऑक्सीजन का लेवल शरीर में कम होने पर चक्कर भी आ सकता है।
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सीजर्स यानी दौरे की समस्या क्यों उत्पन्न होती है ?
सीजर्स यानी दौरे पड़ने के दौरान व्यक्ति की सोचने या समझने की क्षमता प्रभावित होती है। व्यक्ति अलग तरह से व्यवहार करने लगता है। साथ ही उसे हाथ या पैर में झटके का एहसास भी हो सकता है। सीजर्स की समस्या ब्रेन में चोट या फिर ब्रेन फंक्शन सही से न हो पाने के कारण हो सकता है।ऐसे में व्यक्ति को अचानक से डर लगने लगता है या फिर व्यक्ति अपनी बात को सही तरह से नहीं कह पाता है। शरीर में अकड़न या फिर मुंह से झाग निकलने की समस्या भी हो सकती है। बोलने पर आवाज भी बदल सकती है। ऐसा ब्रेन में इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस के कारण होता है। ये जरूरी नहीं है कि दौरे के कारण मिर्गी की समस्या हो, लेकिन कुछ केसेज में दौरे के कारण मिर्गी की परेशानी भी शुरू हो सकती है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं।
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कोरोना महामारी की अभी तक वैक्सीन नहीं आई है। दुनिया भर में लोग खुद को सुरक्षित रखने के लिए सतर्कता और सावधानी अपना रहे हैं। ऐसे में जो लोग किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें अधिक सतर्कता अपनी चाहिए। अगर किसी भी तरह के लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मिर्गी के इलाज में दवाओं का सेवन और लाइफस्टाइल में सुधार शामिल है। अगर कुछ बातों का ख्याल रखा जाए तो बीमारी पर नियंत्रण रखा जा सकता है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।