टेस्ट के बाद पता चला की पेशेंट सच में कोरोना पॉजिटिव था। दूसरे दिन भी डॉक्टर के पास ऐसा ही एक 50 साल की महिला का केस आया जो कि कोरोना पॉजिटिव थी। महिला को सिरदर्द की समस्या थी और साथ ही उसे अपना नाम बताने में दिक्कत हो रही थी। ऐसा मस्तिष्क में वायरल इंफ्लामेशन के कारण हुआ था। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एलिसा फोरी के अनुसार ये एक ब्रेन वायरल इंफ्लामेशन है जो लोगों में ऐसे लक्षण उत्पन्न कर रहा है।
दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुछ पेशेंट को स्ट्रोक, सीजर्स इंसेफेलाइटिस जैसे लक्षण देखने को मिले। यानी कोविड-19 और सीजर्स का संबंध साफ तौर पर देखने को मिला। कुछ पेशेंट के हाथ-पैरों में झुनझुनाहट के साथ ही ब्लड क्लॉटिंग भी देखने को मिले।
[mc4wp_form id=”183492″]
और पढ़ें : कोविड-19 रिकवरी और हार्ट डिजीज का क्या है संबंध, जानिए एक्सपर्ट की राय
कोविड-19 और सीजर्स का संबंध : ऑक्सीजन लेवल कम होने से पड़ता है इफेक्ट
कोविड-19 और सीजर्स का संबंध अभी भी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है लेकिन शोध में कई बातें सामने आई हैं। चाउ यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में कोरोना वायरस के कारण न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के संबंध में अध्ययन अभी भी जारी है। डॉ. शेरी एच वाई ने कहा कि न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के बारे में अभी भी बहुत जानकारी नहीं है लेकिन पेशेंट की संख्या बढ़ने के साथ ही हमारे पास ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। ये बात को सामने आई है कि कोरोना वायरस के कारण मनुष्य के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम में बदलाव हो रहा है लेकिन अभी भी इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि ये किस हद तक सीजर्स के पेशेंट को प्रभावित कर रहा है या फिर व्यक्ति में सीजर्स के लक्षणों को उकसाने का काम कर रहा है।डॉ। स्टीवंस ने कहा क कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है। इस कारण से ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल लो हो सकता है और साथ ही कार्बन डाई ऑक्साइड का लेवल भी बढ़ जाता है। इस कारण से ब्रेन के फंक्शन में प्रभाव देखने को मिल सकता है। साथ ही भ्रम की स्थिति भी पैदा हो सकती है। ऑक्सीजन का लेवल शरीर में कम होने पर चक्कर भी आ सकता है।