के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
भारत में शिकाकाई का उपयोग कई सालों से किया जाता रहा है, यह भारत में बालों की देखभाल करने के पारंपरिक तरीकों में शामिल है। इसका वैज्ञानिक नाम Acacia concinna है, जो कि एशिया, मध्य और दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में पाया जाता है। इस पेड़ की पत्तियां, फल, छाल आदि बालों और त्वचा की कई समस्याओं के निदान के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें विटामिन सी, ए, ई, डी आदि कई अन्य तत्व काफी उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं। इसी वजह से ब्यूटी प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री में कई उत्पादों के निर्माण में इसको शामिल किया जाता है। इसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं।
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शिकाकाई का इस्तेमाल सबसे ज्यादा बालों के लिए किया जाता है, क्योंकि यह बालों के विकास में काफी मदद करता है और उन्हें मजबूत बनाता है। इसका उपयोग मेंहदी पाउडर और दही के साथ भी किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता बढ़ जाती है। इसमें मौजूद एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण बालों की समस्याओं को दूर करके उनके विकास में मदद करते हैं।
खराब जीवनशैली और प्रदूषित वातावरण की वजह से हमारे बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं। लेकिन, शिकाकाई बालों के प्राकृतिक ऑयल को बिना खोये सिर की त्वचा और बालों को साफ करने का कार्य करता है। जिससे बालों की जड़ों को पर्याप्त पोषण मिलता है और वह चमकदार और खूबसूरत बनते हैं।
बालों को पोषण न मिलने की वजह से वह कमजोर हो जाते हैं और टूटने या झड़ने लगते हैं। लेकिन, शिकाकाई सिर की त्वचा को साफ करता है और उसमें मौजूद विटामिन बालों की जड़ों को सीधा मिल पाते हैं, जिससे बालों का झड़ना कम होता है।
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सिर की त्वचा की कोशिकाओं को पोषण न मिल पाने की वजह से वह नष्ट होने लगती हैं। लेकिन, शिकाकाई कोशिकाओं को पोषण प्रदान करके उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है और सिर की त्वचा को धूल व अतिरिक्त तेल से साफ रखता है। जिससे डैंड्रफ की समस्या नहीं होती है।
लोग मानते हैं कि, शिकाकाई के इस्तेमाल से तनाव को कम करने में भी मदद मिलती है। क्योंकि, इसमें कूलिंग इफेक्ट होता है, जिस वजह से इसे सिर पर हल्के हाथ से मसाज करने पर सिरदर्द व तनाव से राहत मिलती है। इसके लिए इसे आंवला और दही मिलाकर पैक तैयार किया जाता है।
शिकाकाई में मौजूद कूलिंग और एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-फंगल गुण घावों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करते हैं। अगर, आपके घाव के आसपास सूजन, खुजली आदि समस्याएं हैं, तो शिकाकाई के पानी से उसे धोने पर इन तकलीफों में आराम मिलता है।
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सीमित मात्रा में इसका इस्तेमाल करना काफी सुरक्षित है। हालांकि, अगर आप किसी क्रॉनिक डिजीज से जूझ रहे हैं या फिर आप गर्भवती या बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिलाएं हैं, तो शिकाकाई का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से पर्याप्त जानकारी जरूर ले लें। इसके अलावा, शिकाकाई का अत्यधिक सेवन करने से बचें। शिकाकाई का बीज का इस्तेमाल करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। शिकाकाई का रोजाना इस्तेमाल न करें।
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शिकाकाई का अत्यधिक इस्तेमाल करने या अन्य कारणों से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है। जैसे-
हालांकि, हर किसी को इन साइड इफेक्ट्स का सामना नहीं करना पड़ता है या फिर हो सकता है कि अलग-अलग व्यक्तियों को अलग-अलग साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ रहा हो। इसके अलावा, यह दुष्प्रभाव अन्य कारणों से भी हो सकते हैं। इसलिए, अगर आपको इनमें से कोई भी परेशानी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपको इसके दुष्प्रभाव को लेकर अभी भी सवाल है, तो किसी हर्बलिस्ट से मिलें।
दवा के रूप में शिकाकाई की खुराक हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है। क्योंकि, खुराक आपकी उम्र, लिंग व स्वास्थ्य जैसे अनेक कारणों पर निर्भर करती है और हर्बल सप्लीमेंट का सेवन या इस्तेमाल हमेशा सुरक्षित नहीं होता है। इसलिए, अपने लिए सही खुराक के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें। आइए, आम इस्तेमाल के बारे में जानते हैं। जैसे-
शिकाकाई मार्केट या आपके आसपास निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकता है। जैसे-
डिस्क्लेमर
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