के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
वसाबी एक हर्ब है जिसे जापानी हॉरसरेडिश भी कहा जता है। यह ब्रस्सिकासाए परिवार का सदस्य है, इसमें बंदगोभी, सहिजन और सरसों भी शामिल हैं। वसाबी की जड़ का प्रयोग खाने में मसाले के रूप में किया जाता है। टेस्ट में ये बहुत तीखा होता है। इसकी खेती मुख्य रूप से जापान में की जाती है। आमतौर पर इसका पौधा नदी के किनारों पर उगता है। पोषक तत्वों से भरपूर वसाबी कई स्वास्थय संबंधी परेशानियों से बचाने में मद्दगार है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीजियम, सोडियम और जिंक होता है। इसके साथ ही इसमें फोलेट, विटामिन-ए, विटामिन-बी6 और विटामिन-सी भी होते हैं, जो कई तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं। बहुत सारे लोग इसका सेवन दिल संबंधित बीमारियां, कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए करते हैं। इसके कई और प्रजातियां भी हैं।
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वसाबी हर्ब का लाभ पाने के लिए उसकी जड़ों और पत्तियों दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी जड़ का सेवन करने करने के लिए इसे कद्दूकस किया जा सकता है या फिर इसे पीस कर भी इसका सेवन किया जा सकता है। आप चाहें तो इसका इस्तेमाल किसी भोजन में भी कर सकते हैं। वसाबी की जड़ के अलावा इसकी ताजी पत्तियों को भी चबाकर खाया जा सकता है। हालांकि, स्वाद में यह बहुत ही तीखी होती है।
जापान में इसका इस्तेमाल आमतौर पर सोया सॉस के साथ किया जाता है। कभी-कभी सोया के साथ मिलाकर इसकी चटनी भी बनाई जाती है। जिसे वहां पर वसाबी-जोयु कहा जाता है। इसके अलावा, फलियों, जैसे- मूंगफली, सोयाबीन, या मटर के भूने या तले हुए दानों में वसाबी पाउडर और नमक या तेल मिलाकर इसका सेवन नाश्ते के तौर पर किया जा सकता है।
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कई रिसर्च के अनुसार, वसाबी में सल्फिनिक यौगिक पाया जाता हैं जो ब्लड सर्क्युलेशन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। स्ट्रोक और ब्लड क्लॉट को रोकने में भी हेल्प करता है।
इसमें एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं जो शरीर से फ्री रेडिकल्स को दूर करने में कारगर है। कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टी हुई कि यह आपके शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स को नष्ट करने में मदद करता है। इसमें मौजूद आइसोथियोसाइनेटस (Isothiocyanates) कैंसर से कवच प्रदान करता है।
वसाबी के सेवन से दिल संबंधित बीमारियां दूर रहती हैं। इसमें एंटी-हाइपरकोलेस्ट्रॉलेमिक (Hypercholesterolemic) प्रॉपर्टीज होती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे को कम करती हैं।
कुछ रिसर्च बता ते हैं कि वसाबी की पत्तियों में कुछ ऐसे कंपाउंडस होते हैं जो वसा कोशिकाओं के विकास को रोकता है।
वसाबी में गैस कंपोनेंट्स होते हैं जो नाक के रास्ते से साइनस के लिए शक्तिशाली प्रतिक्रिया का कारण बनते हैं। ये निमोनिया और इन्फ्लूएंजो को होने से रोकता है। इसकी गंध बहुत तेज होती है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए यह बहुत असरदार होती है। ये उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है जो मौसमी एलर्जी से पीड़ित होते हैं।
वसाबी हर्ब में एलिल इसोथियोसाइनेट पाया जाता है जो कंजेशन यानी बंद नाक और मौसमी एलर्जी को दूर करने में मदद करता है। इसमें मौजूद गैसीय प्रतिक्रिया निमोनिया के उपचार में कारगर होती है।
वसाबी भी एंटी-इंफ्लमेटरी गुण होते हैं जिनसे सूजन और दर्द से राहत मिलती है। इसमें पाए जाने वाला आइसोथियोसिएनिन्स, मसल्स और लिगमेंट की सूजन को कम करता है। कई शोध में पाया गया कि वसाबी ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
वसाबी में सल्फिनिल की मात्रा पाई जाती है जो एक शक्तिशाली एंटी-एजिंग एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह शरीर में ऑक्सीजन रिएक्शन को कम करता है और स्किन को चमकदार बनाता है। साथ ही, चेहरे के दाग-धब्बे भी कम करने में मदद करता है।
इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-वायरल एजेंट होते हैं, जो बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकते हैं। साथ ही शरीर में इंफेक्शन को फैलने से भी रोकते हैं।
वसाबी हमारे शरीर से हानिकारक टॉक्सिन को निकालने और आंतों को साफ रखने में मदद करता है। ये कब्ज और पेट में होने वाली सूजन को भी कम करता है। इसके अलावा ये आपको गैस्ट्रिक समस्याओं से भी राहत दिलाता है।
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वसाबी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लमेटरी गुण होते हैं, जिसके चलते यह एलर्जी, सूजन, इंफेक्शन और कैंसर के इलाज में मदद करता है। ये पोटेशियम और विटामिन-सी का भी अच्छा स्त्रोत है। इसमें हाई लेवल के एंटी-ऑक्सीडेंटस भी होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करते हैं। वसाबी खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमी करती है और हड्डियों के विकास को भी बढ़ावा देती है।
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इसका सीमित मात्रा में सेवन करना सुरक्षित है, लेकिन अधिक मात्रा में इसे लेना नुकसानदायक हो सकता है। इसका अधिक मात्रा में सेवन करना लिवर को डैमेज कर सकता है। इसमें हिपैटोटॉक्सिन नामक केमिकल कंपाउंडस होता है जिसकी अधिक मात्रा होने से टोक्सिनस बाहर नहीं निकलते और लिवर के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।
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वसाबी से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
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इस हर्बल की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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किन रूपों में उपलब्ध है?
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