हेल्थ एंजायटी (Health Anxiety) एक ऑब्सेसिव और तर्करहित चिंता है। जिसमें व्यक्ति को लगता है कि उसे गंभीर बीमारी है। इसे इलनेश एंजायटी डिसऑर्डर और हायपोकोंड्रिया (Hypochondria) भी कहा जाता है। इस कंडिशन में व्यक्ति के बीमारी के शारीरिक लक्षणों की कल्पना करने लगता है या सामान्य से बॉडी सेंसेशन को गंभीर बीमारी के लक्षण समझने लगता है। मेडिकल प्रोफेशन के विश्वास दिलाने के बाद भी उन्हें इस बात का यकीन नहीं होता कि उनको यह बीमारी नहीं है।
यह हेल्थ एंजायटी व्यक्ति की डेली लाइफ, करियर यहां तक कि रिलेशनशिप को भी प्रभावित करने लगती है। लोग अपनी इन भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर पाते और उनका डर उन्हें एकदम सच लगता है। यह एक लंबे समय तक रहने वाली कंडिशन है जो गंभीर बन सकती है। यह उम्र के साथ बढ़ती है और तनाव के दौरान अधिक महसूस होती है। साइकोलॉजिक काउंसलिंग और कई बार दवाएं इस कंडिशन में मददगार हो सकती हैं।
हेल्थ एंजायटी (Health Anxiety) होना कितना आम है?
हायपोकोंड्रिया या हेल्थ एंजायटी होना दुर्लभ है। यह व्यस्क होने की शुरुआत में दिखाई देता है। इलनेस एंजायटी डिसऑर्डर किसी भी उम्र में किसी को भी प्रभावित कर सकता है। चाहे महिला हो या पुरुष।
इलनेस एंजायटी डिसऑर्डर कितने प्रकार का होता है?
इलनेस एंजायटी डिसऑर्डर (Illnesses Anxiety disorder) की दो केटेगरीज हैं जो निम्न प्रकार हैं।
देखभाल चाहना (Care-seeking)
इस कैटेगरी में आने वाला व्यक्ति अपना अधिकांश समय डॉक्टरों के पास या हॉस्पिटल में बिताता है। वह कई विशेषज्ञों से सलाह लेता है और मेडिकल टेस्ट्स कराने के लिए अनुरोध करता है।
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देखभाल से बचने वाला (Care-avoidant)
इसमें व्यक्ति डॉक्टर्स और मेडकल केयर को अवॉइड करता है। वह डॉक्टर पर विश्वास नहीं करेगा या सोचेगा कि वे उसके लक्षणों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इससे और अधिक चिंता और डर हो सकता है।
हेल्थ एंजायटी के लक्षण क्या हैं? (Health Anxiety symptoms)
इलनेस एंजायटी डिसऑर्डर का सामना कर रहे लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने का अविश्वनीय डर होता है। इस बीमारी को लेकर वे बहुत डरे हुए रहते हैं वह बदलती भी रहती है। कई बार हेल्द एंजायटी का सामना कर रहे लोगों को फिजिकल इलनेस डायग्नोस भी होती है, लेकिन इस डिसऑर्डर से प्रभावित व्यक्ति ऐसा सोचता है कि उसकी स्थिति कहीं अधिक गंभीर है। हेल्थ एंजायटी के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं।
- बीमार होने के डर से लोगों से मिलना बंद करना या भीड़ वाली जगहों पर ना जाना
- लगातार बीमारी और इसके लक्षणों के बारे में सर्च करना
- लक्षणों को बहुत बढ़ा चढ़ाकर देखना। जैसे कफ को लंग कैंसर से रिलेट करना
- पर्सनल हेल्थ के बारे में बहुत अधिक चिंता करना
- हार्ट रेट जैसे नॉर्मल बॉडी फंक्शन के लिए बहुत अधिक ऑबेस होना
- दूसरे के साथ अपने लक्षणों और स्वास्थ को बहुत अधिक शेयर करना
- बीमारी के लक्षणों को बार-बार चेक करना जैसे बार-बार ब्लड प्रेशर मापना या बॉडी टेम्प्रेचर चेक करना
- अपने लक्षणों के बारे में करीबी लोगों से बार-बार आश्वासन लेना
- गैस या पसीना आना जैसे बॉडी फंक्शन को लेकर पेरशान हो जाना
- किसी विशिष्ट चिकित्सा स्थिति के बारे में अत्यधिक चिंता करना या चिकित्सा स्थिति विकसित होने के जोखिम के बारे में चिंता करना क्योंकि यह परिवार में चलती है
- संभावित बीमारियों के बारे में इतना परेशान होना कि काम करना मुश्किल हो जाए
हेल्थ एंजायटी के कारण क्या हैं? (Healthy anxiety causes)
हेल्थ एंजायटी के सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन नीचे बताए जा रहे फैक्टर्स महत्वपूर्ण रोल निभा सकते हैं।
विश्वास (Briefs)
असहज या असामान्य शरीर संवेदनाओं की अनिश्चितता को सहन करने में व्यक्ति को मुश्किल हो सकती है। यह व्यक्ति को गलत व्याख्या करने के लिए प्रेरित कर सकता है कि शरीर की सभी संवेदनाएं गंभीर हैं, इसलिए आप इस बात की पुष्टि करने के लिए वे सबूत खोजते हैं कि उन्हें एक गंभीर बीमारी है।
परिवार (Family)
हेल्थ एंजायटी (Health Anxiety) होने का कारण पेरेंट्स का खुद की या बच्चों की हेल्थ के प्रति अत्यधिक चिंता करना भी हो सकता है।
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पुराने अनुभव (Past experience)
अगर बचपन में कोई गंभीर बीमारी हुई तो फिजिकल सेंसेशन व्यक्ति को डरा सकते हैं और हेल्थ एंजायटी का कारण बन सकते हैं।
हेल्थ एंजायटी के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं? (Healthy Anxiety risk factors)
इलनेस एंजायटी डिसऑर्डर की शुरुआत अर्ली या मिडिल एडल्टहुड से होती है और यह उम्र के साथ बढ़ सकती है। अक्सर बुजुर्ग लोगों को अपनी स्मरण क्षमता को खोने का डर होता है। इलनेस एंजायटी डिसऑर्डर के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं।
- बहुत लंबे समय तक तनाव में रहना
- गंभीर बीमारी का डर जो सच नहीं निकला
- चाइल्ड एब्यूज का इतिहास
- बचपन की कोई गंभीर बीमारी या माता-पिता को कोई गंभीर बीमारी है
- व्यक्तित्व लक्षण, जैसे कि चिंता करने की प्रवृत्ति होना
- अत्यधिक स्वास्थ्य संबंधी इंटरनेट का उपयोग
- मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां जैसे चिंता या अवसाद
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हेल्थ एंजायटी को डायग्नोस कैसे किया जाता है?
हेल्थ एंजायटी (Health Anxiety) को डायग्नोस करने के लिए कुछ फिजिकल एग्जाम से गुजरना पड़ सकता है। डॉक्टर यह भी पता लगाने की कोशिश करेंगे कि मरीज को कोई बीमारी तो नहीं है जिसे ट्रीटमेंट की जरूरत है। डॉक्टर मरीज को मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल के पास भेज सकते हैं। वे निम्न प्रकार डायग्नोसिस प्रॉसेस कर सकते हैं।
साइकोलॉजिकल मूल्यांकन। जिसमें लक्षण, तनाव पैदा करने वाली स्थितियां, फैमिली हिस्ट्री, डर, चिंताएं आदि के बारे में बात की जाएगी। साथ ही व्यक्ति की चिंता कैसे बुरी तरह डेली लाइफ को प्रभावित कर रही है उसके बारे में भी डॉक्टर बात करेंगे।
- व्यक्ति को साइकोलॉजिक सेल्फ एसेसमेंट भी भरना पड़ सकता है।
- डॉक्टर एल्कोहॉल, ड्रग और दूसरे सब्सटेंस के उपयोग के बारे में पूछेंगे।
- डॉक्टर यह पता लगाने की भी कोशिश करेंगे कि यह कोई अन्य डिसऑर्डर जैसे कि जनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर तो नहीं है।
ट्रीटमेंट (Treatment)
ट्रीटमेंट गोल स्वास्थ्य के बारे में चिंता का प्रबंधन करने और दैनिक जीवन में कार्य करने की क्षमता में सुधार करने में मदद करना है। मनोचिकित्सा जिसे टॉक थेरिपी भी कहा जाता है इलनेस एंजायटी डिसऑर्डर के लिए सहायक हो सकती है। कभी-कभी दवाएं भी एड की जा सकती है।
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साइकोथेरिपी (Psychotherapy)
क्योंकि फिजिकल सेंसेशन इमोशनल डिस्ट्रेस और स्वास्थ्य संबंधी चिंता से संबंधित हो सकता है, मनोचिकित्सा – विशेष रूप से संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) – एक प्रभावी उपचार हो सकता है। सीबीटी निम्न प्रकार हेल्थ एंजायटी (Health Anxiety) के प्रबंधन में मदद करती है।
- एक गंभीर चिकित्सा रोग होने के बारे में अपने डर और विश्वासों को पहचानें
- अनुपयोगी विचारों को बदलने के लिए काम करके अपने शरीर की संवेदनाओं को देखने के वैकल्पिक तरीके जानें
- इस बारे में अधिक जागरूक बनें कि आपकी चिंताएं आपको और आपके व्यवहार को कैसे प्रभावित करती हैं
- अपने शरीर की संवेदनाओं और लक्षणों पर प्रतिक्रिया करने के तरीके को बदलें
- चिंता और तनाव से निपटने और सहन करने के कौशल सीखें
- बीमारी के लक्षणों के लिए अपने शरीर की बार-बार जांच करने और बार-बार आश्वासन मांगने के व्यवहार को कम करें
- घर पर, काम पर, रिश्तों में और सामाजिक स्थितियों में दैनिक कामकाज में सुधार करें
- अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकारों को दूर करें, जैसे कि अवसाद
- व्यवहारिक तनाव प्रबंधन और एक्सपोजर थेरेपी जैसे अन्य उपचार भी सहायक हो सकते हैं।
दवाएं (Medications)
एंटीडिप्रेसेंट, जैसे सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई), हेल्थ एंजायटी के इलाज में मदद कर सकते हैं। दवा के विकल्प और संभावित दुष्प्रभावों और जोखिमों के बारे में डॉक्टर से बात जरूर करें। साथ ही डॉक्टर की सलाह के बिना दवा ना लें।
उम्मीद करते हैं कि आपको हेल्थ एंजायटी (Health Anxiety) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।