शिशु की त्वचा बेहद मुलायम और संवेदनशील होती है। ऐसे में माता-पिता हमेशा यही चाहते हैं कि उनके बच्चे की त्वचा को कोई नुकसान न हो। इसके साथ ही शिशु की त्वचा की जितने लंबे समय तक हो सके नरम और मुलायम बनी रहे। हमारे घरों में प्राचीन समय से ही बच्चों को नहलाने से पहले उनकी मालिश की जाती है। इससे न केवल मां और शिशु का रिश्ता मजबूत होता है, बल्कि इससे शिशु को और भी कई फायदे होते हैं। मालिश करने के लिए कौन से तेल या घी का प्रयोग करें जिसको लेकर सबकी अपनी-अपनी प्राथमिकता रहती है। पुराने समय से ही शिशु को बादाम के तेल की मालिश करना बहुत प्रचलित है क्योंकि बादाम का तेल गुणों से भरपूर है। जानिए इस बारे में विस्तार से बादाम तेल का इस्तेमाल शिशु की त्वचा के लिए कैसे है फायदेमंद।
क्या बादाम के तेल से शिशु की मालिश करना सुरक्षित है?
जैसे कई लोग नारियल तेल का प्रयोग करते हैं, तो कई सरसों का तेल, कुछ लोग घी तो कुछ लोग बादाम का तेल। बादाम के तेल की मालिश के फायदों से पहले यह जान लें कि क्या इससे मालिश करना सुरक्षित है? तो इसका जवाब है कि हां, शिशु के मालिश के लिए बादाम का तेल पूरी तरह से सुरक्षित है। बाजार में दो तरह के बादाम के तेल मौजूद हैं एक मीठा और दूसरा कड़वा। कड़वा बादाम का तेल उतना प्रसिद्ध नहीं है जितना मीठा बादाम का तेल। क्योंकि मीठा बादाम का तेल खाने योग्य होता है। ऐसे में अगर मालिश करते हुए शिशु के मुंह में यह तेल चला भी जाए, तो उससे कोई नुकसान नहीं होता। इसलिए अपने शिशु के लिए आप मीठा बादाम का तेल प्रयोग करें।
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शिशु को बादाम के तेल की मालिश करने के लाभ
रूखी त्वचा को करें दूर
बादाम के तेल का प्रयोग त्वचा को शांत करने और रूखी त्वचा को दूर करने के लिए भी किया जाता है। यही नहीं, इससे त्वचा के छोटे-मोटे कट आदि भी ठीक हो जाते हैं। आयुर्वेदिक और चाइनीज प्रथाओं में भी त्वचा की समस्याओं जैसे सोरायसिस और एक्जिमा के लिए इसका उपयोग किया जाता है। ऐसे में शिशु की त्वचा के लिए भी यह तेल बेहद उपयोगी है। शिशु की त्वचा को यह रुखा नहीं होने देता।
मॉइस्चराइज करें
बादाम का तेल हल्का होता है और बहुत जल्दी त्वचा में अवशोषित हो जाता है। यानी, बादाम का तेल एक अच्छा मॉइस्चराइजर है और इसका प्रयोग चेहरे पर भी किया जा सकता है। यही नहीं, आप इसे एसेंशियल ऑयल्स के साथ मिला कर भी प्रयोग कर सकते हैं। यानी बादाम के तेल की मालिश शिशु के लिए बेहतरीन है।
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त्वचा को नुकसान से बचाता है
बादाम के तेल में कई नुट्रिएंट होते हैं जैसे विटामिन E और A , एसेंशियल फैटी एसिडस। जो त्वचा को कई नुकसानों से बचाते हैं जैसे सूरज की हानिकरक किरणों से होने वाले नुकसानों, घाव आदि। इसलिए बच्चों को इन नुट्रिएंट्स का भरपूर पोषण मिलता है।
बालों के लिए लाभदायक
बादाम का तेल न केवल त्वचा बल्कि बालों के लिए भी लाभदायक है। इसमें विटामिन B7 (biotin) होता है। जिससे बाल और नाखून दोनों स्वस्थ और मजबूत होते हैं। इसमें प्राकृतिक रूप से SPF 5 होता है। जो बालों को सूरज से होने वाले नुकसानों से बचाता है। यह एंटीबैक्टीरियल और कवकनाशी होता जो सिर की त्वचा के लिए भी लाभदायक है। इसके गुण यीस्ट को संतुलित बनाए रखने में भी मदद करते हैं जो रुसी का मुख्य कारण है। त्वचा में भी यह तेल आसानी से अवशोषित हो जाता है जिससे सिर की त्वचा हाइड्रेट रहती है और रोम छिद्रों की सफाई भी होती है।
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क्रैडल कैप दूर करे
कई बार शिशुओं को क्रैडल कैप की समस्या होती है। इसके कारण सिर की त्वचा चिकनी और पपड़ीदार हो जाती है। सूखने पर त्वचा भूरी और पीली हो जाती है। यह समस्या सारा दिन शिशु के एक ही पोजीशन में सोने के कारण होती है। इस समस्या से निजात दिलाने में भी बादाम का तेल सहायक है।
मांसपेशियों को मजबूत करे
बादाम के तेल से मालिश करने से शिशु के पूरे शरीर की अच्छी एक्सरसाइज होती है। इसके साथ ही तेल से मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से रहती है और मांसपेशियों की मूवमेंट भी अच्छे से होती है। जिससे समय के साथ मांसपेशियां मजबूत होती है। जिससे शिशु को चलने और मूवमेंट करने में आसानी होती है।
नाखून बने स्वस्थ
बादाम के तेल में पोटैशियम और कैल्शियम होता है और साथ में विटामिन भी होता है। जिससे बच्चे के नाखून मजबूत, स्वस्थ और चमकदार बनते हैं।
पाचन में मददगार
जब आप बच्चे के पेट में गुनगुने पानी में बादाम का तेल मिला कर मालिश करते हैं, तो इससे पाचन शक्ति बढ़ती है। पेट में हलके से मालिश करने से उसे दूध पीने के बाद होने वाली पेट दर्द से भी आसानी मिलती है ।
नींद में सहायक
बादाम के तेल की मालिश करने से शिशु को आराम मिलता है जिससे शिशु शांत रहते हैं और शिशु आराम से सो पाता है।
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बादाम के तेल की मालिश से पहले बरते सावधानियां
- शिशु की त्वचा संवेदनशील होती है इसलिए मालिश की शुरुआत में सबसे पहले शिशु के शरीर के किसी हिस्से पर थोड़े से तेल से मालिश करें। इससे आपको यह पता चलेगा कि कहीं आपके शिशु को इससे रैशेस तो नहीं होंगे।
- कई बच्चे इस तेल से एलर्जिक होते हैं। अगर ऐसा है तो आप ऐसे बच्चे का बादाम के तेल से मालिश न करें।
- अगर आप मालिश के एकदम बाद शिशु को नहीं नहलाने वाले हैं। तो बच्चे की त्वचा को साफ कपडे से पौंछ लें। जिससे बच्चे की त्वचा पर न तो रेशेस होंगे, न ही तेल के दाग कहीं लगेंगे।
- तेल शिशु के कान और नाक को बंद कर देता है। इसलिए शिशु के इन अंगों में तेल के अधिक उपयोग करने से बचे।
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कैसे करें शिशु की बादाम के तेल की मालिश
- शिशु की मालिश करने से पहले आप घर की किसी शांत और साफ-सुथरी जगह का चुनाव करें।
- मालिश से पहले आप अपने हाथों को अच्छे से धो लें ।ध्यान रहे न तो आपके नाखून बड़े हों और न आपने हाथ या उंगलियों में आपने कोई गहना पहना हो।
- अब आप अपने बच्चे के कपड़े निकालें और उसके पीठ के बल लिटा दें।
- अब अपने हाथों में तेल लें और उसके कानों पर अपने हाथों को लगाएं। इससे आप शिशु को यह इशारा दे सकती हैं कि उसकी मालिश शुरू हो गयी है।
- अब मालिश को उसकी टांगों से शुरू करें। इसके बाद उसकी एड़ी, बाजू, सीने और शरीर के अन्य हिस्सों में सर्कुलर मोशन में मालिश करें।
- ध्यान रहे मालिश करते हुए आपके हाथों का प्रेशर हल्का हो। अब शिशु को पेट के बल लिटा कर उसकी पीठ और पीछे से टांगों और अन्य अंगों पर भी मालिश करें।
- अंत में शिशु के सिर पर अच्छे से मालिश करें।
- अधिकतर शिशु मालिश के दौरान खुश रहते हैं। मालिश करते हुए आप लगातार उससे बात करती रहें या उसे कोई गाना, कविता आदि सुनाएं। इससे आपका बांड अपने शिशु के साथ और अच्छा बनेगा।
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