शिशु के जन्म के बाद उसकी हर एक गतिविधियों का माता-पिता ध्यान रखते हैं। अगर बच्चा ठीक तरह से फीड ना करे तो पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं, वहीं कुछ बच्चे तो आवश्यकता से कम सोते हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार नवजात शिशु 17 से 18 घंटे सो सकते हैं। वहीं कुछ बच्चों में कम नींद आने या बेबी स्लीप एप्निया (Baby Sleep Apnea) की समस्या हो सकती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में बेबी स्लीप एप्निया एवं बेबी स्लीप प्रॉब्लेम (Baby Sleep problems) से जुड़े सवालों का जवाब जानेंगे।
बेबी स्लीप एप्निया क्या है?
बेबी स्लीप एप्निया किन-किन बच्चों में ज्यादा देखी जाती है?
बेबी स्लीप एप्निया के लक्षण क्या हैं?
बेबी स्लीप एप्निया के कारण क्या हैं?
बेबी स्लीप एप्निया का निदान कैसे किया जाता है?
बेबी स्लीप एप्निया का इलाज कैसे किया जाता है?
डॉक्टर से कब संपर्क करना जरूरी है?
चलिए बेबी स्लीप एप्निया से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं और बच्चों को इस समस्या दूर रखते हैं।
बच्चों को सोने के दौरान अगर सांस लेने में तकलीफ हो, तो ऐसी स्थिति बेबी स्लीप एप्निया (Baby Sleep Apnea) कहलाती है। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) एनसीबीआई (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार बेबी स्लीप एप्निया की समस्या प्रीमैच्योर बच्चों (Premature Babies) में होने के साथ-साथ किसी भी उम्र के बच्चों में देखी जा सकती है।
बेबी स्लीप एप्निया की समस्या (Baby Sleep Apnea problem) किन बच्चों में ज्यादा हो सकती है?
बेबी स्लीप एप्निया की समस्या ज्यादातर डिलिवरी डेट से पहले जन्में बच्चे यानी प्रीमच्योर बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इन बच्चों में सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) ठीक तरह से डेवलप नहीं हो पाते हैं और ऐसी स्थिति में सांस लेने में बच्चे को कठिनाई हो सकती है।
बेबी स्लीप एप्निया के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Symptoms of Baby Sleep Apnea)
बेबी स्लीप एप्निया के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
बच्चे का खर्राटा (Snoring) लेना।
सांस लेने में कठिनाई (Breathing problem) महसूस होना।
सांस लेने के दौरान गले से घरघराहट की आवाज आना।
बच्चे का मुंह से सांस लेना।
ठीक तरह से नहीं सो पाना।
बच्चे का नींद से बार-बार जागना।
शिशु को अत्यधिक पसीना आना।
बच्चे का बार-बार टॉयलेट करना।
शिशु को दिन में नींद आना।
बच्चे का सुस्त रहना।
बच्चे का चिड़चिड़ा होना।
बच्चे का स्वभाव हाइपरएक्टिव होना।
ये लक्षण बेबी स्लीप एप्निया के लक्षण की ओर इशारा करते हैं। बच्चों में स्लीप एप्निया के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, जिनके बारे में आर्टिकल में आगे समझेंगे।
बेबी स्लीप एप्निया के कारण क्या हैं? (Cause of Baby Sleep Apnea)
बच्चों में स्लीप एप्निया के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive Sleep Apnea)- सोने के दौरान मसल्स रिलैक्स करते हैं। इन मसल्स में गले के पीछे की मांसपेशियां भी शामिल होती है, जो हवा के मार्ग को खुलने और बंद करने में मददगार होती है। जिन लोगों में या बच्चों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया की समस्या होती है उनमें आराम करने के दौरान वायुमार्ग सिकुड़ने लगते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति निमोनिया, टॉन्सिल या एडेनोइड्स जैसी बीमारियों के कारण भी हो सकती है।
सेंट्रल स्लीप एप्निया (Central Sleep Apnea)- बेबी स्लीप एप्निया के कारण में सेंट्रल स्लीप एप्निया को भी शामिल किया गया है। सेंट्रल स्लीप एप्निया होने की स्थिति में ब्रेन सांस लेने को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों को संकेत देने में विफल रहता है। ऐसे में सोने के दौरान खर्राटे की आवाज आती है और ये सभी स्थिति एकसाथ मिलकर बच्चों में स्लीप एप्निया का कारण बन सकती है।
ये दो कारण बच्चों में स्लीप एप्निया या बेबी स्लीप प्रॉब्लेम (Baby Sleep problems) की शुरुआत कर सकते हैं। वैसे इन दोनों स्थितियों के अलावा शिशु का जबड़ा छोटा होना और होंठ या तालु से जुड़ी समस्या होना।
बेबी स्लीप एप्निया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Baby Sleep Apnea)
बच्चों में स्लीप एप्निया की समस्या (Baby Sleep problems) होने पर या इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर बच्चे की हेल्थ चेकअप करते हैं और उसकी मेडिकल हिस्ट्री पूछते हैं। इसके बाद निम्नलिखित तरीकों से डॉक्टर जांच कर सकते हैं। जैसे:
बच्चे के गले और मुंह की जांच करते हैं।
पोलीसोम्नोग्राफी (Polysomnography) स्लीप टेस्ट की जा सकती है।
टेस्ट रिपोर्ट और बच्चे की परेशानियों को ध्यान में रखकर इलाज शुरू की जा सकती है।
बेबी स्लीप एप्निया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Baby Sleep Apnea)
दि चिल्ड्रेन्स मर्सी हॉस्पिटल (The Children’s Mercy Hospital) द्वारा पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसरा बच्चों में स्लीप एप्निया की समस्या को दूर करने के लिए बच्चों में स्लीप एप्निया के कारणों को ध्यान रखा जाता है। इसलिए टॉन्सिल और एडेनोइड्स की स्थिति में इसे रिमूव किया जाता है जरूरत पड़ने पर पॉसिटिव एयरवे प्रेशर थेरिपी (Positive airway pressure therapy) या दवाओं (Medications) का सेवन करवाया जा सकता है।
ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर शिशु की सेहत पर लगातार नजर बनाये रखते हैं।
डॉक्टर से कब संपर्क करना जरूरी है? (Consult Doctor if-)
अगर शिशु प्रीमैच्योर है या वजन जरूरत से ज्यादा कम है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जरूर सलाह लें। इसके अलावा शिशु के सोने के दौरान अगर उसके गले से घरघराहट की आवाज आती है या उसे सांस लेने में कठिनाई होती है, तो ऐसी स्थिति में देर ना करें और डॉक्टर से सलाह लें।
अगर आप बेबी स्लीप एप्निया की समस्या (Baby Sleep Apnea problem) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के अलग-अलग स्टेज और ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें और एक्क्सपर्ट दिव्या देशवाल से समझें कैसे प्रेग्नेंसी पीरियड 🤰🏻को हेल्दी बनाया जा सकता है और ब्रेस्फीडिंग 🤱🏻 को आसान। 👇
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।