इसके अलावा भी इस समस्या के कई अन्य लक्षण हो सकते हैं। अब जानते हैं कि क्या हैं इस रोग के कारण?
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फ्लैट हेड सिंड्रोम के कारण (Cause of Flat Head Syndrome)
शिशु की स्कल सॉफ्ट और मोल्डेबल होती है और नवजात शिशु दिन में कई घंटों तक अपनी पीठ के बल सोता है। सोते हुए वो लगातार अपना सिर एक तरफ घुमा सकता। लेकिन, अगर आपका शिशु सोते हुए बार-बार सिर घुमाता है, तो सिर का वह भाग सरफेस पर बार-बार रेस्ट करता है। इस तरह से नियमित दबाव बच्चे के नरम सिर के उस हिस्से को समतल कर सकता है। यह सिंड्रोम अक्सर शिशु के सिर की एक तरफ होता है लेकिन यह दोनों तरफ या पीठ में भी हो सकती है। जितनी देर तक शिशु के सिर का एक हिस्सा सरफेस पर फ्लैट रहता और, उतना ही अधिक फ्लैट होता जाता है।
प्रीमैच्योर शिशुओं को फ्लैट सिर होने की समस्या अधिक होती है क्योंकि उनकी स्कल कम डेवलप्ड होती हैं। कुछ बच्चों को मस्कुलर टॉर्टिकलीस (Torticollis) की समस्या होती है, जो टाइट नैक मसल्स से जुडी समस्या है। अगर किसी बच्चे को यह रोग है तो भी उसे फ्लैट हेड सिंड्रोम (Flat Head Syndrome) की संभावना हो सकती है। अब जानते हैं इस सिंड्रोम के निदान के बारे में।

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फ्लैट हेड सिंड्रोम का निदान कैसे है संभव? (Diagnosis of Flat Head Syndrome)
फ्लैट हेड सिंड्रोम (Flat Head Syndrome) यानी प्लेजियोसेफली (Plagiocephaly) का निदान स्कल को देखकर किया जा सकता है। डॉक्टर सबसे पहले शिशु में इस समस्या का निदान शिशु के स्कल को ऑब्जर्व कर के कर सकते हैं। कोई भी टेस्ट इस सिंड्रोम को कंफर्म नहीं करता है। इस समस्या के कारण शिशु की अपीयरेंस में बदलाव आ सकता है। इससे फ्लैट स्पॉट पर कम हेयर की समस्या भी हो सकती है। इस रोगी का उपचार बच्चे की स्थिति की गंभीरता और कारण पर निर्भर करता है। अब जानते हैं इसके उपचार के तरीकों के बारे में।
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फ्लैट हेड सिंड्रोम का उपचार (Treatment for Flat Head Syndrome)
फ्लैट हेड सिंड्रोम (Flat Head Syndrome) का उपचार कई तरीकों से संभव है। डॉक्टर शिशु में इसके निदान के बाद उपचार के सही तरीकों को निर्धारित करेंगे। अब जानते हैं क्या हैं यह तरीके: