पेट से जुड़ी परेशानियों को नॉन मेडिकल टर्म में सेंसेटिव स्टमक कहा जाता है। सेंसेटिव स्टमक को अगर आसान शब्दों में समझें, तो डायरिया (Diarrhea), कॉन्स्टिपेशन (Constipation), उल्टी (Vomiting), गैस (Gas) जैसी अन्य स्थितियों को सेंसेटिव स्टमक (Sensitive Stomach) कहते हैं। सेंसेटिव स्टमक को सेंसेटिव गट (Sensitive Gut), स्टमक अपसेट (Stomach upset) एवं टमी ट्रबल (Tummy Troubles) भी कहा जाता है। पेट से जुड़ी ये परेशानी अगर कभी-कभी हो तो घबराना नहीं चाहिए, लेकिन स्टमक अपसेट (Stomach upset) की समस्या ज्यादा होने लगे तो ध्यान देना अत्यधिक जरूरी होता है और ऐसी स्थिति में सेंसेटिव स्टमक के कारण और इलाज को समझना जरूरी होता है।
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सेंसेटिव स्टमक के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Sensitive Stomach)
पेट से जुड़ी परेशानी अगर पुरानी हो, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोगों में डेयरी प्रॉडक्ट्स के सेवन, तला-भुना, स्पाइसी फूड एवं एल्कोहॉल (Alcohol) के सेवन से सेंसेटिव स्टमक की समस्या शुरू हो सकती है। इन कारणों के अलावा सेंसेटिव स्टमक के कारण निम्नलिखित डायजेस्टिव प्रॉब्लेम की वजह से हो सकती है। जैसे-
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome)
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) आंतों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें पेट में दर्द, ऐंठन, सूजन, डायरिया (Diarrhea) और कब्ज की शिकायत होती है। इसे स्पैस्टिक कोलन (Spastic Colon), इरिटेबल कोलन (Irritable Colon), म्यूकस कोलाइटिस (Mucus colitis) जैसे अलग-अलग मेडिकल टर्म से जाना जाता है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या होने पर बाउल हेबिट्स में बदलाव (Changes in bowel habits), गैस (Gas) की समस्या एवं एब्डॉमिनल पेन (Abdominal pain) जैसी तकलीफ धीर-धीरे सेंसेटिव स्टमक का कारण बन सकते हैं।
इंफ्लमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease)