backup og meta

शरीर पर कैफीन का असर : जानें कब, कितना है फायदेमंद और नुकसानदायक

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/10/2021

    शरीर पर कैफीन का असर : जानें कब, कितना है फायदेमंद और नुकसानदायक

    कैफीन एक प्रकार का साइकोएक्टिव पदार्थ (उत्तेजक व शक्ति बढ़ाने वाला पदार्थ) है जो कॉफी में पाया जाता है। कई निर्माता तो कैफीन का इस्तेमाल सोडा, एनर्जी ड्रिंक बनाने में करते हैं, जिसका उपयोग लोग चाव से करते हैं। आइए इस आर्टिकल में कैफीन के असर के साथ सेफ्टी और लंबे समय तक सेवन करने से पड़ने वाले परिणामों के बारे में जानते हैं।

    साल 2019 में किए शोध में पाया कि यदि कोई प्रतिदिन 173 मिलिग्राम कैफीन का सेवन करता है तो यह मात्रा सीमित है। कई शोध यह भी बताते हैं कि नियमित मात्रा में कैफीन के सेवन से कई हेल्थ बेनिफिट मिलते हैं। दिमाग संबंधी बीमारी, लिवर की बीमारी के साथ कई प्रकार के कैंसर की बीमारी होने की संभावना भी कम हो जाती है। वहीं ठीक इसके विपरीत कैफीन के असर की बात करें तो इसका ज्यादा सेवन करने के साथ सेहत पर कई विपरीत असर भी पड़ सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में कैफीन के असर के साथ उसके फायदे और नुकसान के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।

    और पढ़ें : क्या आप भी नींद भगाने के लिए पीते हैं कॉफी? क्या हैं कॉफी के लाभ और नुकसान?

    कैफीन बढ़ा सकता है शक्ति

    कैफीन के असर की बात करें तो कॉफी में उत्तेजक पदार्थ होता है जिसे कैफीन कहा जाता है। यह प्राकृतिक तौर पर करीब 60 प्रकार के प्लांट से निकलता है। उन पौधों में कॉफी बीन्स, चाय पत्ती, कैकाओ बीज (cacao seeds) और कोला नट सीड्स में पाया जाता है। इसका सेवन करते ही यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर सीधे असर डालता है। यह थकान मिटाने के साथ एकाग्र करने में मदद करता है। कॉफी के अलावा लोग कैफीन का सेवन चाय, सॉफ्ट ड्रिंक, कुछ खास एनर्जी ड्रिंक और चॉकलेट के रूप में सेवन कर करते हैं। वहीं कई प्रकार की दवा में भी कैफीन का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे सर्दी, एलर्जी और दर्द निवारक का दवा का सेवन करने पर भी आप कैफीन की मात्रा ले लेते हैं।

    क्या हैं कैफीन के फायदे

    कैफीन के असर की बात करें तो इसके फायदों को जानना जरूरी होता है। शरीर में शक्ति बढ़ाने के साथ कैफीन के कई फायदे हो सकते हैं। 2019 के शोध के अनुसार नियमित मात्रा में कैफीन का सेवन करें तो यह हमें लिवर कैंसर की बीमारी से बचाता है। इसी साल किए करीब 40 शोध यह भी बताते हैं कि यदि रोजाना कोई दो से चार कप कॉफी का सेवन करता है तो इससे किसी भी कारणों से होने वाले मौत की संभावना घटती है। कुछ रिपोर्ट तो यह भी दावा करती है कि यह दिमाग को सकारात्मक शक्ति प्रदान करता है।

    2013 में वर्ल्ड जर्नल बायोलॉजिकल साइकेट्री के शोध के अनुसार रोजाना दो से चार कप कॉफी का सेवन करने से युवाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी नहीं आती है। वहीं नेचर जर्नल में किए हालिया शोध में यह पता चला है कि कैफीन का सेवन करने से यादाश्त मजबूत होती है। वहीं कई शोध यह भी बताते हैं कि कैफीन का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज, पार्किंसन डिजीज, कार्डियोवेस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक जैसी बीमारी से हमारी रक्षा करता है।

    द जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के पोस्ट डॉक्टरल रिसर्च फेलो स्टीवन ई मेरेडिथ बताते हैं कि, “कई लोग इसका सेवन करते वक्त यह भूल जाते हैं कि इसमें साइकोएक्टिव (उत्तेजक) पदार्थ है। सीमित मात्रा में इसका सेवन करने से सेंट्रल नर्वस सिस्टम में सही प्रकार से ब्लड का सर्कुलेशन होता है। कैफीन में साइकोएक्टिव पदार्थ होने के बावजूद सामाजिक तौर पर इसकी स्वीकरता है। वहीं कई दवा में भी इसका उपयोग किया जाता है। पूरे विश्व में कैफीन ही ऐसा साइकोएक्टिव पदार्थं है जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। नियमित मात्रा में सेवन करने तो इसका किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।”

    और पढ़ें : चाय-कॉफी की जगह पिएं गर्म पानी, फायदे कर देंगे हैरान

    कैफीन के सेवन से यह हो सकते हैं नुकसान

    इसकी बात करें तो यदि काफी मात्रा में इसका सेवन किया गया तो उसके कारण कई नुकसान भी हो सकते हैं। 2015 में किए शोध के अनुसार यदि कोई रोजाना 400 मिलिग्राम से अधिक कैफीन का सेवन करता है तो उस स्थिति में हार्ट बीट सामान्य से तेज हो सकती है। वहीं गुस्सा, उत्तेजना, बेचैनी, सोने संबंधी परेशानी, झटके महसूस हो सकते हैं। वहीं यह लक्षण तब भी व्यक्ति को महसूस हो सकते हैं जब वह इन पदार्थों को छोड़ता है। ऐसी स्थित में जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह ली जाए।

    2013 में किए शोध के अनुसार यदि कोई गर्भवती रोजाना 300 एमजी कैफीन का सेवन करती है तो उस स्थिति में यह संभव है कि उसके शिशु का वजन जन्म के समय सामान्य से काफी कम हो। वहीं हालिया दिनों में किए गए 17 शोध जिनमें करीब 2 लाख 33 हजार 617 लोग शामिल थे। इससे पता चला कि यदि कोई रोजाना तीन से चार कप कॉपी का सेवन करता है तो महिलाओं को छोड़ पुरुषों में हार्ट अटैक की संभावना काफी बढ़ जाती है।

    और पढ़ें : चाय से जुड़ीं ये धारणाएं मिथक हैं या सच!

    कैफीन के सेवन से हर किसी में दिखते हैं अलग-अलग लक्षण

    हॉवर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डिपार्टमेंट ऑफ न्यूट्रिशन के एसोसिएट प्रोफेसर रॉबर्ट एम वेन डेन बताते हैं कि, जरूरी नहीं है कि कैफीन के सेवन से हर किसी में एक ही लक्षण दिखें। शोधकर्ता बताते हैं कि इसका सेवन करने से व्यक्ति में अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं। वहीं यदि कोई एंजाइटी से पीड़ित हैं तो उस स्थिति में कैफीन का सेवन करने से उसे पहले से भी ज्यादा गुस्सा आएगा।

    वहीं सामान्य व्यक्ति की तुलना में यदि कोई सिगरेट की लत से ग्रसित वयक्ति कॉफी का सेवन करता है तो उसमें दो गुना तेजी से लक्षण देखने को मिलते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं व ऐसे लोग जो लिवर की बीमारी से ग्रसित हैं उनमें कैफीन का असर सामान्य की तुलना में धीमा होता है। वहीं आदमी के सेहत उम्र, लिंग के अंतर के अनुसार उनमें अलग-अलग लक्षण दिख सकते हैं।

    ज्यादा सेवन करने पर व्यवहार में दिखेगा बदलाव

    कैफीन का गलत प्रकार से सेवन या ज्यादा मात्रा में सेवन करने से व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव के साथ मानसिक तौर पर बदलाव दिख सकते हैं।  बता दें कि व्यक्ति पहले की तुलना में या तो ज्यादा गुस्सा करता है या फिर ज्यादा शांत रहता है। सीमित मात्रा में यदि इसका सेवन करने तो व्यवहारिक रहने के साथ हर वक्त शक्ति से भरपूर व अलर्ट महसूस कर सकते है।

    इसके विपरीत कुछ लोगों में कैफीन के सेवन से दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। वहीं कैफीन के सेवन की दर घटाने या फिर कम कैफीन का सेवन करने पर भी कुछ लक्षण देखने को मिल सकते हैं। व्यक्ति को सिर दर्द, थकान, नींद न आना, लो मूड, एकाग्रता क्षमता कम होना, चिड़चिड़ापन, एनर्जी व अलर्टनेस का कम होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। वहीं कई डॉक्टर छोटे बच्चों को कैफीन का सेवन नहीं करने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि इससे बच्चों का मानसिक विकास सही से नहीं हो पाता है।

    और पढ़ें : लॉकडाउन में आप भी तो नहीं पी रहे ज्यादा चाय और कॉफी, कितने बड़े हैं नुकसान?

    कॉफी में पाए जाने वाले तत्व

    कॉफी में जहां कुछ न्यूट्रीएंट्स हैं वहीं इसमें कई एंडीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। कॉफी बीन्स में कई मात्रा में न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। 240 एमएल की कॉफी में पाए जाने वाले तत्व:

    • विटामिन बी2 (रिबोडेल्विन) Ribodlavin : डीवी का 11%
    • विटामिन बी 5 (पेंटोथेनिक एसिड) Pantothenic Acid: डीवी का 6%
    • विटामिन बी 1 थायमीन thiamine : डीवी का 2%
    • विटामिन बी 3 (नियासिन) niacin : डीवी का 2%
    • फोलेट (folate) : डीवी का 1%
    • मैगनीज (manganese) : डीवी का 1%
    • पोटेशियम : डीवी का 3%
    • मैगनिशियम : डीवी का 2%
    • फोसफोरस : डीवी का 1%

    देखा जाए तो यह नंबर ज्यादा नहीं दिखता, लेकिन यदि कोई व्यक्ति रोजाना ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन करता है तो इस मात्रा में भी इजाफा होता है।

    और पढ़ें : कैंसर के साथ इन बीमारियों से भी बचाती है ब्लैक कॉफी, जानिए कैसे

    कैसे काम करता है कैफीन

    डरहम की ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के साइकोलॉजी के प्रोफेसर जेम्स डी लेन ने कहा- कैफीन के असर की बात करें तो इसका सेवन करने से तनाव कम होता है। वहीं इसके सर्कुलर लेबर की बात की जाए तो यह एडनोसीन के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रिसेप्टर को लॉक कर देता है, वहीं दिमाग का मॉड्यूलर अधिक उत्तेजना न हो इसके लिए फीडबैक देता है। ऐसे में यह तंत्र सही से काम न करने के कारण नर्वस सिस्टम का सर्कुलर लेवल बढ़ता है।

    और पढ़ें : जानिए ग्रीन कॉफी (Green Coffee) के फायदे

    युवावस्था के बाद कैफीन पुरुष व महिलाओं पर डालता है अलग-अलग असर

    कैफीन के असर की बात करें तो बच्चों व किशोरावस्था की तुलना में युवाओं में कैफीन के असर विषय पर काफी कम शोध किए गए हैं। पब्लिक हेल्थ एंड हेल्थ प्रोफेशन की बफेल्लो स्कूल की यूनिवर्सिटी के द्वारा किए शोध में यह बात सामने आई कि युवावस्था के बाद पुरुषों और महिलाओं के शरीर में कैफीन के कारण अलग-अलग बदलाव देखने को मिले।

    कैफीन के असर की बात करें तो जैसा कि हम जानते हैं कि कैफीन बच्चों, किशोरों और युवाओं के ब्लड प्रेशर को जहां बढ़ाता है वहीं हार्ट रेट को भी कम कर सकता है। वहीं रिसर्चर्स कैफीन के असर को लेकर इस बात की जानकारी जुटाने में लगे हैं कि युवावस्था के बाद पुरुषों और महिलाओं में क्या कुछ अंतर आता है। वहीं कैफीन के कारण कार्डियोवेस्कुलर सिस्टम के साथ महिलाओं के मासिक धर्म को तो प्रभावित नहीं करता, इसकी जानकारी जानने की कोशिश की जा रही है।

    टीम के द्वारा इससे पहले किशोरों पर किए रिसर्च में यह बात सामने आई कि कैफीन के कारण उनमें साइकोलॉजिकल असर देखने को मिलता है। शोध में पता चला किया 12-17 साल के लड़कों में लड़कियों की तुलना में कैफीन के सेवन करने के कारण ज्यादा एनर्जी दिखी। वहीं शारीरिक रूप पर तंदरूस्त भी दिखे। शोध में यह भी पता चला कि लडकों में जैसे जैसे कैफीन का लेवल बढ़ता है उसके अनुसार ही उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है और हार्ट रेट में गिरावट आती है, लेकिन ऐसा लड़कियों में देखने को नहीं मिला।

    और पढ़ें : एथलीट्स से जिम जाने वालों तक, जानिए कैसे व्हे प्रोटीन आपके रूटीन में हो सकता है एड

    लड़कों-लड़कियों में दिखता है अलग-अलग असर

    कैफीन के असर की बात करें तो डोज रिस्पॉन्स स्टडी के अनुसार रिसर्चर ने इस बात का पता लगाने के लिए 15 से 17 साल के 54 लड़कों और 47 लड़कियों पर शोध किया। इनमें आठ से नौ साल के 52 बच्चे भी थे। कैफीन के दो डोज देने के बाद बच्चों के हॉर्ट रेट और ब्लड प्रेशर की जांच की गई। शोधकर्ताओं ने लड़कों में लड़कियों की तुलना में काफी अलग रिस्पांस महसूस किया। कैफीन के असर को लेकर असमानता बच्चों को छोड़ किशोरावस्था की उम्र के बच्चों में देखने को मिली।

    और पढ़ें : Green Coffee: ग्रीन कॉफी क्या है?

    मासिक धर्म पर भी पड़ा असर

    शोध में यह भी पता चला कि कैफीन के कारण लड़कियों में मासिक धर्म पर भी असर पड़ता है। यूनिवर्सिटी ऑफ बफैल्लो के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सरसाइज एंड न्यूट्रिशन साइंसेस की एसोसिएट प्रोफेसर जेनिफर टेंपल ने कहा- शोध के जरिए हम कैफीन के भौतिक परिणामों को देख रहे थे। मासिक धर्म के दौरान हार्मोन में बदलाव देखने को मिला। वहीं साइकिल के पहले दिन से लेकर ऑव्युलेशन तक असर देखा गया कि पिछले बार की तुलना में प्रोस्टेजन की अधिक मात्रा थी।

    डॉ टेंपल के अनुसार मासिक धर्म में लडकियों के हार्ट रेट में जहां कमी आई वहीं उनके ब्लड प्रेशर में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। यह तमाम रिजल्ट व्यस्क किशोरियों में देखने को मिले। कुल मिलाकर कहा जाए तो शोध में यही पता चला कि किशोरावस्था में ही कैफीन का असर देखने को मिलता है।

    हम आशा करते हैं कि कैफीन के असर पर लिखा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा और आप रूटीन में इसकी मात्रा का सही निर्धारण कर सकेंगे। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टरी सलाह लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/10/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement