बच्चों का शारीरिक विकास और मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है। अगर बच्चों को सही पोषण मिलता है, तो बच्चों का शारीरिक विकास ठीक तरह से होता है। वहीं अगर बच्चों को अच्छा माहौल मिलता है, तो उनका स्वस्थ्य मानसिक विकास होता है। अगर किसी कारणवश बच्चों का मानसिक विकास या मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो, कई बच्चों को आगे चलकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों के मेंटल हेल्थ इश्यू और जल्द बचाव (Children’s Mental Health Issues and Early Intervention) बहुत महत्वपूर्ण कदम है।
बच्चों का मानसिक विकास ठीक प्रकार से हो रहा है या फिर नहीं, इस बारे में पेरेंट्स को ही जानकारी होती है। पैरेंट्स ही ऐसे व्यक्ति हैं, जो बच्चे के आसपास सबसे ज्यादा रहते हैं और उन्हें घर के माहौल के बारे में भी जानकारी होती है। अगर किसी कारणवश आपके बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा नहीं है, तो आपको आगे बढ़ना चाहिए और कुछ निश्चित कदम उठाने चाहिए। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चों की मेंटल हेल्थ और जल्द बचाव के बारे में जानकारी देने के साथ ही किन परिस्थितियों में आपका हस्तक्षेप जरूरी हो जाता है, इस बारे में भी बताएंगे।
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बच्चों के मेंटल हेल्थ इश्यू और जल्द बचाव (Children’s Mental Health Issues and Early Intervention)
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि बच्चे के शारीरिक विकास के साथ ही मानसिक विकास भी शुरू हो जाता है। बच्चा जिस माहौल में रहता है, धीरे-धीरे उसका मानसिक विकास ठीक उसी प्रकार से होता रहता है। आप यूं कहें कि शुरुआती मानसिक विकास ही वो नींव होती है, जो बच्चे के व्यवहार में गहरा प्रभाव या असर डालती है। अगर इस प्रक्रिया के दौरान कोई रुकावट पैदा होती है, तो इस कारण से उनके सीखने की प्रक्रिया या मानसिक विकास के स्तर में भी समस्या पैदा हो सकती है। बच्चों के जीवन में शुरुआती दिनों में उनके रिश्ते, उनके वातावरण के अनुसार बनने या ढलने लगते हैं। बचपन में किसी कारण से बेघर होना या अपनी पढ़ाई पूरी ना हो पाना, बच्चों के मानसिक विकास में रुकावट डालने का काम करते हैं। बचपन की कोई अन्य दुर्घटना भी बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है।बच्चों के मेंटल हेल्थ इश्यू और जल्द बचाव (Children’s Mental Health Issues and Early Intervention) समस्या के समाधान के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
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छोटे बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं!
घटनाएं हर किसी के जीवन में होती हैं। इस बात से फर्क पड़ता है कि आपके जीवन में जो भी घटना घट रही है, उस वक्त आपकी उम्र क्या है? अगर आप वयस्क हैं, तो आपको जानकारी होगी कि आपके जीवन में जो भी घटना घट रहा है, उसे किस हद तक लड़ा जा सकता है। या फिर किस हद तक खुद को समझाया जा सकता है। जब कुछ घटनाएं बहुत ही कम उम्र में बच्चों के सामने घटती हैं, तो उस वक्त उन्हें नहीं पता होता है कि कैसे हैंडल किया जाए? बहुत ही कम उम्र में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि एंग्जाइटी डिसऑर्डर (Anxiety disorders), हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर (Hyperactivity disorder), कंडक्ट डिसऑर्डर (Conduct disorder), डिप्रेशन आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। नतीजतन, बचपन में मानसिक बीमारियों का निदान या डायग्नोज, वयस्कों की तुलना में बहुत अधिक कठिन हो सकता है।बच्चों के मेंटल हेल्थ इश्यू और जल्द बचाव (Children’s Mental Health Issues and Early Intervention) पेरेंट्स के लिए चैलेंज के रूप में सामने आता है।
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चाइल्डहुड मेंटल हेल्थ पर जीन का असर (The interaction of genes and experience affects childhood mental health)
हमें कैसा शरीर मिला है, हम कैसे दिखते हैं, हमारा स्वभाव कैसा है आदि सब हमारे जिन पर निर्भर करता है। चाइल्ड मेंटल हेल्थ को जीन प्रभावित करते हैं। जीन हमारे शरीर को बताते हैं कि आखिर काम कैसे करना है लेकिन हमारे चारों और का वातावरण हमारी सोच को बदल सकता है। अगर बच्चे के चारों ओर का माहौल सकारात्मक नहीं होगा, तो बच्चे को स्ट्रेस की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। अनुवांशिक पूर्वाग्रह और जीवन के शुरुआती दिनों में तनाव पैदा करने वाले अनुभव मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक अस्थिर नींव रख सकते हैं।
टॉक्सिक स्ट्रेस के कारण ब्रेन की ऑर्किटेक्चर डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण से कुछ समय बाद या फिर सालों बाद मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इससे ब्रेन डेवलपमेंट और अिन्य ऑर्गन सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। ये शारीरिक के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी खराब करने का काम करते है। पारिवारिक तनाव से जुड़ी परिस्थितियां, जैसे लगातार गरीबी, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।छोटे बच्चे जो बार-बार दुर्व्यवहार , घरेलू हिंसा, या माता-पिता के मानसिक स्वास्थ्य या परिवार में मादक द्रव्यों के सेवन के कारण पैदा हुई समस्याओं का अनुभव करते हैं, वे विशेष रूप से कमजोर होते हैं। बच्चों के मेंटल हेल्थ इश्यू और जल्द बचाव के लिए डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।
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बच्चों के मेंटल हेल्थ इश्यू और जल्द बचाव के लिए उठाएं कदम!
कहते हैं कि जब जागो तभी सवेरा! अगर आपके बच्चे गलत पारिवारिक माहौल में पल रहे हैं, तो आपको ऐसे माहौल को दूर करना होगा और बच्चों को अच्छी परवरिश देनी होगी। अगर मेंटल स्ट्रेस या मानसिक स्वास्थ्य खराब होने का कोई अन्य कारण है, तो आपको माता पिता होने के नाते उस समस्या को जानने की कोशिश करनी होगी और डॉक्टर से भी बात करनी होगी। ऐसा करने से आप बच्चे की मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
आप इस काम के लिए परिवार के सदस्यों का भी सहयोग ले सकते हैं। बच्चों के साथ जो भी रह रहा हो या फिर बच्चों के जो दोस्त हो, उनकी मदद से आप बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। आप डॉक्टर के पास काउंसलिंग के लिए जा सकते हैं। बच्चों की मेंटल हेल्थ और जल्द बचाव आपकी जिम्मेदार है। बेहतर मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर कल को जन्म देता है। अधिक जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों के मेंटल हेल्थ इश्यू और जल्द बचाव (Children’s Mental Health Issues and Early Intervention) के अंतर के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपकोइस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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