हां, मैं होम मेड चॉकलेट या कुकीज बनाकर देती हूं उसे जो कि शुगर फ्री या मेप्पल सिरप या गुड़ से बनी होती है। जिसका कोई नुकसान भी नहीं हाेता है। इस तरह मैं उसे घर पर ही केक और पेस्ट्रीज भी बना कर देती हूं। जिससे वो खुश हो जाती है। इसके अलावा मैं ने उसे ये समझा रखा है कि ज्यादा मीठा खाने से दांतों में कैविटी हाे जाती है और फिर बच्चों के दांत चले जाते हैं। इसलिए वो जिद्द नहीं करती है ज्यादा। बचपन से ही उसे चॉकलेट में भी डॉर्क चॉकलेट की आदत डाली है। डार्क चॉकलेट सेहत के लिए भी अच्छी होती है, पर थोड़ी ही मात्रा में।
Q-9.डायबिटीज के साथ आप अपने बच्चे को हैप्पी रखने के लिए क्या करती हैं?
डायबिटीज के साथ अपने बेटी को हेप्पी रखने के लिए मैं उसकी पसंद और न पसंद का ख्यास ध्यान रखती हूं। जैसे कि जिस समय उसका कुछ खाने का मन हो तो मैं ध्यान रखती हूं कि उसके लिए उसे मना करने के बजाए कुछ हेल्दी विकल्प उसे बनाकर दूं। इसके अलावा जैसे बच्चे बहुत ज्यादा खेलते है और रिवी को कुछ देर बाद थकान महूसस होने लगती है, साथ ही उसे ये भी न महसूस हो कि वो दूसरों बच्चे की तरह खेल नहीं सकती है या कुछ और। तो ऐसे उसके साथ ज्यादा से ज्यादा टामइम बिताने की कोशिश करती हूं और इनडोर गेम्स खेलती हूं।
Q-10.आप कैसे पता लगाते हैं कि कब आपके बच्चे के ब्ल्ड में शुगर का लेवल बढ़ रहा है या कम हो रहा है ?
जब रिवी में शुगर का लेवल बढ़ता है तो उस समय उसे थकान ज्यादा महसूस होती हैं। इसके अलावा मैं आपको हर तरह के बदलाव बता नहीं पाउंगी, पर हां, मैं उसमें कुछ बदलावा महसूस कर पाती हूं। कहने का अर्थ है मुझे समझ में आ जाता है कि उसका शुगर बढ़ रहा है। फिर मैं ग्यूकोमीटर से चेक करती हूं। ये प्रक्रिया भी इतनी आसान नहीं होती है। वो 4 साल की बच्ची ही है।
Q-11. क्या आपके बच्चे को स्कूल में भी डायबिटिक होने के कारण किसी प्रकार की मुश्किल का सामना करना पड़ता है?
हां, कई बार, जैसा कि मैं ने उसे समझा रखा है कि बहुत ही ज्यादा दौड़ने की जरूरत नहीं है या स्कूल में कोई चॉकलेट या टॉफी दे तो मता खाना। मैं उसे घर पर अपने हिसाब देती हूं। अब बच्चा स्कूल में किस मात्रा में खा रहा है और कब-कब खा रहा है। मैं इस बात का तो पता नहीं लगा सकती हूं। इसके अलावा मैं ने उसे ये भी समझाया है कि अपना ही लंच बाॅक्स खाए, दूसरे बच्चों का नहीं। वो ऐसा करती तो है, पर उसे ऐसे और बच्चों से अलग महसूस होता है। लेकिन मैं भी क्या कर सकती हूं। अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती हूं।
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Q-12.जब आपका बच्चा किसी बर्थडे पार्टी में जाना चाहता है, तो आप उसे कैसे समझाती हैं?
बहुत समझाना पड़ता है कि बेटा वहां केक थोड़ा सा ही खाना। वैसे उसके केक का ज्यादा शौक नहीं है, पर जब दूसरे बच्चों को खाते हुए देखेगी तो उसे भी चाहिए होता है केक। अब आप ये भी जानते ही होंगे की बच्चे जंक ज्यादा पंसद करते हैं, इसिलए उनकी पार्टी में इस तरह के फूड ही ज्यादा होते हैं। तो भी उस हिबास से उ से मानसिक रूप से समझाना होता है। नहीं तो वहीं पर ही उसकी जिद्द शूरू हो जाती है। मैं साथ में उसके लिए कुछ न कुछ बनाकर लेकर साथ में जाती हूं। ऐसा नहीं है कि वहां उसे कुछ नहीं खाने देती हूं। वहां पर भी उसे कम ऑयली वाली चीजें खिलाती हूं।
Q-13.जब बच्चे के इंसुलिन लेने की बात आती है, तो आप कैसे मैनेज करती हैं?
नहीं, रिवी को अभी इंसुलिन की नौबत नहीं आई है। उसे डायबिटिक टाइपथ्-1 है और इसकी मेडिसिन उसे देती हूं।
Q-14. जिन बच्चों को अभी-अभी डायबिटीज हुआ है, उनके पैरेंट्स को आप क्या मैसेज देना चाहती हैं?
मैं उन्हें यही कहना चाहूंगी कि बच्चों का मन बहुत कोमल होता है और डायबिटिक लाइफ उनके लिए बहुत मश्किल होती है। उन्हें तो ये भी नहीं पता होता है कि उनके साथ हो क्या रहा है या वो किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। पैरेंट्स से यही कहना चाहूंगी कि डायबिटिक बच्चों की लाइफ को ईजी बनाने के लिए उन्हें खेल-खेल में ही उनकी हेल्थ के लिए क्या जरूरी है ये समझाएं। यदि वो इस बात को बचपन से ही दिल से स्वीकार कर लेंगे तो उन्हें आगे चलकर बूरा या समझौता जैसा महसूस नहीं होगा। इसके अलावा कोशिश करें कि उनकी सभी पसंद के खाने को घर पर हेल्दी वे से बनाकर देने की कोशिश करें। पैरेंट्स से यही कहना चाहूंगी कि डायबिटिक बच्चों की लाइफ को ईजी बनाने के लिए उन्हें खेल-खेल में ही उनकी हेल्थ के लिए क्या जरूरी है ये समझाएं। यदि वो इस बात को बचपन से ही दिल से स्वीकार कर लेंगे तो उन्हें आगे चलकर बूरा या समझौता जैसा महसूस नहीं होगा। इसके अलावा कोशिश करें कि उनकी सभी पसंद के खाने को घर पर हेल्दी वे से बनाकर देने की कोशिश करें।
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Q-15. क्या आपको मालूम है कि डायबिटीज को पूरी तरह से रिवर्स किया जा सकता है?
नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है।, जितना डॉक्टर बोलते हैं, बस मैं उतना ही करती हूं।
इस सीरीज के इस इंटरव्यू में आपने जाना होगा कि बीमारी चाहें कोई भी हो, उससे निपटने के लिए आपके और बच्चे दोनों के मेंटल हेल्थ का अच्छा होना जरूरी है। इससे बीमारी कभी भी आप या उस पर हावी न होने दें। इसी के साथ ही आपने यह भी जाना होगा कि डायबिटीज के मरीज किस तरह से अपनी डायबिटिक लाइफ को असान बना सकते हैं। बच्चों में डायबिटीज होने के दौरान उनकी लाइफस्टाइल को लेकर काफी तरह की समस्याएं भी आती है। ले न बचपन से उन्हें आप उन्हें जो आदत डाल देंगे, फिर आपके लिए इतनी मुश्किल नहीं होगी। लकिन बड़े होने के बाद उसमें कोई आदत डालना और समझाना काफी मुश्किल होता है। इसलिए डायबिटिक बच्चों के साथ पैरेंट्सका भरपूर साथ बहुत जरूरी है।