आपने देखा होगा कि कई बच्चे पैंट में ही पॉटी कर देते हैं, इसी समस्या को इंकोप्रिसिस (Encopresis) कहा जाता है। इस समस्या को फीकल सोइलिंग (Fecal soiling) की समस्या भी कहा जाता है। आमतौर पर ये समस्या चार साल से बड़े बच्चों में देखी गई है। आपको बता दें कि ज्यादातर बच्चे अपनी एक उम्र में बोवेल कंट्रोल करना सीख लेते हैं, इसलिए चार साल से कम उम्र (Below 4 Years) में ऐसी समस्या होने को डॉक्टर कोई मेडिकल कंडिशन (Medical condition) नहीं मानते हैं। लेकिन अगर ये समस्या चार साल की उम्र के बाद भी रहती है, तो इसका उपचार कराना जरूरी हो जाता है। आज इस आर्टिकल में इंकोप्रिसिस और इंकोप्रिसिस के इलाज (Treatment for Encopresis) के साथ-साथ इससे जुड़ी अन्य जानकारियां भी आपसे शेयर करेंगे।
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इंकोप्रिसिस की समस्या कितनी सामान्य है? (Encopresis problem)
बात की जाए आंकड़ों की, तो यूएस में एक से दो प्रतिशत 10 साल से कम उम्र के बच्चों में ये समस्या पाई गई है। यही नहीं, इनमें 80 प्रतिशत समस्या से पीड़ित लड़के थे। केवल 20 प्रतिशत लड़कियों में ही ये समस्या देखी गई है।
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इंकोप्रिसिस क्या लक्षण हैं? (Symptoms of Encopresis)
इंकोप्रिसिस की समस्या (Encopresis problem) होने पर सबसे पहले पेट संबंधी दिक्कतें होती हैं। नीचे जानिए इंकोप्रिसिस होने पर कैसे लक्षण दिखाई देते है :
- बच्चे के अंडरवियर में ही पतला मल निकलना इंकोप्रिसिस का लक्षण हो सकता है। कई लोग इसे डायरिया (Diarrhea) की समस्या मान लेते हैं।
- इसके अलावा, ड्राई और हार्ड स्टूल (Dry or hard stool) के साथ कब्ज (Constipation) की समस्या होना इंकोप्रिसिस का लक्षण हो सकता है।
- कई बार बच्चे लंबे समय तक पॉटी नहीं करते हैं। कुछ बच्चों को तो एक-एक हफ्ते तक पॉटी (Stool) नहीं होती है। इसे भी इंकोप्रिसिस के लक्षणों में गिना जा सकता है।
- इंकोप्रिसिस की समस्या होने पर भूख न लगने की परेशानी भी हो सकती है।
- इंकोप्रिसिस होने पर पेट में दर्द (Stomach pain) भी हो सकता है।
- कुछ बच्चे इस समस्या में पॉटी करने से भी बचते हैं।
- इसके अलावा, कई मामलों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urine infection) भी हो सकता है।
इस समस्या से पीड़ित बहुत से बच्चों को तब तक पॉटी आने का अहसास नहीं होता है, जब तक वो अंडरवियर में पॉटी नहीं कर देते हैं। ये आमतौर पर दिन के समय होता है, जब बच्चा एक्टिव (Active kids) रहता है। काफी सारे बच्चों के साथ ऐसा दोपहर के समय में होता है, जब वो स्कूल से घर लौटते हैं। रात के समय ऐसा होना असामान्य है।
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इंकोप्रिसिस के कारण क्या हैं? (Cause of Encopresis)
आमतौर पर क्रोनिक कॉन्सटिपेशन के कारण इंकोप्रिसिस की समस्या होने लगती है। कब्ज (Constipation) में बच्चे का स्टूल काफी हार्ड, ड्राई हो जाता है, जिससे बच्चे को दर्द हेता है। इसी दर्द के डर के कारण बच्चा पॉटी जाने से बचने लगता है। इस वजह से इंकोप्रिसिस (Encopresis) की समस्या जन्म लेती है।
- कोलोन में लंबे समय तक मल रहने के कारण बच्चे के लिए उसे जोर लगाकर बाहर निकालने में कठिनाई होती है। ऐसे में जब बच्चा जोर लगाता है, तो कोलोन स्ट्रेच (Colon stretch) होने लगता है। इस वजह से भी इंक्रोप्रिसिस की समस्या (Encopresis problem) जन्म ले सकती है।
- अगर बच्चा खेलने या अन्य किसी गतिविधि इतना मन लगाकर घुस जाए, तो भी वो पॉटी (Stool) रोक लेता है, जिससे ये परेशानी हो सकती है।
- लिक्विड कम लेने पर भी बच्चे को इंकोप्रिसिस (Encopresis) की समस्या होने लगती है।
- गाय का दूध ज्यादा पीने से भी इंकोप्रिसिस की समस्या हो सकती है।
- खानपान में फाइबर (Fiber) की कमी से भी ये समस्या हो सकती है।
इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी इंक्रोप्रिसिस की समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं, जैसे :
- बच्चे को ठीक से टॉयलेट ट्रेनिंग (Toilet training) न मिलना।
- बच्चे की जीवनशैली में बदलाव जैसे डायट में बदलाव, टॉयलेट ट्रेनिंग, स्कूल जाना शुरू करना आदि।
- भावनात्मक रूप से प्रभावित होना जैसे, माता-पिता के तलाक (Divorce), छोटे भाई या बहन के जन्म के कारण मानसिक तौर पर प्रभावित होना आदि।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको बच्चे को कई दिनों से कब्ज (Constipation) की समस्या, स्टूल पास करने में दर्द जैसी समस्या हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, अगर आपके बच्चे की उम्र चार साल से ज्यादा है और वो बार-बार अंडरवियर में पॉटी कर देता है, तो भी इस समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए। ऐसा होने पर आपको तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए और सही उपचार कराना चाहिए।
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इंकोप्रिसिस का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Encopresis)
इंकोप्रिसिस की जांच के लिए बच्चे का डॉक्टर आपसे कई तरह की जानकारियां ले सकते हैं। वो आपसे उसकी टॉयलेट ट्रेनिंग (Toilet training), उसकी डायट (Diet), लाइफस्टाइल (Lifestyle), आदतें (Habits), मेडिकेशन (Medication) और उसके बिहेवियर (Behaviour) के बारे में पूछ सकते हैं।
इसके अलावा, डॉक्टर हाथों में ग्लव्स पहनकर बच्चे के गुदा भाग में उंगली डालकर स्टूल की जांच कर सकते हैं। ऐसे में वो ये जांचते हैं कि एनल की ओपनिंग ठीक से है या नहीं और वो सामान्य साइज में है या नहीं।
कुछ मामलों में डॉक्टर बेरियम एनिमा भी कर सकते हैं। ये एक तरह का स्पेशल एक्स-रे (X-Ray) होता है, जिसमें बच्चे की रेक्टम में एक छोटी ट्यूब डाली जाती है और धीरे-धीरे कोलोन के बेरियम से फिल किया जाता है। फिर इसका एक्स-रे लिया जाता है।
कुछ गंभीर मामलों में एनोरेक्टिल मेनोमेट्री (Anorectal manometry) भी की जा सकती है। इसमें भी बच्चे के रेक्टम में एक छोटी ट्यूब डाली जाती है। इसमें ये पता लगाया जाता है कि मल त्यागते समय बच्चे के पेल्विक, एब्डोमिल और एनल मसल्स की क्या स्थिति रहती है।
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इंकोप्रिसिस का इलाज क्या है? (Treatment for Encopresis)
इंकोप्रिसिस का इलाज करने के लिए सबसे पहले कब्ज (Constipation) दूर करने का इलाज किया जा सकता है। कई बार डॉक्टर मिनरल ऑयल, एनिमा या लेक्सेटिव (Laxative) की मदद से इस समस्या का इलाज करते हैं। इसके अलावा, जीवनशैली में बदलाव लाकर जैसे फाइबर (Fiber) युक्त खाना देना, अधिक तरल (Liquid) पदार्थ देना आदि से भी इस समस्या से निजात दिलाई जा सकती है।
इसके अलावा, अगर समस्या ज्यादा बढ़ती है तो डॉक्टर कोलोन में से मल को साफ करके खाली कर सकते हैं और बोवेल हेबिट्स की ट्रेनिंग भी दे सकते हैं।
अगर आप इंकोप्रिसिस से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि अगर इंकोप्रिसिस की समस्या से कोई पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्टेशन बेहद जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट पेशेंट की हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर इलाज करेंगे।
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