परिचय
ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम (Treacher Collins syndrome [TCS]) क्या है?
ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम (Treacher Collins syndrome) एक दुर्लभ चिकित्सक स्थिति है, जो बच्चे के जन्म से पहले उसके हड्डियों के विकास और चेहरे के अन्य उत्तकों को प्रभावित करती है। इसके कारण बच्चे के सिर, चेहरे और कानों में असामान्यताएं हो सकती हैं।
इस सिंड्रोम को मंडिबुलोफेशियल डिस्टोस्टोसिस (Mandibulofacial Dysostosis), ट्रेचर कोलिन्स-फ्रांसेचेती सिंड्रोम (Treacher Collins-Franceschetti Syndrome), फ्रांसेचेती-ज़्वहलेन-क्लेन सिंड्रोम (Franceschetti-Zwahlen-Klein Syndrome) और जायगौरोमैंडिबुलर डिसप्लेसिया (Zygo Auto Mandibular Dysplasia) के नामों से भी जाना जाता है।
कितना सामान्य है ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम (Treacher Collins syndrome?
TCS जन्म लेने वाले प्रति 50,000 शिशुओं में से किसी एक को प्रभावित करती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से पारमर्श करें।
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लक्षण
ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Treacher Collins syndrome
ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम के संकेतों और लक्षणों में शिशु के शरीर के कुछ हिस्से असामान्य या अपूर्ण रूप से विकसित हो सकते हैं। इन शरीर क्षेत्रों में शामिल हैं:
- आंखें छोटी-बड़ी होना, दिखाई (Vision) न देना
- निचली पलकें खुजलीदार या कम फैले हुए हो सकते हैं या पलकों का विकास ही न हुआ हो
- चीकबोन्स और जबड़े
- ठोड़ी
- बहुत ज्यादा बड़े या छोटे कान, टेढ़े-मेढ़े कान
- बालों का विस्थापन, जिसमें बाल कानों के सामने और पार्श्व चीकबोन्स तक बढ़ते हों
- मुंह के तारू में कोई छेद
- वायु मार्ग
- स्कल
- नाक (Nose)
- दांत (Teeth)
चेहरे की हड्डियों के असामान्य विकास और कानों के अधूरे या असामान्य विकास के कारण बच्चा बहरा भी हो सकता है।
TCS के कारण बच्चे देरी से बोलना शुरू कर सकते हैं।
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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कारण
ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम के कारण क्या हैं? (Cause of Treacher Collins syndrome
TCS तीन जीन (Gene) में से एक में उत्परिवर्तन होने के कारण हो सकता है:
- टीसीओएफ1 (TCOF1)
- पीओएलआर1सी (POLR1C)
- पीओएलआर1डी (POLR1D)
TCOF1 जीन में उत्परिवर्तन होने के कारण 90-95 फीसदी लोगों में TCS का कारण बनता है। वहीं, लगभग 8% लोगों को POLR1C या POLR1D जीन में उत्परिवर्तन होने के कारण ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम होता है।
ये सभी जीन चेहरे की हड्डियों और ऊतकों के प्रारंभिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब वे उत्परिवर्तित होते हैं, तो कुछ कोशिकाएं हड्डियों और ऊतकों के विकास को प्रभावित कर देती हैं।
इसके अलावा कुछ ऐसे भी अज्ञान जीन हैं, जिसके कारण TCS का विकास हो सकता है।
जोखिम
कैसी स्थितियां ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम के जोखिम को बढ़ा सकती हैं? (Risk factor of Treacher Collins syndrome)
लगभग 40 फीसदी लोगों में से किसी एक हो ही अपने माता-पिता के कारण TCS विरासत में मिलती है। हालांकि, ऐसे मामलें बहुत ही दुर्लभ होते हैं।
जबकि, 60 फीसदी लोग एक नए उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप TCS का विकास होता है।
अगर किसी परिवार में उत्परिवर्तन का इतिहास है, तो जन्म लेने वाले बच्चे में टीसीएस (TCH in children) होने का खतरा बढ़ जाता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Treacher Collins syndrome
TCS का निदान (Diagnosis of TCS) निम्नलिखित के आधार पर किया जाता है:
- चिकित्सक इतिहास (Medical history)
- जेनिक टेस्टिंग (Genetic testing)
- फिजिकल और रेडियोग्राफिक एग्जाम (Radiography exam)
रेडियोग्राफिक परीक्षा में विभिन्न प्रकार के एक्स-रे या कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) स्कैन किए जा सकते हैं। ताकि, पता लगाया जा सके कि चीकबोन्स और जॉबोन का असामान्य रूप से अपूर्ण विकास हुआ है या नहीं।
सिर, गर्दन और कान की शारीरिक रचना का विश्लेषण करने के लिए क्रैनियोफेशियल सीटी स्कैन (CT Scan) किया जा सकता है। अगर जन्म के पहले 6 महीनों के दौरान बच्चे को सुनाई देना बंद हो गया है, तो इस स्कैन का उपयोग कर सकते हैं।
दांतों की असामान्यताओं को देखने के लिए दांतों की एक परीक्षा की जा सकती है, यह टेस्ट तभी किया जा सकेगा जब बच्चे के पहला दांत दिखाई देगा।
जेनेटिक टेस्ट का उद्देश्य उन तीन जीन में उत्परिवर्तन का पता लगाना है जिनकी वजह से TCS की समस्या हुई है। अधिकांश समय, आनुवंशिक परीक्षण टीसीएस के निदान के लिए (Diagnosis of TCS) आवश्यक नहीं होते हैं, क्योंकि डॉक्टर किसी व्यक्ति के लक्षणों को देखकर आसानी से इसका निदान कर सकते हैं। हालांकि, व्यक्ति के फैमिली प्लानिंग (Family planning) के लिए जेनेटिक टेस्टिंग मददगार हो सकता है।
प्रारंभिक निदान करने के बाद, टीसीएस की गंभीरता को निर्धारित करने के लिए अन्य परीक्षण भी किए जा सकते हैं। जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- ऑरोफरीनक्स की रुकावट की जांच करने के लिए वायुमार्ग
- निगलने की क्षमता
- सुनने की क्षमता
- आंखें और देखने (Vision) की क्षमता
ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है? (Treatment for Treacher Collins syndrome)
ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम का उपचार इसके लक्षणों पर निर्भर करता है। इसका इलाज करने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ, प्लास्टिक सर्जन, कान, नाक और गले के विशेषज्ञ (ENT), दंत चिकित्सक, नेत्र रोग विशेषज्ञ और ऑडियोलॉजिस्ट (Osteologist) शामिल हो सकते हैं।
इसका इलाज जन्म के समय शुरू होता है। टीसीएस (Treacher Collins syndrome) से पीड़ित नवजात शिशुओं को सांस लेने में परेशानी हो सकती है क्योंकि उनके वायुमार्ग बहुत पतले होते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे को पेट के बल लेटाना चाहिए, ताकि उसे सांस लेने में आसानी हो। सांस लेने की गंभीर समस्याओं (Breathing problem) के लिए, बच्चे के विंडपाइप (ट्रेकोस्टॉमी) में एक ट्यूब डाली जाती है। इसके अलावा, कुछ शिशुओं को दूध पिलाने में समस्या होती है, ऐसे में बच्चे की नाक के माध्यम से पेट में ट्यूब डाला जाता है, जिससे बच्चे को फीडिंग (Feeding) कराई जाती है।
सांस लेने की समस्या और खाने की समस्या का इलाज करने के बाद, बच्चे के बड़े होने पर बच्चे के चेहरे की सर्जरी की जाती है। यह कई सालों तक चलती रहती है। चेहरे और जबड़े की सर्जरी के बच्चे को जरूरत के अनुसार स्पीच थेरेपी (Speech therapy) भी दी जा सकती है।
TCS के कारण बच्चे के आंखों में हुई समस्या को दूर करने के लिए नियमित तौर इसकी जांच करवानी जरूरी होती है।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले, जो मुझे ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम (Treacher Collins syndrome) को रोकने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव लाने और घरेलू उपायों से आप ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम के खतरे को कम कर सकते हैंः
- ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम के कारण विभिन्न तौर पर बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास (Mental development) प्रभावित होता है। ऐसे में इससे पीड़ित बच्चों के लिए सबसे जरूरी है कि उनका आत्मविश्वास (Confidence) बना रहे। इसके लिए, बच्चे को भरपूर प्यार और सम्मान दें। ताकि, बच्चे के जीवन और आत्मसम्मान पर बड़ा प्रभाव न पड़ें। प्यार और समर्थन की मदद से बच्चे को मानिसक तौर पर मजबूत (Mentally strong) बनाने में मदद किया जा सकता है।
- किसी अच्छे परामर्शदाता या मनोवैज्ञानिक का पता लगाएं। अगर बच्चे के मन की भावनाएं या सामाजिक घटनाएं बच्चे के शारीरिक या सामाजिक गतिविधियों को प्रभावित करती हैं, तो विशेषज्ञ इन स्थितियों में बच्चे के मनोबल को बढ़ा सकते हैं।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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