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ट्विन्स मतलब दोगुनी खुशी! पर कैसे करें जुड़वा बच्चों की देखभाल

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/04/2021

    ट्विन्स मतलब दोगुनी खुशी! पर कैसे करें जुड़वा बच्चों की देखभाल

    घर में किसी नन्हें मेहमान के आने से खुशी होती है। लेकिन, जुड़वा बच्चे होने पर यह खुशी दोगुनी हो जाती है। साथ ही यह भी जान लें कि यह दोगुनी खुशी अपने साथ दोगुनी जिम्मेदारियां भी लाती है। जुड़वा बच्चों की देखभाल करना एक बच्चे की देखभाल करने से कई ज्यादा मुश्किल और समय लेने वाला काम है। लेकिन, धैर्य और कुछ टिप्स को ध्यान में रखकर आप जुड़वा बच्चों की देखभाल ठीक तरह से कर सकते हैं।

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    जुड़वा बच्चों को संभालना कोई आसान काम नहीं है। इन्हें संभालने के लिए आपको किसी के साथ की जरूरत तो होगी ही साथ ही बहुत अधिक धीरज की भी जरूरत होती है। दोनों बच्चों को एक साथ ग्रो करता देखना बेहद सुखद एहसास होता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनकी मदद से आप जुड़वा बच्चों की देखभाल ठीक ढ़ंग से कर सकते हैंः

    जुड़वा बच्चों के शेड्यूल को एक साथ रखें

    एक ही फीडिंग टाइम और नैपिंग शेड्यूल बनाना जुड़वा बच्चों की देखभाल में एक जरूरी पहलू साबित हो सकता है। वरना आप लगातार एक ही काम करते रह जाएंगे। एक को फिड करने के बाद दूसरे का नंबर आ जाएगा ऐसे में आपको परेशानी हो सकती है। जुड़वा बच्चों को साथ में फीडिंग और स्लीपिंग कराना नई मां के लिए बेहतर साबित होता है।

    जुड़वा बच्चों के शेड्यूल को सिंक्रनाइज करने का सबसे अच्छा तरीका है। जब एक शिशु दूध पीने के लिए उठता है, तो दूसरे को भी जगाएं।  बाल रोग विशेषज्ञ हमेशा कहते हैं कि अगर जुड़वा  बच्चों की देखभाल करनी हैं, तो सोते हुए शिशु को जगाना ही पड़ता है। ऐसे में जुड़वा बच्चे एक साथ फीड कर सकते हैं। जुड़वा बच्चों की देखभाल के लिए बाजार में बहुत सी प्रोडकेट्स भी उपलब्ध हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं।

    जुड़वा बच्चों की सही देखभाल के लिए उन्हें अलग ना करें

    एक बार जब आपके जुड़वा बच्चे रात में सो रहे होते हैं, तो उन्हें अलग-अलग कमरों मे सुलाने की बात आपके दिमाग में आ सकती है। ऐसा करने का कारण है कि वे एक-दूसरे को सोने में डिस्टर्ब ना करें। लेकिन ऐसा करना उन्हें बिल्कुल शांति में ही सोने की आदत लगाता है जो गलत है। जुड़वा बच्चों को एक साथ एक कमरे में सोने की आदत लगाएं, जिससे बच्चों को एक-दूसरे की रोने की आवाज में सोने की आदत हो। जुड़वा बच्चों को आप जैसे ढ़ालते हैं, वो वैसे ही ढ़ल जाते हैं इसलिए बच्चों को एक-दूसरी की आदत लगाएं।

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    दूसरी जुड़वा बच्चों की मां से बात कर लें टिप्स

    अपनी तरह ही किसी दूसरी जुड़वा बच्चों की मां के साथ जुड़ने से आप उन्हें कुछ टिप्स दे सकती हैं और उनसे कुछ टिप्स ले सकती हैं। ऐसा करने से आपको अकेला महसूस नहीं होगा और ना ही जुड़वा बच्चों को हैंडल करना आपके लिए मुश्किल का काम होगा। जुड़वा बच्चों की दूसरी माओं के साथ उठने-बैठने और समय बिताने से आपके साथ-साथ आपके बच्चों को भी जरूरी एक्सपोजर मिलेगा।

    जुड़वा बच्चों का मतलब सब कुछ डबल नहीं होता

    दो शिशुओं का मतलब ये नहीं होता कि सब कुछ डबल हो। आपको नहीं पता होता कि आगे चलकर आपका बच्चा क्या पसंद करेगा या क्या नहीं पसंद करेगा। पहले दो अलग-अलग चीजें खरीदें जैसे कि एक झूला और दूसरा बाउंसर और देखे कि किस बच्चे को क्या पसंद है। अगर दोनो बच्चों को एक ही चीज पसंद है तब चीजें डबल करना गलत नहीं है। लेकिन एक की पसंद दूसरे पर ना थोपें। हालांकि, जो चीजें जरूरी है वो आपको दो लेनी ही पड़ेंगी जैसे कार में दो अलग-अलग सीट, क्रिब और दूसरी जरूरी वस्तुएं।

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    जुड़वा बच्चों के कपड़े खरीदते हुए ध्यान रखें

    अगर आपके जुड़वा बच्चों में एक लड़का और लड़की है तो ऐसे कपड़े खरीदें जो दोनों बच्चे आराम से पहन सकें। अगर आप यूनिसेक्स कपड़े और चप्पल खरीदते हैं तो यह सस्ते होने के साथ-साथ आपके लिए आसान भी रहेगा।

    बारी-बारी से दोनों को समय दें

    जुड़वा बच्चों को बारी-बारी से गोद में लें। हम जानते हैं दोनों की जिम्मेदारी एक समय पर लेना कोई आसान काम नहीं है। हो सकता किसी एक के परेशान होने पर आप उसी की केयर करने में व्यस्त हो जाएं और दूसरे बेबी को किसी और को संभालने के लिए दे दें। लेकिन ऐसे में दूसरे बच्चे को बिल्कुल समय न देना गलत होगा। आपको दोनों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। आप दोनों की जरूरतों को समझें और उस अनुसार जुड़वा बच्चों की देखभाल करें। इससे आपका दोनों बच्चों के साथ रिश्ता गहरा होगा।

    जुड़वा बच्चों की देखभाल अकेले ना करें

    जुड़वां बच्चों की देखभाल करना अकेले इंसान के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में सारे काम जैसे कि दोनो बच्चों को फीड करना, दोनो बच्चों के डायपर बदलना और रोने पर दोनो को चुप कराना पड़ता है, जो एक इंसान के बस की बात नहीं। इस काम के लिए अपने दोस्तों, परिवार या किसी हैल्पिंग हैंड की मदद लें। अपने बच्चे के लिए अगर फुल टाइम नहीं, तो एक पार्ट टाइम नैनी की मदद ले सकते हैं। एक अकेली मां के लिए दो बच्चों को संभालना मुश्किल है।

    घरेलू काम करने से बचें

    जुड़वा बच्चों की देखभाल अपने आप में एक बहुत बड़ा टास्क है। बच्चे के लिए शुरुआत के कुछ महीने ऐसे होते हैं जिनमें आपका हर समय उनके पास होना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में घरेलू काम की जिम्मेदारी किसी दूसरे को दे दें। खाना बनाना, घर की साफ-सफाई इन सब कामों को न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि घर के इन कामों को करने के लिए आपको समय चाहिए होगा और इस समय में आप दोनों बच्चों की अच्छे से देखभाल कर सकती हैं।

    हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में जुड़वा बच्चों की देखभाल करने को लेकर हर जरूरी जानकारी देने की कोशिश की है। यदि आप जुड़वा बच्चों की देखभाल से जुड़ी अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में अपना सवाल पूछ सकते हैं। इसके अलावा आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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