32 महीने के बच्चे या यूं कहें की अब आपका लाडला तीन साल का होने जा रहा है और उसका नाटकीय खेल बढ़ता जा रहा है। अब वह अपनी पीठ पर तौलिया बांधकर कभी-कभी सुपरहीरो बनता है। खेलते समय आपका बच्चा अपने रोमांचक कारनामों के बारे में आपको बता सकता है। अब वह परिवार के सदस्यों का नाम लेना शुरू कर देता है। अब एक-एक कर 32 महीने के बच्चे की अलग-अलग तरह की गतिविधि भी शुरू हो जाती है और आपको उसके हरएक एक्टिविटी का ध्यान भी रखना शुरू हो जाता है।
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आप कविताओं के जरिए अपने बच्चे की भाषा का विकास कर सकते हैं। इलिटरेशन (अनुप्रास), वर्ड प्ले और राइम ट्यून (कविता की धुन) के जरिए बच्चे शब्द और शब्दावली के बारीक अंतर को समझते हैं। उनकी सुनने की क्षमता और रिदम बढ़ता है, जो महत्वपूर्ण प्री-रीडिंग स्किल है। कविता में बनाए गए शब्द, चित्र बच्चों के लिए आकर्षक और परिचित बन जाते हैं। कम से कम उन्हें कविता पढ़ने और गाने से बच्चे को पता चलता है कि शब्द कितने मजेदार हो सकते हैं।
रंगमंच (प्रॉप्स) की सामग्री बच्चे की इमैजिनेशन बिल्डिंग गेम्स में मदद करती हैं लेकिन, एक दो साल का बच्चा शायद इसे समझ न पाए। कभी बच्चा पत्ते को प्लेट की तरह खेल में उपयोग करता है। वह एक लकड़ी को जादू की छड़ी बताकर खेल खेलता है। इसी तरह की एक्टिविटीज बच्चा करना शुरू कर देता है।यह बच्चे की क्रिएटिविटी को भी दिखाता है। बच्चे की इस तरह की क्रिएटिविटी को देखकर खुश होंगे। आप बच्चे को खेलने के लिए कुछ खिलौने जैसे सिंपल कॉस्ट्यूम (जैसे-अपने पुराने जूते, स्कार्व्स) आदि दें या फिर किचन सेट का खिलौना। इस उम्र में बच्चों को घर के काम करने वाले गेम खेलने में बहुत मजा आता है।
परिकथाएं बच्चों को महत्वपूर्ण अवधारणाएं सिखाती हैं लेकिन, आपने शायद कभी ध्यान नहीं दिया होगा कि जब तक आप बच्चे को पूरी बात नहीं समझाते हैं, वह डरते हैं। कई परिकथाएं बच्चों को डर का सामना करना सिखाती है। कहानियों के जरिए बच्चे को अच्छाई और बुराई की पहचान करना बताते हैं।
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यदि आपके बच्चे को कभी खाने से एलर्जी हो जाए, तो दोबारा इस तरह की स्थिति के लिए खुद को तैयार रखें। यदि पहली एलर्जी हल्की है, तो हो सकता है अगली गंभीर हो। डॉक्टर आपको एक्शन प्लान और एलर्जिक रिएक्शन से किस तरह निपटना है, इसके बारे में जरूर सलाह देगा।
डॉक्टर आपको एक एपिनेफ्रिन ऑटो-इंजेक्टर ले जाने की सलाह दे सकते हैं और साथ में इस्तेमाल करने का तरीका भी बताएंगे। यह उपकरण एलर्जिक रिएक्शन को रोकने के लिए एपिनेफ्रीन की सही खुराक ऑटोमैटिकली देता है।
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यदि बच्चा आपकी बातों को नजरअंदाज करता है, आपसे नजरे नहीं मिलाता तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें। बच्चे की स्थिति पर निर्भर करेगा कि उसे सुनने संबंधी या व्यवहार संबंधी जांच की आवश्यकता है।
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32 महीने के बच्चे की देखभाल के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करना चाहिए। जैसे:
इन ऊपर बताई गई छोटी-छोटी बातों को अपने बच्चों को फॉलो करवाएं और उनका सही मार्गदर्शन करें।
बच्चे के लिए दोपहर की नींद बहुत जरूरी है यह उसे एनर्जेटिक बनाती है और खुश रखती है। इसलिए बच्चे को नींद से जगाने की गलती न करें। यदि बच्चा सोते समय या उससे पहले चिड़चिड़ करता है तो इसका मतलब है कि उसे दोपहर में और सोने की जरूरत है।
किसी भी भोजन से एलर्जी हो सकती है लेकिन, 90 प्रतिशत एलर्जी का कारण ये खाद्य पदार्थ होते हैं- अंडे, दूध, मूंगफली, गेहूं और ट्री नट्स जैसे अखरोट, ब्राजील नट्स और काजू आदि। मछली जैसे ट्यूना, सामन और कॉड। शेलफिश जैसे लॉबस्टर, झींगा और केकड़ा।
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