बच्चे के जन्म के बाद उसका पहला स्कूल ‘घर’ और पहली टीचर ‘मां’ होती है। छोटी उम्र से बच्चों में पढ़ने की दिलचस्पी जगाना निश्चित रूप से अनिवार्य है, ताकि उनके अंदर पढ़ने और सीखने को लेकर रूचि बनी रहे। इस बारे में शेमरॉक प्ले स्कूल की प्री क्लास की टीचर अनु शर्मा का कहना है कि छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए धर्य की जरूरत होती है। उन्हें पढ़ाना भले ही आसान लगे, लेकिन, एक मां ही समझ सकती है छोटे बच्चे को संभालने और उसे उसकी उम्र के शुरुआती दौर में पढ़ने के लिए तैयार कितना मुश्किल है। इस उम्र में बच्चों का दिमाग खेलकूद में ज्यादा होता है, वे एक जगह बैठ नहीं सकते हैं। तो इसलिए हैलो स्वास्थ्य यहां आपको छोटे बच्चों पढ़ाने के तरीके बता रहे हैं।