के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
किसी भी चीज की कल्पना करना और फिर बात करना प्री-स्कूलर्स बच्चों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। अगर आपका बच्चा भी ऐसा करता है तो यह अच्छी बात है लेकिन, एक बात का ध्यान रखें कि यह कल्पना किसी डर के कारण न हो। दो साल के बच्चे सभी प्रकार की इच्छाशक्ति विकसित कर सकते हैं क्योंकि वे मानसिक छवियों को बनाने में सक्षम होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस उम्र में कुछ बच्चों को टीकाकरण (Vaccination) का दर्द (Pain) याद रहता है, जिसकी कल्पना वह अक्सर कर लिया करते हैं और रोने (Cry) लगते हैं। ऐसा भी देखा जाता है कि इंजेक्शन (Injection) के दर्द की कल्पना करके बच्चे अक्सर डर जाते हैं और अजनबी लोगों के सामने जाने से भी कतराते हैं।
25 महीने के बच्चे का दिमाग (25 Months baby brain) काफी सक्रिय रहता है और वह बाहरी दुनिया से कई तरह के कनेक्शन बनाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि 25 महीने के बच्चे कब, कैसे और क्यों जानने की काफी इच्छा रखते हैं। दरअसल 25 महीने के बच्चे काफी सवाल पूछते हैं और दुनिया के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। यह वो उम्र है जब बच्चे नई चीजें ढूंढने की कोशिश करते हैं चाहे वो किसी से बात करने के जरिए हो या फिर आपसे सवाल पूछना। ऐसा करने से बच्चा ज्यादा देर तक बिजी रहता है और ज्यादा शब्दों को पहचानने की कोशिश करता है।
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25 महीने के बच्चे की देखभाल के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करना चाहिए। जैसे:
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घर में रहने वाले छोटे बच्चों का अक्सर चेकअप (Body checkup) करवाते रहना चाहिए। अगर आपने अपने 2 साल के बच्चे का चेकअप पिछले महीने करवाया है तो एक महीने के बाद दोबारा डॉक्टर के पास जाएं और चेकअप करवाए। अगर इस दौरान आपको बच्चे के व्यवहार (Babies behaviour) में किसी तरह का बदलाव नजर आता है और आपको लगता है कि यह एक चिंता की बात है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आप शायद सोच रहे हैं कि आपको कब और कैसे बच्चों को खुद पॉटी करने की ट्रेनिंग देनी चाहिए। पॉटी की ट्रेनिंग (Potty training) हर उम्र के बच्चों के लिए अलग हो सकता है। हालांकि कुछ माता-पिता के लिए बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग शुरू करवाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। अगर आपको भी किसी तरह की परेशानी होती है, तो इसके सुझाव नीचे दिए गए हैंः
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छोटी-सी ही उम्र में आपको बच्चे को खाने पीने की सही आदत लगाने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि वह आने वाली लाइफ में समस्याओं से बच सके। छोटी-सी ही उम्र में बच्चों को कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और वसा (Fat) युक्त खाने का सेवन करने से बचाना चाहिए। इसी उम्र में बच्चे के शरीर में अच्छे वसा का जाना जरूरी है और उसे बुरे वसा (Bad fat) से बचाकर रखना भी आवश्यक है। इसका मतलब है कि आप उसे फुल-फैट दूध पिला सकते हैं, लेकिन उसे चिप्स, फ्रेंच फ्राइज और कुरकुरे जैसी चीजों से दूर रखें।
25 महीने के बच्चे को फाइबर युक्त भोजन देने की आवश्यकता है। आप बच्चों के खाने में साबुत अनाज, फलियां, फल और सब्जियों (Green vegetables) की मात्रा बढ़ा सकते हैं। आप चाहे तो प्रोटीन (Protein) के सोर्स मछली (Fish) और मीट को भी बच्चे के खाने में शामिल कर सकते हैं। बच्चे के खाने में यह चीजें शामिल करने मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप उसके खाने में इतनी एहतियात बरतें कि वह परेशान हो जाएं। उसे कभी-कभी चॉकलेट (Chocolate) जैसी चीजें भी खाने के लिए दें।
बच्चों की देखभाल (Babies care) के दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनके हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए आपको हेल्दी फैट, शारीरिक तौर पर एक्टिव रहने की जरूरत है। इसलिए हमेशा बच्चों को खाने में क्या देना है इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें, ताकि उसके शरीर में प्रचुर मात्रा में फाइबर (Fiber) और प्रोटीन जा सके।
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