के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
19वें महीने तक बच्चों की शब्दावली अच्छी होने लगती है वो अक्सर कैट, बॉल, बोटल, बाय-बाय जैसे शब्द बोलने लगते हैं। आपका बच्चा अब 19 महीने का हो गया है और इस अवस्था में बच्चे के हाथ और आंख की कॉर्डिनेशन, बैलेंस अच्छा होने के साथ ही हाथ और पैर की मांसपेशियां मजबूत हो जाती है। वह अब अपने मोटर स्किल पर ध्यान देने लगते हैं। बच्चा अपनी मोटर स्किल का कैसे इस्तेमाल करता है यह पूरी तरह उनकी पर्सनैलिटी पर निर्भर करता है। वह इस समय हर चीज पर चढ़ने की कोशिश करता है। कुर्सी से किचन के काउंटर तक चढ़ने की कोशिश कर सकता है। क्लाइंबिंग उनके लिए मजेदार हो सकती है लेकिन, आप उनकी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सतर्क रहें। हो सकता है आपका बच्चा अचानक सोने से या बिस्तर पर जाने से इंकार कर दे। हो सकता है बिस्तर पर लेटे-लेटे यह भी सोचे कि मैं यहां अकेले लेटा हूं और मम्मी-पापा बाहर टीवी देख रहे हैं।
बच्चों को टॉयलेट ट्रेनिंग देने के लिए यह बिल्कुल सही समय होता है। एक फ्री स्टैंडिंग पॉटी चेयर इस उम्र के बच्चों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है। आप टॉयलेट सीट भी बच्चों के हिसाब से डाल सकते हैं लेकिन, इसके लिए बच्चों का कॉर्डिनेशन अच्छा बनाए ताकि वह स्टेप टूल पर चढ़कर खुद बैठ सकें।
कभी-कभी सहयोगी, खुशमिजाज बच्चा भी रोने लगता है, कभी आपसे लिपट जाएगा तो कभी खुद में ही व्यस्त रहेंगे। बच्चे को इस बात का एहसास होने दें कि आपको पता है कि वह कब दुखी है? उनकी भावनाओं को पहचानें और इसे अहमियत दें। हां, इन छोटे-छोटे पलों को बहुत बड़ा मुद्दा ना बनाएं। अगर वो रो रहा है तो गले लगाकर उनका ध्यान भटकाने की कोशिश करें। आपका बच्चा अभी-भी बहुत छोटा है और वो अभी तर्कपूर्ण तरीके से नहीं सोच सकता है।
जब आपका बच्चा बीमार हो और उसे आपको डॉक्टर के पास ले जाना है और बच्चा अगर डरा हुआ है तो इसके पीछे उसका पुराना अनुभव भी हो सकता है। आपका 19 महीने का बच्चा डॉक्टर के साथ अनिश्चतता के साथ जुड़ सकता है कि आगे क्या होगा? बच्चे को क्लिनिक उसके फेवरिट टेडी या किताबों के साथ लेकर जाएं। डॉक्टर के पास लेकर जाएं तो पूछें कि बच्चा आपकी गोद में बैठ सकता है या नहीं?
अगर अभी तक आपका बच्चा 15 शब्द भी नहीं बोल पाता है तो अच्छी बात नहीं है। बेहतर होगा कि डॉक्टर से मिलें जो आपको स्पीच थेरपिस्ट के पास भेज सकते हैं, जो इस समस्या का समाधान करेंगे।
अक्सर इस समय बच्चों के पेट में दर्द या डायरिया की समस्या होती है। फूड प्वाइजनिंग, बैक्टीरिया इसके मुख्य कारणों में से एक होते हैं। कई बार दो-तीन दिनों बाद लक्षण दिखने के बाद भी यह नहीं पता चल पाता है कि इसके क्या कारण हैं? खाने में मौजूद बैक्टीरिया रूम टेम्परेचर में हर बीस में दुगनी संख्या में बढ़ते जाते हैं। फूड प्वाइजनिंग बच्चों में बड़ों की तुलना में और भी जल्दी होता है। सुनिश्चित करें कि किचन हमेशा साफ हो। खाना बनाने के बाद उसे ढककर फ्रिज में रखें ताकि इसमें बैक्टीरिया न हो।
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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr. Pooja Bhardwaj