कोविड-19 में साफ-सफाईः पेपर टॉवेल (टिश्यू पेपर) या हैंड ड्रायर से पूरी तरह खत्म नहीं होते कीटाणु
निष्कर्ष में यह भी पता चला कि पहले कपड़ों से जितनी मात्रा में वायरस मौजूद था, जो पेपर टॉवेल और हैंड ड्रायर का इस्तेमाल करने के बाद दोगुना हो गया। इस अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं का कहना है कि हाथों को पेपर टॉवेल (टिश्यू पेपर) और हैंड ड्रायर से साफ करने के बाद भी कीटाणु पूरी तरह खत्म नहीं होते, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से व्यक्ति के शरीर में ही मौजूद होते हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, “इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि पहले बैक्टीरिया जहां केवल हाथों में थे, वह हैंड ड्रायर का इस्तेमाल करने के बाद पूरे शरीर और टॉयलेट में फैल गए, जो एक चिंता की बात है, क्योंकि हॉस्पिटल के सार्वजनिक शौचालय को रोगी, आगंतुक, वहां से स्टॉफ आदि हमेशा इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में अगर हैंड ड्रायर का अधिक इस्तेमाल किया जाता है, तो बैक्टीरिया के पूरे शौचालय में फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इससे दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए इसकी बजाय अगर पेपर टॉवेल (टिश्यू पेपर) का इस्तेमाल किया जाए, तो बीमारी के फैलने की संभावना कम हो सकती है।”
पेपर टॉवेल या हैंड ड्रायरः कोविड-19 की रोकथाम में मिल सकती है मदद
शोधकर्ताओं का यह कहना है कि अगर सभी लोग हाथों को धोने के बाद पेपर टॉवेल (टिश्यू पेपर) के इस्तेमाल को प्राथमिकता दें, तो विश्व में SARS या कोविड-19 जैसी संक्रामिक बीमारियों की रोकथाम में मदद मिल सकती है। हालांकि इस अध्ययन को लेकर कई तरह की बहस शुरू हो गई है। अनेक वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि केवल इस शोध से यह कहना उचित नहीं है कि पेपर टॉवेल से कोविड-19 जैसे संक्रामक रोगों को फैलने से रोका जा सकता है। यह केवल एक शुरुआती अध्ययन है और इससे जुड़े और भी अध्ययन का इंतजार करना चाहिए।
पेपर टॉवेल (टिश्यू पेपर) या हैंड ड्रायरः कई हॉस्पिटल्स में चार हफ्ते तक किया गया दूसरा शोध
यूके, फ्रांस और इटली के वैज्ञानिकों ने भी इस विषय पर शोध की। उन्होंने जांच की कि क्या हैंड ड्रायर या पेपर टॉवेल (टिश्यू पेपर) वास्तव में कीटाणुओं के प्रसार को रोकने के लिए सबसे अच्छे हैं। इस अध्ययन के तहत वैज्ञानिकों ने चार हफ्ते तक एक से अधिक हॉस्पिटल में शोध किया। इसमें वैज्ञानिकों ने हॉस्पिटल के टॉयलेट में बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया की जांच की। सभी हॉस्पिटल के बाथरूम में पेपर टॉयलेट और हैंड ड्रायर की सुविधा की गई।
शोध के दौरान लोगों को बाथरूम में केवल एक चीज का उपयोग करने का निर्देश दिया गया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पेपर टॉयलेट और हैंड ड्रायर से आने वाले परिणाम में कितना अंतर होता है। इस अध्ययन में भी यह देखा गया कि जिन बाथरूम में हैंड ड्रायर का इ्सतेमाल किया गया था, उसकी तुलना में पेपर टॉयलेट का उपयोग करने वाले बाथरूम में कीटाणु की संख्या कम थी।
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पेपर टॉवेल या हैंड ड्रायर से हाथों को साफ करने का तरीकाः हैंड ड्रायर से संक्रमित हो सकता है फर्श
इस अध्ययन का नेृतत्व करने वाले विल्कोक्स ने कहा, “वास्तव में हैंड ड्रायर एक एरोसोल बनाता है, जो बाथरूम को दूषित करने का काम करता है। इससे फर्श और अन्य जगहों के भी संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि हैंड ड्रायर कहां लगा है, इस पर भी फर्श और दूसरी जगहों के संक्रमित होने की बात निर्भर करती है।
पेपर टॉवेल (टिश्यू पेपर) या हैंड ड्रायर से हाथों को साफ करने का तरीकाः साल 2000 में भी किया गया था ऐसा शोध
बता दें कि इससे पहले भी साल 2000 में ऐसा ही एक अध्ययन किया गया था, लेकिन इस अध्ययन की रिपोर्ट वर्तमान के अध्ययन से बिल्कुल अलग थी। इसमें 100 लोगों पर शोध किया गया था और सभी को चार तरीकों से हाथों को सुखाने को कहा गया था। इस रिपोर्ट में पाया गया था कि हाथों को सुखाने का कोई भी तरीका पूरी तरह से कीटाणुओं को खत्म नहीं करता है।
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इस संबंध में नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल के किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के निदेशक डॉ. अमित देवड़ा ने क्या कहा?
इस विषय पर हमने नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल के यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉ. अमित देवड़ा से बात की।
प्रश्न- कोविड-19 में हाथों की साफ-सफाई के लिए क्या तरीका अपनाना चाहिए?
किडनी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के कोर्डिनेटर डॉ. अमित देवड़ा ने कहा, “कोविड-19 में हाथों की साफ-सफाई करने का सबसे बेहतर तरीका है कि लोग साबुन या सेनिटाइजर का प्रयोग करें। अगर साबुन से हाथ धो रहे हैं, तो 30 सेकेंड तक हथेली के सभी स्थानों को ठीक से साफ करें। हाथ के हर कॉर्नर, अंगुलियों के बीच और अंगूठे को धोएं। इससे कीटाणु के रहने की संभावना खत्म हो जाएगी।”
अगर आपको किसी ऐसे जगह हाथ धोना है, जहां पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का उपयोग करना सबसे अच्छा होगा।