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बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होने पर इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं....

Written by डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


अपडेटेड 13/01/2022

    बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होने पर इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं....

    कई बच्चों में अधिक थुकने की समस्या देखी जाती है। वैसे तो यह होना आम है, लेकिन कभी-कभी यह एसिड रिफ्लक्स का संकेत हो सकता है, खासकर जब अन्य लक्षणों के साथ। इसे एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स (जीईआर) के रूप में भी जाना जाता है। बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD In Infants) समस्या होने पर वो बार-बार थूकता है या उल्टी करता है। इसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। कई बच्चों में इसके गंभीर लक्षण भी नजर आ सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD In Infants) की समस्या क्या है?

    गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज क्या है (What is gastroesophageal reflux disease)?

    बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज क्या है, इसे समझने के लिए आपको GERD को भी समझना होगा।  गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज एक प्रकार का डायजेस्टिव डिसऑर्डर है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों में देखी जा सकती है,  जिसमें पेट में उत्पन्न एसिड या पेट में मौजूद भाेजन नली (Esophagus) में वापस आ जाता है। इस कराण  फूड पाइप की अंदरूनी सतह में जलन महसूस होने लगती है। बहुत सारे लोगों को यह परेशानी समय-समय पर होती रहती है। डायजेशन के प्रक्रिया में लोअर इसोफेगल स्पिंकटर (lower Esophageal Sphincter) खाने को पेट और एसिड को इसोफेगस में वापस आने से रोकता है। गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की समस्या अक्सर तब होती है, जब लोअर इसोफेगल स्पिंकटर (Lower Esophageal Sphincter) कमजोर होता है।

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    बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लक्षण (Symptoms of gastroesophageal reflux disease)

    यदि आपका बच्चा अधिक थूक रहा है और निम्न में से कोई भी लक्षण उसमें नजर आ रहे हैं, तो यह एक अधिक गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है, जिसे जीईआरडी (गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग) के रूप में जाना जाता है।

    • शराब पीते समय या भोजन के बाद गड़गड़ाहट या घरघराहट की आवाज आना
    • बच्चे की सामान्य से अधिक लार टपकना
    • दर्द के कारण लार टपकना
    • चिड़चिड़ापन महसूस होना
    • ठीक से खाना न खाना
    • अंसतुलित वजन बढ़ना
    • थूक के रंग में बदलाव महसूस करना
    • पीठ में अकड़न और गर्दन की समस्या
    • निगलने में समस्या होना
    • चिड़चिड़ापन
    • भूख न लगना
    • उल्टी की समस्या होना

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    हालांकि, जीईआरडी के अलावा अन्य कई स्थितियाें में भी इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं। डॉक्टर बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का निदान करने से पहले अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की जांच के लिए परीक्षणों की सिफारिश कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि शिशु में ऐसे लक्षण जीईआरडी के अलावा अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित हो सकते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गंभीर लक्षणों में शामिल हैं:

  • बच्चे का सामान्य से अधिक रोना
  • सांस लेने में समस्या
  • खाना निगलने में समस्या
  • खून वाली उल्टी होना
  • मलाशय से रक्तस्राव होना
  • बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का इलाज सही समय पर होना आवश्यक है। आपके बच्चे में एसिड रिफ्लक्स के इलाज के विकल्प उनकी उम्र और समस्या की गंभीरता पर निर्भर करता है। जीवनशैली में बदलाव और घर की देखभाल कभी-कभी अच्छी तरह से काम कर सकती है। लेकिन अपने बच्चे के डॉक्टर को हमेशा जानकारी में रखें।

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    इस बारे में दिल्ली के जनलर फीजिश्यन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि हाइटल हर्निया की समस्या भी आजकल लोगों में ज्यादा देखने को मिल रही है। हाइटल हर्निया में हमारे पेट का कुछ हिस्सा फैल कर सीने के नीचे चले जाता है। इसमें होने वाला एक छोटा से छेद (आमाशय के ऊपर मौजूद छिद्र) बड़ी शरीरिक समस्याओं का कारण बन जाता है। इस छेद के जरिए हमारा फूड पाइप पेट तक जाने से पहले गुजरती है लेकिन इस हर्निया के होने से पेट का हिस्सा इसी छेद से ऊपर की ओर आ जाता है। ऐसा होने पर खाना पेट से वापस फूड पाइप में चढ़ने लगता है व्यक्ति को सीने में भयानक जलन और एसिडिटी का अहसास होता है।

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    बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का क्या कारण है (What causes gastroesophageal reflux disease in children) ?

    विशेषज्ञों का मानना है कि शिशुओं में कई कारक उन्हें जीईआर की ओर ले जाते हैं। जैसा कि जीवन के पहले 6 महीनों में, शिशु अपना अधिकांश समय लेटने में बिताते हैं और उनके पास पूरी तरह से विकसित अन्नप्रणाली और उसके निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर नहीं होते हैं। इसी के साथ ही चौथे और पांचवे महीने से उनक दूध के साथ हल्का भाेजन भी  शुरू हो जाता है।ऐसे में अधिक संभावना होती हैं कि पेट का खाना वापस एसोफैगस में चला जाता है। इसलिए बच्चे की बच्चे की फीडिंग प्रॉसेज पर जरूर ध्यान दें।

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    बच्चे की फीडिंग प्रॉसेज पर ध्यान दें। एक बार में आपके बच्चे का पेट बहुत अधिक भर जाने पर रिफ्लक्स और थूकने की समस्या की संभावना अधिक हो सकती है। प्रत्येक फ़ीड पर मात्रा कम करते हुए फीडिंग की आवृत्ति बढ़ाने से संभवतः मदद मिलेगी। अपने बच्चे के डायट में अपने मन से कोई भी परिवर्तन करने से बचें। बच्चे का कम भरा हुआ पेट निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर (LES) पर कम दबाव डालता है। इससे एलईएस मांसपेशियां भोजन को पेट से फूड पाइप में वापस जाने से रोकता है। मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से इसकी प्रभावशीलता कम हो जाती है, जिससे पेट का खाना गले में आ जाता है। एलईएस को पहले वर्ष में विकसित होने में समय लगता है, इसलिए कई शिशु स्वाभाविक रूप से अक्सर थूकते हैं। इसलिए मां का दूध शिशु को तब ही ही दें, जब उसे भूंख लगे। इसके अलावा बच्चे को दूध पिलाने और कुछ ठोस डायट देने के बीच में करीब 30 मिनट का अंतराल रखें। इन बाताें का भी ध्यान रखें।

    • इसके अलावा बच्चे को खाना कभी भी लेटकर न खिलाएं। यह आदत हर मामले से उसके हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
    • चाहें आप बोतल से दूध पिलाएं या स्तनपान कराएं, अपने बच्चे को बार-बार डकार दिलाएं।
    • बच्चे को हमेशा सख्त गद्दे पर उसकी पीठ के बल सुलाएं।

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    दवा और सर्जरी (Medicine and surgery)

    यदि जीवनशैली में बदलाव से मदद नहीं मिलती है, तो आपका बाल रोग विशेषज्ञ आपके बच्चे के लक्षणों के अन्य कारणों की जांच करने की सलाह दे सकते हैं, जैसे कि जीईआरडी टेस्ट। इसमें ओमेप्राजोल (प्रिलोसेक) जैसी दवाएं अक्सर उपचार के लिए उपयोग की जाती हैं। इन दवाओं का मुख्य कार्य पेट के एसिड को कम करना है। इसके अतिरिक्त, दवा का उपयोग प्रतिकूल दुष्प्रभावों से जुड़ा हो सकता है, जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन और  हड्डियों की समस्याएं। इन दवाओं के साथ एक विशेष चिंता संक्रमण का खतरा है। पेट का एसिड स्वाभाविक रूप से शरीर को खतरनाक जीवों से बचाता है जो पानी और भोजन में पाए जा सकते हैं। पेट के एसिड को कम करने से शिशु में इस प्रकार के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। लक्षणों की गंभीरता के आधार पर अपने डॉक्टर से बात करें कि आपके बच्चे के लिए कौन सा उपचार योजना सही है, उनसे समझें। क्योंकि कई गंभीर लक्षणों वाले शिशुओं के लिए दवा भी सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। कई कसेज में सर्जरी एक विकल्प हो सकता है।

    बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के बारे में आपने जाना यहां। इसके लक्षणों के दिखने पर आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इसी के साथ शिशु के लिए वही डायट चुननी चाहिए, जो डॉक्टर ने उन्हें बोली है। बच्चों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से बात करें।

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