पसलियों के नीचे अपर लेफ्ट एब्डोमेन में दर्द के कई कारण हो सकते हैं और पसलियों के नीचे दर्द (Pain Under Ribs) के कुछ कारणों का इलाज घर पर किया जा सकता है, लेकिन अन्य कारण लाइफ थ्रेटनिंग हो सकते हैं। इसलिए यदि आपका दर्द असामान्य, लगातार, या सीवियर है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। पसलियों के नीचे दर्द होना आपको एक मामूली लक्षण लग सकता है, लेकिन यह शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। इस प्रकार के दर्द के संभावित कारणों और लक्षणों को जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल, और जानें इस स्थिति में आपको क्या करना चाहिए।
पसलियों के नीचे दर्द (Pain Under Ribs) गंभीर कारण
पसलियों के नीचे दर्द (Pain Under Ribs) के कुछ कारण लाइफ थ्रेटनिंग भी हो सकते हैं जिन्हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय रहते उसके लिए उचित कदम उठाने चाहिए। जैसे-
हार्ट अटैक (Heart attack)
हार्ट अटैक के सबसे आम लक्षणों में से एक आपके चेस्ट या आर्म्स में जकड़न, दर्द, प्रेशर या स्क्वीज होना है। यह आपके जबड़े, पीठ या गर्दन तक फैल सकता है। दिल के दौरे के अन्य आम लक्षणों में शामिल हैं:
- थकान
- अचानक चक्कर आना
- मतली, अपच, हार्ट बर्न या पेट में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- कोल्ड स्वेट
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पेरिकार्डिटिस (Pericarditis)
पेरिकार्डिटिस आपके दिल के चारों ओर मेम्ब्रेन की सूजन के कारण होता है। यह चार तरीके का होता है। इसके लक्षण प्रत्येक टाइप के पेरिकार्डिटिस के लिए थोड़े अलग हो सकते हैं, और इसमें शामिल हैं:
- चेस्ट के बीच या बाईं ओर तेज दर्द जो सांस लेने पर बदतर हो सकता है
- बीमार, थका हुआ या कमजोरी महसूस करना
- खांसी
- एब्डोमेन या पैर में असामान्य सूजन
- लेटते समय सांस की तकलीफ
- हार्ट पैल्पिटेशन (Heart palpitations)
- हल्का बुखार
एंजाइना (Angina)
एंजाइना हार्ट से संबंधित एक और कंडीशन है जो पसलियों के नीचे दर्द (Pain Under Ribs) का कारण बन सकती है। यह कंडीशन तब होती है जब आपके दिल तक जाने वाले ब्लड में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं होती है। सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना, जी मिचलाना, थकान और पसीना आना आदि इसके लक्षण हैं। एंजाइना दिल की बीमारी नहीं है। इसके बजाय, यह कोरोनरी हार्ट डिजीज या कोरोनरी माइक्रोवास्कुलर डिजीज जैसे संभावित अनियंत्रित हार्ट प्रॉब्लम का लक्षण है।
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पसलियों के नीचे दर्द के पाचन संबंधी कारण (Digestive causes of pain under ribs)
पसलियों के नीचे दर्द के लिए कई बाद पाचन संबंधी कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। जो निम्न हैं।
फंसी हुई गैस (Trapped gas)
ट्रैप्ड गैस तब होती है जब गैस धीमी होती है या आपके पाचन तंत्र से आगे बढ़ने में सक्षम नहीं होती है। यह भोजन या पाचन की स्थिति के कारण हो सकता है। दर्दनाक ऐंठन, पसलियों के नीचे दर्द (Pain Under Ribs), एब्डॉमिनल ब्लोटिंग आदि इसके कारण हो सकते हैं। गैस डाइजेशन प्रोसेस का एक सामान्य हिस्सा है, लेकिन इससे असुविधा हो सकती है। डायट में चेंज, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से परहेज और ऐसे खाद्य पदार्थों को कम या सेवन ना करके जो गैस पैदा कर सकते हैं, धीरे-धीरे खाने और छोटे मील्स लेने से, एक्टिव रहने से इस प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है ।
हार्टबर्न (Heart burn)
हार्टबर्न एक सामान्य स्थिति है जिसमें चेस्ट में माइल्ड से सीवियर दर्द होता है। हार्ट बर्न आमतौर पर खाने के बाद होता है। इससे आपके सीने में जलन और बेचैनी होती है। कारण और ट्रीटमेंट के तरीके के आधार पर, हार्टबर्न दो या अधिक घंटे तक रह सकता है। वेट लॉस, स्मोकिंग को छोड़ना, कम वसायुक्त भोजन, मसालेदार या एसिडिक भोजन से परहेज करना आपकी इस समस्या को कम कर सकता है। हालांकि, सीवियर हार्टबर्न का इलाज एंटासिड जैसी दवाओं से भी किया जा सकता है।
गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal reflux disease)
गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी), जिसे आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब आप हर हफ्ते दो बार से ज्यादा हार्टबर्न का अनुभव करते हैं। निगलने में परेशानी, बदबूदार सांस, गले में जकड़न, चेस्ट पेन, खांसी आदि इसके मुख्य लक्षण हैं। जीईआरडी के लिए ट्रीटमेंट के ऑप्शंस लक्षणों की गंभीरता के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। आम तौर पर लाइफस्टाइल में बदलाव और मेडिकेशन के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है।
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कब्ज (Constipation)
बच्चों में पेट दर्द का सबसे आम कारण कब्ज है। इसके कारण स्टूल पास करने के लिए जोर लगाना, बॉवेल खाली करने में परेशानी महसूस करना, स्टूल पास करने के लिए पेट पर दबाव डालना पड़ता है। लाइफस्टाइल में बदलाव और खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स में अधिक फायबर का सेवन करने से कब्ज की समस्या से निजात मिल सकती है।
इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS)
इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) एक क्रोनिक स्थिति है जिसमें आंतों के लक्षणों का एक ग्रुप शामिल होता है जो आमतौर पर एक साथ होते हैं। लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीवियरिटी और ड्यूरेशन में अलग-अलग होते हैं। लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट दर्द या ऐंठन, आमतौर पर दस्त या कब्ज के साथ
- सफेद म्यूकस के साथ स्टूल
- सूजन या गैस
- स्टूल पास करने में असमर्थता
आईबीएस के लिए कोई इलाज नहीं है। फाइबर का सेवन बढ़ाना, पर्याप्त नींद लेना, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, स्ट्रेस कम करना, दवाएं या प्रोबायोटिक्स लेना, रिलैक्स टेक्निक अपनाना जैसे माइंडफुलनेस या मेडिटेशन करना आदि से इस कंडीशन को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
पथरी (Stone)
किडनी स्टोन (Kidney stone) तब होता है जब आपकी किडनी में वेस्ट जमा हो जाता है और आपस में चिपक जाता है। गुर्दे की पथरी के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट और पीठ में तेज दर्द
- यूरिनेशन के दौरान दर्द
- उल्टी
- जी मिचलाना
- यूरिन में ब्लड आना
गुर्दे की पथरी का ट्रीटमेंट किडनी स्टोन के साइज और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। ट्रीटमेंट में शामिल हो सकते हैं:
- दर्द की दवा लेना
- पानी का सेवन बढ़ाना
- एक ऑपरेशन जैसे: शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock wave lithotripsy), यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy), पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous nephrolithotomy) आदि
बढ़ी हुई स्प्लीन (Enlarged spleen)
एंलार्जड स्प्लीन, या स्प्लेनोमेगाली (Splenomegaly), कई बीमारियों और कंडीशंस के कारण हो सकता है। इंफेक्शन बढ़े हुए स्प्लीन के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। आपके लिवर की समस्याएं, जैसे सिरोसिस और सिस्टिक फाइब्रोसिस, भी बढ़े हुए स्प्लीन का कारण बन सकती हैं। बढ़े हुए स्प्लीन के साथ आप जिन लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं उनमें शामिल हैं:
- बहुत कम खाने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस होना
- आपकी बाईं ओर पीठ दर्द
- पीठ दर्द जो आपके कंधे तक फैलता है
- इंफेक्शन की बढ़ी संख्या
- सांस लेने में कठिनाई
- थकान
बढ़े हुए स्प्लीन के लिए ट्रीटमेंट अंडरलाइंग कारण पर निर्भर करता है। ट्रीटमेंट में शामिल हो सकते हैं:
- एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
- ऑपरेशन
- रेस्ट
इंफ्लामेटरी बॉवेल डिजीज (IBD)
आईबीडी डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में सूजन का कारण बनता है। इन स्थितियों में सबसे आम अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग है। थकावट या थकान, बुखार, पेट में ऐंठन और दर्द, दस्त, स्टूल में खून, बेवजह वजन घटना, भूख में कमी आदि इसके लक्षण हैं। आईबीडी के लिए कई ट्रीटमेंट ऑप्शन हैं। डाइट में बदलाव, तनाव कम करने की तकनीक, एंटीबायोटिक दवाओं और एक्यूपंक्चर जैसे वैकल्पिक ट्रीटमेंट का उपयोग करके इसे अच्छे से मैनेज किया जा सकता है।
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पसलियों के नीचे दर्द के अन्य कारण (Other causes of pain under ribs)
पाचन संबंधी समस्याओं के अलावा पसलियों के नीचे दर्द के कारणों में निमोनिया, कॉस्टोकांड्राइटिस (Costochondritis), ब्रोकन रिब्स, एंडोकार्डिटिस (Endocarditis), अपेंडिसाइटिस (Appendicitis) आदि कंडिशंस भी शामिल हैं।
जैसा कि आपने इस आर्टिकल पढ़ा कि पसलियों में दर्द का कारण काफी अलग-अलग होता है और हार्ट बर्न जैसी मामूली चीज भी इसका हिस्सा हो सकता है। हालांकि, अगर दर्द नया, लगातार और गंभीर है, तो आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको पसलियों के नीचे दर्द से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में पसलियों के नीचे दर्द से संबंधित अन्य सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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