आप सोच रहे होंगे कि योगा तो एक आध्यात्मिक प्रैक्टिस है, लेकिन योगा पोज, ब्रीदिंग और ध्यान ये सभी आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को सुधारने में मदद करते हैं। साथ ही कुछ योगा पोजेस जैसे भुजंगासन, धनुरासन, पार्श्व सुखासन, अप्ननासन आदि डायजेशन में मदद कर सकते हैं। यानी कि योगा भी डायजेशन में मदद करने वाली एक्सरसाइज (Best Exercises To Help Digestion) है। 2016 के एक अध्ययन में हल्के क्रोहन रोग वाले लोगों को शामिल करते हुए, शोधकर्ताओं ने पाया कि योग के साथ मध्यम व्यायाम ने जीवन की गुणवत्ता और तनाव के स्तर में बिना किसी प्रतिकूल प्रभाव के सुधार किया।
अधिकांश योग मुद्राएं आमतौर पर सुरक्षित होती हैं। लेकिन अगर आप नहीं जानते कि उन्हें सही तरीके से कैसे किया जाए, तो आप खुद को चोट पहुंचा सकते हैं। आप हर दिन कुछ पोज सीखकर शुरुआत कर सकते हैं। यदि आप नहीं जानते कि कहां से शुरू करें, तो बहुत सारे ऐप और वीडियो हैं जो शुरुआती लोगों के लिए तैयार किए गए हैं।
यदि आप एक समूह गतिविधि वाले व्यक्ति हैं, तो योगा क्लास भी जॉइन कर सकते हैं। यह भी सुनिश्चित करेगा कि आप सही तरीके से पोज कर रहे हैं। कक्षाएं 60 से 90 मिनट तक चल सकती हैं और सप्ताह में कई बार मिल सकती हैं।
डीप ब्रीदिंग (Deep Breathing)
डायजेशन में मदद करने वाली एक्सरसाइज (Best Exercises To Help Digestion) में डीप ब्रीदिंग को शामिल किया जा सकता है। नॉर्मल ब्रीदिंग की तुलना में डीप ब्रीदिंग में डायफ्राम सिकुड़ता है और फैलता है। इस प्रकार की ब्रीदिंग हार्ट रेट को कम करने और ब्लड ऑक्सिजेनेशन को बढ़ाने का काम करती है। सबसे महत्वपूर्ण है ये है कि यह इंटरनल ऑर्गन्स की जेंटल मसाज करती है जिसमें आंत और पेट शामिल है। जिससे कब्ज और पेट फूलने जैसी तकलीफों से राहत मिलती है।