और पढ़ें : कब्ज के कारण गैस्ट्रिक प्रॉब्लम से अटक कर रह गई जान? तो, ‘अब की बार, गैरेंटीड रिलीफ की पुकार!’
मनुष्यों में टेपवर्म का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Tapeworms in Human)
यह ध्यान रखें कि टेपवर्म इंफेक्शन की समस्या से निजात पाने के लिए हमेशा इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि कुछ टेपवर्म अपने आप शरीर से निकल जाते हैं। इसलिए कुछ लोगों में टेपवर्म इंफेक्शन के लक्षणों (Tapeworms infection symptoms) की भी जानकारी नहीं मिलती है या फिर कम लक्षणों की वजह से महसूस नहीं कर पाते हैं। हालांकि कुछ ऐसे भी टेपवर्म इंफेक्शन होते हैं, जो बिना इलाज के ठीक नहीं हो पाते हैं। इसलिए इंटेस्टाइनल इंफेक्शन (Intestinal infection) की समस्या होने पर ओरल मेडिकेशन (Oral medication) की जरूरत पड़ सकती है। टेपवर्म इंफेक्शन के इलाज के पहले टेपवर्म इंफेक्शन (Tapeworms Infection) के टाइप को समझा जाता है और फिर इलाज शुरू किया जाता है।
और पढ़ें : Movement In Lower Abdomen: लोअर एब्डॉमेन में मूवमेंट के कारण क्या हो सकते हैं?
टेपवर्म के इलाज के लिए निम्नलिखित एंटीपैरासाइटिक ड्रग्स (Antiparasitic drugs) प्रिस्क्राइब की जा सकती हैं। जैसे:
- बिल्ट्रीसाइड (Biltricide)
- अल्बेन्जा (Albenza)
- एलीनिया (Alinia)
इन दवाओं के डोज को पूरा करने के बाद डॉक्टर पेशेंट को स्टूल टेस्ट (Stool Test) करवाने की सलाह देते हैं, जिससे इंफेक्शन (Infection) की समस्या दूर हुई है या नहीं इसकी जानकारी मिल जाती है।
अगर इंफेक्शन की समस्या अत्यधिक और दवाओं से इसे दूर नहीं किया जा सकता है, तो ऐसी स्थिति में एंथेल्मिंटिक ड्रग (Anthelmintic drug) प्रिस्क्राइब की जाती है या फिर इंफेक्शन की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सर्जरी की सहायता से सिस्ट (Cyst) या लम्प (Lump) को रिमूव भी किया जा सकता है।
टेपवर्म इंफेक्शन के इलाज के दौरान आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroid) भी प्रिस्क्राइब की जा सकती है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड की जरूरत तब पड़ती है जब ऑर्गन या टिशू में इन्फ्लेमेशन (Inflammation) की समस्या शुरू हो जाए।
टेपवर्म का अगर सही समय पर इलाज ना किया जाए, तो इससे डायजेस्टिव ब्लॉकेज (Digestive blockage) की समस्या शुरू हो सकती है। क्योंकि टेपवर्म के लार्ज साइज होने की वजह से अपेंडिक्स (Appendix), बाइल डक्ट (Bile ducts) या पैंक्रिएटिक डक्ट (Pancreatic duct) को ब्लॉक करने का काम कर सकता है। ऐसी स्थिति में ऑर्गन फंक्शन (Organ function) ठीक से करने में असमर्थ हो जाते हैं और ब्लड सप्लाई (Blood supply) में भी बाधा पहुंचने लगती है।