ओव्यूलेशन (Ovulation)- पीरियड्स (Periods) के दौरान क्रैम्प महसूस होने पर भी लोअर एब्डॉमेन में मूवमेंट की तरह ही महसूस किया जा सकता है।
मांसपेशियों की ऐंठन (Muscle spasm)- अगर किसी भी कारण से मांसपेशियों की ऐंठन महसूस हो, तो ऐसी स्थिति में भी लोअर एब्डॉमेन में मूवमेंट महसूस की जा सकती है।
इन स्थितियों के अलावा डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर पेट के निचले हिस्से में होने वाली गतिविधि महसूस की जा सकती है। अगर ऐसी परेशानी लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करना चाहिए।
नोट: पेट से जुड़ी परेशानियों से राहत पाने के लिए दवाओं का सेवन किया जा सकता है, लेकिन अपनी मर्जी से दवाओं का सेवन ना करें। डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं या दवाएं प्रिस्क्राइब करते हैं।
लोअर एब्डॉमेन में मूवमेंट होने पर डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए? (Consult Doctor if-)
अगर पेट में लगातर दर्द (Abdominal pain) रहे, उल्टी (Vomiting) होना, पेट फूला-फूला (Bloating) महसूस हो या फिर स्टूल में ब्लड (Blood in your stool) नजर आये तो ऐसी स्थिति को इग्नोर नहीं करना चाहिए और जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज करते हैं।
डायजेस्टिव हेल्थ को हेल्दी बनाये रखने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Tips for Healthy Digestive Health)
डायजेस्टिव हेल्थ को हेल्दी बनाये रखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। जैसे?
- एक बार में ज्यादा खाने से अपच (Indigestion) की समस्या हो सकती है। इसलिए एक बार में ज्यादा खाना खाने की आदत को टालें। थोड़ा-थोड़ा खाएं (Eat smaller portions) और खाने को एक बार की बजाये 4 से 5 बार में खाएं। ऐसा करने से अपच की समस्या से बचने में मदद मिल सकती है।
- तेजी से खाने की वजह से गैस (Gas) एवं इंडायजेशन (Indigestion) की समस्या शुरू हो सकती है। इसलिए धीरे-धीरे खाएं (Eat more slowly) एवं खाने को पहले अच्छी तरह से चबाएं और धीरे-धीरे खाएं।
- सेंसेटिव स्टमक की समस्या महसूस होने पर डेयरी (Dairy), स्पाइसी फूड (Spicy foods), प्रोसेस्ड फूड (Processed foods), ऑयली या फ्राइड फूड (Oily or fried foods), एल्कोहॉल (Alcohol) एवं ग्लूटेन (Gluten) का सेवन ना करें। कुछ लोगों में इन खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों के सेवन से सेंसेटिव गट की समस्या शुरू हो सकती है।
- कैफीन (Caffeine) के सेवन से पेट से जुड़ी परेशानियों की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए कम से कम कैफीन का सेवन करें और पेट से जुड़ी परेशानियों से दूर रहें।
- लंबे वक्त से तनाव (Chronic stress) में रहना पेट से जुड़ी परेशानियों को दावत दे सकता है। इसलिए कोशिश करें कि अपने आपको तनाव से दूर रखें।
- पूरे एवं नैचुरल तरीके से पके हुए फलों (Ripen fruits) का सेवन करें।
- अच्छी तरह से पकी हुई सब्जियों (Cooked vegetables) का सेवन करें।
- लीन प्रोटीन (Lean protein) का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
- जो अनाज (Grains) अच्छे से पच सके उनका सेवन करें।
- फैट फ्री (Fat-free) या लो-फैट डेयरी (Low-fat dairy) का सेवन करें।