पेट से जुड़ी कई तरह की समस्या होती है और ऐसी ही एक समस्या है शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम (Short Bowel Syndrome) की। वैसे अगर आप यह सोच रहें हैं कि आखिर यह समस्या क्या है शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम के कारण क्या हैं, तो आज इसी से जुड़ी जानकारी हम आपके साथ शेयर करेंगे।
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम क्या है?
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम के कारण क्या हैं?
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है?
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है?
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम से जुड़े कॉम्प्लिकेशन क्या हो सकते हैं?
चलिए अब शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम (Short Bowel Syndrome) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम एक हेल्थ कंडिशन है, जिसमें स्मॉल या लार्ज इंटेस्टाइन के कुछ हिस्सों को रिमूव किया जाता है या फिर ये ठीक तरह से अपना काम करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति विटामिन (Vitamin), मिनिरल (Mineral), प्रोटीन (Protein) या फैट (Fat) को अच्छी तरह से एब्सॉर्ब नहीं कर पाते हैं। शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों को समझना जरूरी है, जिससे इस सिंड्रोम की जानकारी शुरुआती दिनों में ही मिल सके।
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Short Bowel Syndrome)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम का सबसे सामान्य लक्षण है डायरिया होना। डायरिया की वजह से ही डिहाइड्रेशन (Dehydration) या मालन्यूट्रिशन (Malnutrition) की समस्या शुरू हो सकती है
और अगर इसका इलाज समय पर ना करवाया जाए, तो पेशेंट की स्थिति बिगड़ भी सकती है।
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण में डायरिया के अलावा निम्नलिखित लक्षण भी देखे या महसूस किये जा सकते हैं। जैसे:
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Short Bowel Syndrome)
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट की हेल्थ कंडिशन के बारे में पेशेंट या उनके करीबी से पूरी जानकारी लेते हैं। फिर फेमली हिस्ट्री जानने के बाद निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं-
इमेजिंग टेस्ट (Imaging tests)-एक्स-रे (X-rays), सीटी स्कैन (CT scan), एमआरआई स्कैन (MRI scan) एवं अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट रेडियोलॉजी (Upper gastrointestinal tract radiography) आवश्यकता अनुसार की जाती है।
ब्लड टेस्ट (Blood tests)-ब्लड टेस्ट की मदद से पेशेंट ब्लडस्ट्रीम में विटामिन एवं मिनिरल लेवल की जांच की जाती है। इस दौरान पेशेंट में एनीमिया (Anemia) की भी जानकारी ली जाती है।
स्टूल टेस्ट या स्टूल एनलिसिस (Fecal fat test)- स्टूल टेस्ट या स्टूल एनलिसिस (मल की जांच) भी की जा सकती है। इससे बॉडी फैट की कितनी मात्रा एब्सॉर्ब करने में सक्षम है इसकी जानकारी मिलती है।
इन अलग-अलग टेस्ट की मदद से शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम की जानकारी मिलती है और रिपोर्ट के आधार पर एवं पेशेंट की हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखते हुए शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम का इलाज शुरू किया जाता है।
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Short Bowel Syndrome)
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम से बचने के लिए अपनी लाइफ स्टाइल को हेल्दी बनाकर और हेल्दी डायट फॉलो करने के साथ-साथ डॉक्टर से कंसल्टेशन कर बचने में मदद मिल सकती है। इसलिए-
न्यूट्रिशन एवं डायट (Nutrition and diet)
कुछ लोग एकबार में ज्यादा खाना खाते हैं। हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट्स एवं अलग-अलग सर्वे के अनुसार एक बार में ज्यादा खाना ना खाकर थोड़ा-थोड़ा खाना खाने की आदत डालें। ऐसा करने से डायजेशन में मदद मिलती है।
खाना खाने के दौरान बीच-बीच में पानी का सेवन ना करें। क्योंकि ऐसा करने से डायरिया (Diarrhea) की समस्या हो सकती है।
शरीर को हमेशा हाइड्रेटेड (Hydrated) रखें। बच्चों को भी शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम की समस्या होने पर उन्हें हाइड्रेटेड रखें।
जिन खाद्य पदार्थों के सेवन डायरिया की समस्या हो या पेट अपसेट हो तो उन खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
डायरिया की समस्या होने पर केला (Bananas), चावल (Rice), ओटमील (Oatmeal) एवं टोस्ट (Toast) का सेवन करें।
विटामिन (Vitamin) और मिनिरल (Mineral) सप्लिमेंट्स का सेवन करें।
मेडिकेशन (Medication)
डायरिया या डायजेस्टिव सिस्टम की समस्या होने पर दवा प्रिस्क्राइब की जा सकती है। दवाओं को प्रिस्क्राइब करने के दौरान यह ध्यान रखा जाता है कि दवाओं के सेवन से न्यूट्रीएंट्स को एब्सॉर्ब्शन कर सके।
सर्जरी (Surgery)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। सर्जरी की सहायता से स्मॉल इंटेस्टाइन की न्यूट्रीएंट्स एब्सॉर्ब्शन की क्षमता को बढ़ता है।
इन अलग-अलग तरहों से शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम का इलाज किया जा सकता है। अगर शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम का इलाज ठीक तरह से ना किया जाए तो इससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
इन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम की समस्या हो सकती है।
शॉर्ट बॉवेल सिंड्रोम (Short Bowel Syndrome) से जुड़ी कोई भी समस्या अगर आप महसूस करते हैं, तो इसे इग्नोर ना करें। क्योंकि दवाओं के सेवन, हेल्दी डायट एवं हेल्दी लाइफ स्टाइल को फॉलो करने से बचा जा सकता है। इसलिए डायजेशन से जुड़ी समस्या होने पर समस्या को इग्नोर ना करें और डॉक्टर से सलाह लें।
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डिस्क्लेमर
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Quality of Life in Patients With Short Bowel Syndrome Treated Without and With Teduglutide – a Prospective Nested Matched Pair Analysis (MatchedQoL)/https://clinicaltrials.gov/ct2/show/NCT04733066/Accessed on 14/03/2022