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Pulse in Stomach: पेट में पल्स के कारण क्या हो सकते हैं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/03/2022

    Pulse in Stomach: पेट में पल्स के कारण क्या हो सकते हैं?

    पल्स …इस शब्द से तो हम सभी परिचित हैं, लेकिन क्या आपने पेट में पल्स महसूस (Pulse In Stomach) किया है? अगर हां, तो आपके मन में पेट में पल्स (Pulse In Stomach) से जुड़े कई सवाल भी हुए होंगे! तो आज इसी विषय पर आपसे जानकारी शेयर करेंगे और जानेंगे पेट में पल्स के कारण क्या-क्या हो सकते हैं। 

    यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया (University of Pennsylvania) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पेट में पल्स महसूस करना सामान्य हो सकता है और जो पल्स महसूस की जाती है वो एब्डॉमिनल एऑर्टा (Abdominal aorta) की है। एऑर्टा ही मुख्य आर्टरी होता है, जो ब्लड को हार्ट (Heart) से पूरे बॉडी में सप्लाई करने का काम करता है। यह हार्ट से होते हुए चेस्ट के निचले हिस्से के सेंटर और फिर एब्डॉमेन में जाता है। पेट में नाड़ी महसूस होने के इस कारण के अलावा कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिनके बारे में आगे समझने की कोशिश करें। 

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     पेट में पल्स के कारण क्या हैं? (Cause of Pulse In Stomach)

     पेट में पल्स या पेट में नाड़ी महसूस होने के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे: 

    पेट में पल्स के कारण: प्रेग्नेंसी (Pregnancy)

    पेट में पल्स (Pulse In Stomach)

    कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान पेट में पल्स महसूस करते हैं। ऐसे में महिलाओं को लगता है कि गर्भ में पल रहे शिशु के दिल धड़कन महसूस हो रही है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। यह पल्स एब्डॉमिनल एऑर्टा (Abdominal aorta) का होता है। अब जरा इसके पीछे की साइंस को समझते हैं। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) अपने आप बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में हार्ट से प्रति बीट ज्यादा ब्लड पंप होते हैं, जो एब्डॉमिनल एऑर्टा (Abdominal aorta) में होने वाली गतिविधि को आसानी से महसूस करने में मददगार होते हैं।  

    पेट में पल्स के कारण: खाना खाने के बाद (After Eating)

    पेट में पल्स (Pulse In Stomach)

    पेट में पल्स महसूस करने के पीछे खाना खाने को भी बताया गया है। जीवन जीने के लिए खाना खाना तो आवश्यक है, लेकिन पेट में पल्स महसूस करने के पीछे खाने से जुड़े साइंस के बारे में समझते हैं। जब हम खाना खाते हैं, तो इस दौरान फूड को डायजेस्ट होने और न्यूट्रिएंट्स (Nutrients) और एनर्जी (Energy) को एब्सॉर्ब करने के लिए सामान्य से ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता पड़ती है। इस दौरान पेट और इंटेस्टाइन से होते हुए एऑर्टा में ज्यादा ब्लड पंप होता है। इसलिए अगर आप खाने के बाद पेट में पल्स (Pulse in Stomach) महसूस करते हैं, तो इसका कारण एब्डॉमिनल एऑर्टा में ज्यादा ब्लड पंप होना है।        

    पेट में पल्स के कारण: लेटने के दौरान (Laying down)

    पेट में पल्स (Pulse In Stomach)

    कभी-कभी लेटने के दौरान भी पेट में पल्स महसूस किया जा सकता है। हालांकि ऐसा जब आप घुटने को ऊपर की ओर उठाएंगे तो! अब इसके पीछे भी यही माना जाता है कि पैर या घुटने को ऊपर की ओर उठाने की वजह से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे पेट में पल्स या पेट में नाड़ी महसूस की जा सकती है। वहीं अगर जिन लोगों में पेट के आसपास चर्बी नहीं होती है, तो अपने पेट को देखकर भी अंदाजा लगा सकते हैं कि पेट में पल्स चल रहा है और जैसे ही आप खड़े हो जाएंगे वैसे ही पेट के पल्स को महसूस नहीं कर सकते हैं। इन स्थितियों में परेशान होने की जरूरत नहीं होती है और इन सबका कारण बढ़ा हुआ ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) ही होता है।    

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हेल्दी बॉडी मास इंडेक्स (Healthy Body Mass Index [BMI]) वाली लोगों में पेट में पल्स महसूस करना  सामान्य है। 

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    अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार पेट में पल्स महसूस करने के पीछे कुछ अन्य कारणों को भी बताया गया है। जैसे: 

  • हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) की समस्या होना। 
  • हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या होना। 
  • स्मोकिंग (Smoking) करना। 
  • 65 या इससे ज्यादा उम्र (Age of 65 years) होना। 
  • एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) की समस्या होना। 
  • आर्टरीज में सूजन (Inflamed arteries) आना। 
  • एम्फसीमा (Emphysema) की समस्या होना। 
  • मार्फन सिंड्रोम (Marfan syndrome) की समस्या होना। 
  • एहलर्स-डानलोस सिंड्रोम (Ehlers-Danlos syndrome) की समस्या होना। 
  • इन स्थितियों में भी पेट में नाड़ी महसूस की जा सकती है। इसलिए हेल्दी हैबिट्स (Healthy Habits) फॉलो करें, क्योंकि बढ़ती उम्र को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन हेल्दी हैबिट्स (Healthy habits) से कई गंभीर बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है।    

    सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुषों में स्मोकिंग करने की वजह से या पहले स्मोकिंग करने के कारण पेट में नाड़ी की समस्या हो सकती है। रिपोर्ट में इस बात की भी चर्चा की गई है कि पेट में पल्स के लक्षण महसूस नहीं भी किये जा सकते हैं, लेकिन इसकी जानकारी एब्डॉमिनल अल्ट्रासाउंड स्क्रीनिंग (Abdominal Ultrasound Screening) के दौरान इसकी जानकारी मिल सकती है।   

    वहीं नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 10 में से 1 व्यक्ति को एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म (Abdominal aortic aneurysm) फेमली हिस्ट्री की वजह से भी हो सकती है। 

    पेट में पल्स की समस्या सामान्य है, लेकिन अनहेल्दी हैबिट्स जैसे स्मोकिंग की वजह से एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म (Abdominal aortic aneurysms) की समस्या हो सकती है। इसलिए एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। 

    एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के लक्षण (Symptoms of Abdominal aortic aneurysms)

    • एब्डॉमिन (Abdomen) या पीठ (Back) में दर्द महसूस होना। 
    • हिप्स (Hips) या पैरों (Leg) तक दर्द महसूस होना। 
    • हार्ट रेट (Heart Rate) समस्या से ज्यादा तेज होना। 
    • ब्लड प्रेशर कम (Low Blood Pressure) होना। 
    • सांस लेने में परेशानी महसूस (Difficulty breathing) होना। 
    • बेहोश (Fainting) होना। 
    • जी मिचलाने (Nausea) की समस्या होना।  
    • उल्टी (Vomiting) होना। 
    • अत्यधिक पसीना (Sweaty) आना। 
    • बार-बार चक्कर (Dizziness) आना। 
    • शरीर के एक हिस्से में अचानक कमजोरी (Weakness) महसूस होना। 

    एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। 

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    एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Abdominal aortic aneurysms)

    एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के निदान के लिए डॉक्टर पेशेंट की पहले मेडिकल हिस्ट्री और बीमारी के लक्षणों की जानकारी लेते हैं और फिर निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। जैसे:

    • एब्डॉमिनल अल्ट्रासाउंड (Abdominal ultrasound)- एन्यूरिज्म (Aneurysms) के साइज की जानकारी के लिए एब्डॉमिनल अल्ट्रासाउंड की मदद ली जा सकती है। 
    • डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler ultrasound)- आर्टरीज एवं वेन में हो रहे ब्लड फ्लो (Blood Flow) से जुड़ी जानकारी के लिए डॉप्लर अल्ट्रासाउंड की जाती है। 
    • एब्डॉमिनल एवं पेल्विक सीटी स्कैन (Abdominal and pelvic CT scan)- इस टेस्ट के दौरान टिशू के अंदरूनी हिस्से की जानकारी मिलती है। 
    • एंजियोग्राफी (Angiography)- ब्लड वेसल्स से जुड़ी जानकारी के लिए एक्स-रे (X-ray), सीटी स्कैन (CT Scan) या एमआरआई (MRI) की जा सकती है। 

    इन अलग-अलग टेस्ट रिपोर्ट्स को ध्यान में रखकर एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म (Abdominal aortic aneurysms) का इलाज किया जाता है। 

    एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Abdominal aortic aneurysms)

    एब्डॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के इलाज के लिए 6 से 12 महीने के बीच में अल्ट्रासाउंड (Ultrasounds) या सीटी स्कैन (CT scans) की जाती है। इसके अलावा अगर पेशेंट में हाय ब्लड प्रेशर की समस्या है या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर आवश्यक मेडिसिन प्रिस्क्राइब करते हैं। वहीं अगर पेशेंट को स्मोकिंग (Smoking) की लत है, तो इसे जल्द से जल्द छोड़ने की सलाह दी जाती है।    

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार अगर 5 cm डायमीटर से ज्यादा एन्यूरिज्म (Aneurysms) का आकर बढ़ चूका है और यह तेजी से फैलने लगता है, तो ऐसी स्थिति में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।   

    शरीर में कोई भी परेशानी महसूस होने पर इसे इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर को कंसल्ट करें।

    स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। यहां हम आपके साथ योग महत्वपूर्ण जानकारी शेयर कर रहें हैं, जिसकी मदद से आप अपने दिनचर्या में योग को शामिल कर सकते हैं। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।

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