क्या मेरे पेट का आकार (Stomach size) बड़ा या छोटा हो सकता है?
हां बिल्कुल, न सिर्फ विकसित होती उम्र के साथ, बल्कि हमारे द्वारा खाए गए भोजन व उसकी मात्रा के आधार पर भी हमारे पेट का आकार बड़ा व छोटा हो सकता है। आसान शब्दों में बताए, तो जब हम भोजन करना शुरू करते हैं, तो हमारे पेट का आकार अपने आप ही भोजन की मात्रा के अनुसार बढ़ने लग जाता है, ताकि पेट में भोजन स्टोर हो सके। इसके बाद जब हम खाना बंद करते हैं, तो कुछ समय बाद पेट खाना पचाने वाले एंजाइम व एडिस का उत्पादन करना शुरू देता है।
इस दौरान पेट धीरे-धीरे सिकुड़ने लगता है और भोजन पचने के बाद वापस से सिकुड़कर अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है।
कई बार इसका अनुभव भी किया जा सकता है कि अधिक खाने के बाद हमें असुविधा होने लगती है। यह पेट के बढ़े हुए आकार की वजह से हो सकता है। क्योंकि अधिक भोजन करने पर पेट का सामान्य से अधिक मात्रा में फैल सकता है, जिससे हमें असुविधा हो सकती है।
हालांकि, अगर पेट स्वस्थ है, तो वह कुछ ही समय में भोजन को पचा सकता है और वापस से अपने सामान्य आकार में आ सकता है। वहीं, अगर पेट से जुड़ी कोई समस्या है, तो भोजन पचाने में देरी भी हो सकती है और पेट का आकार सामान्य होने में भी अधिक समय लग सकता है।
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कैसे पता करें कि पेट भरा हुआ है या नहीं?
बच्चों के साथ ही बड़े लोगों के साथ ही इसकी समस्या देखी जा सकती है कि उन्हें अपने भरे हुए पेट का अनुभव नहीं हो पाता है। इस वजह से अक्सर वे अपने पेट के आकार की क्षमता से अधिक भोजन खा लेते हैं और पेट फूलने, एसिडिटी (Acidity) व भारी पन महसूस करने लगते हैं।
बता दें कि जब भी भोजन करते हुए हमारा पेट पूरी तरह से भर जाता है, तो वह नसों के जरिए मस्तिष्क को इसका संकेत भेजती हैं और भोजन पचाने के कार्य को शुरू करती है। इससे मन में खाना खाने की इच्छा बंद हो सकती है और हमें पेट भर जाने का अनुभव हो सकता है। कुछ मामलों में पेट से मस्तिष्क (Brain) तक यह संदेश पहुंचने में 20 मिनट तक का भी समय लग सकता है।