गर्भावस्था के नौवें सप्ताह के बाद अमूमन बच्चे किक मारना शुरू करते हैं। जो महिलाएं दूसरी बार मां बनने वाली होती हैं उनमें गर्भावस्था के 13वें सप्ताह में शिशु किक मारना शुरू कर देते हैं। 36वें हफ्ते के बाद बच्चे का किक मारना धीरे-धीरे कम होता जाता है। गर्भावस्था के 36वें हफ्ते के बाद गर्भ में शिशु का आकार बढ़ जाता है। जिसकी वजह से वह गर्भ में ज्यादा मूवमेंट नहीं कर पाता है। जिसके कारण बच्चे की किकिंग कम हो जाती है।
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बच्चे का किक मारना: इन तथ्यों के बारे में भी जानें
जब बच्चा गर्भ में किक मारता है तो वह अपने किक से निम्नलिखित संकेत मां या डॉक्टर को दे रहा होता है।
आहार पर प्रतिक्रिया
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि गर्भ में पल रहा शिशु मां की बाहरी दुनिया में हो रही गतिविधियों पर किक मारकर प्रतिक्रिया देता है। मसलन मां क्या खा रही हैं?
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला जो भी आहार लेती हैं, उसका स्वाद शिशु मां के शरीर में पाए जाने वाले एम्नियोटिक लिक्विड की मदद से पहचानने लगता है। जिस कारण मां द्वारा लिए जा रहे आहार के पसंद या नापसंद आने पर शिशु प्रतिक्रिया देता है। अपनी प्रतिक्रिया में शिशु कभी हाथ तो कभी पैर मां के गर्भ की बाहरी दीवारों पर मारता है।
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