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प्रेग्नेंसी में सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग क्या हो सकती है खतरनाक?
सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग (Subchorionic Bleeding) लम्बे समय के लिए हार्मफुल नहीं होता है। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के बाद ही बता सकते हैं कि क्या करना चाहिए। जरूरी नहीं सभी सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग से नुकसान पहुंचे, कुछ केसेज में ये खतरनाक भी साबित हो सकती है। अगर समय पर इस समस्या का निदान हो जाए, तो खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। समय पर ट्रीटमेंट मां और बच्चे दोनों को खतरे से बचा सकता है।
प्रेग्नेंसी में सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग का उपचार है जरूरी!
अगर डॉक्टर वजायनल ब्लीडिंग को सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग (Subchorionic Bleeding) के तौर पर डायग्नोज करते हैं, तो ऐसे में समय पर ट्रीटमेंट हो जाना बहुत जरूरी होता है। विकल्प के तौर पर प्रोजेस्टेरॉन या डाइड्रोजेस्टेरोन को अपनाया जा सकता है। अगर हीमाटोमस ( hematomas) बड़े हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे में आपको अधिक रेस्ट करना चाहिए और साथ ही लंबे समय तक खड़े होने से बचना चाहिए। साथ ही ऐसे में सेक्स करने से भी बचना चाहिए। आपको ऐसी सिचुएशन में एक्सरसाइज (Excercise) करने से भी बचना चाहिए। कुछ बातों का ध्यान रख आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं और स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे सकते हैं।
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अगर आपमें 20 सप्ताह की गर्भवती होने के बाद सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग (Subchorionic Bleeding) होना शुरू होता है, तो ऐसे में डॉक्टर आपको अर्ली लेबर के बारे में जानकारी देना शुरू कर देते हैं, साथ ही उन लक्षणों के बारे में भी बता सकते हैं, तो आपको प्रेग्नेंसी के दौरान महसूस हो सकते हैं। यदि आप Rh-negative हैं और आपका शिशु Rh-पॉजिटिव (Rh-Positive) है,तो आपके बच्चे की सही से विकास की जांच के लिए महीने में एक बार सोनोग्राम कराने की सलाह दी जा सकती है। अगर ब्लीडिंग की समस्या 24 सप्ताह के बाद शुरू होती है, तो प्रीटर्म लेबर ट्रीटमेंट की शुरुआत की जा सकती है। यानी डॉक्टर महिला के लक्षणों के आधार पर ही उसका ट्रीटमेंट करते हैं।
प्रेग्नेंसी में सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग (Subchorionic Bleeding During Pregnancy) ज्यादातर मामलों में होने वाले बच्चे को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है। छोटे और मध्यम हेमटॉमस अक्सर अपने आप चले जाते हैं। बड़े हेमटॉमस से समस्या होने की संभावना अधिक रहती है। आपको डॉक्टर से प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली ब्लीडिंग के कारणों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। आपकी जरा सी सावधानी प्रेग्नेंसी के दौरान आने वाली समस्याओं को दूर कर सकती है।
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इस आर्टिकल में हमने आपको प्रेग्नेंसी में सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग (Subchorionic Bleeding During Pregnancy) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।