लड़कियों और महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव के कारण हर महीने पीरियड होते हैं। पीरियड का मतलब है कि लड़किया या महिलाएं रिप्रोडक्शन कर सकती हैं। ओव्युलेशन के बाद पीरियड शुरू होते हैं। एक बार स्पर्म से फर्टिलाइजेशन हो जाने के बाद प्रेग्नेंसी शुरू हो जाती है। प्रेग्नेंसी में सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग (Subchorionic Bleeding During Pregnancy) के बारे में जानकारी होना जरूरी है। प्रेग्नेंसी के बाद पीरियड्स नहीं होते हैं। करीब 25 परसेंट महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी के बाद स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। प्रेग्नेंसी के बाद ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हमेशा खतरनाक हो, यह जरूरी नहीं है। लेकिन कुछ मामलों में यह खतरनाक भी साबित हो सकती है। इसे मिसकैरेज का संकेत माना जा सकता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको प्रेग्नेंसी में सबकॉरिऑनिक ब्लीडिंग (Subchorionic Bleeding During Pregnancy) के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही ये भी बताएंगे कि ये महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकती है या फिर नहीं।