बच्चे के जन्म के आने की खुशी केवल माता-पिता को नहीं होती है बल्कि पूरे परिवार को होती है। जब महिला प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने चल रही होती हैं, तो पूरे परिवार की भगवान से यही प्रार्थना होती है कि मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहें और एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हो। प्रेग्नेंसी के सातवें से आठवें महीने के दौरान बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए और लिए भगवान से प्रार्थना की जाती है और इसी के लिए एक रस्म भी निभाई जाती है, जिसे गोदभराई के नाम से जाना जाता है। वैसे तो अलग अलग धर्मों में यह अलग अलग नाम से निभाई जाती है लेकिन इसका एक ही मकसद होता है ” मां और बच्चे का अच्छा स्वास्थ”। आज के समय में इसे बेबी शावर के नाम से सेलिब्रेट किया जाता है। बेबी शावर के दौरान डेकोरेशन कैसे करनी है, यह पेरेंट्स की बड़ी जिम्मेदारी हो सकती है। इस दौरान यह सोचना कि आखिरकार ‘बेबी शावर थीम’ (Baby Shower Themes) क्या रखी जाए, यह बहुत अहम होता है। आपके मन में भी बेबी शावर थीम (Baby Shower Themes) को लेकर सवाल हो। आपके सवालों का जवाब देने के लिए हम यहां आपको बेबी शावर थीम (Baby Shower Themes) के बारे में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में अधिक जानकारी।