फर्टिलिटी… इस बारे में ज्यादातर लोग तभी समझना चाहते हैं जब इससे जुड़ी परेशानी यानी बेबी प्लानिंग करने में समस्या होना या चाहते हुए भी कंसीव नहीं कर पाना। ऐसी स्थिति खासकर उन कपल के लिए निराशा भरी होती है, जो अपनी फेमली को आगे बढ़ाना चाहते हैं। हालांकि बढ़ती तकनीक एवं मेडिकल साइंस अपनी ओर से हर शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को दूर करने का विकल्प तलाश रही है। इसलिए फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन (hCG injection for fertility) एक बेहतर विकल्प है इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने का।
आज इस आर्टिकल में hCG इंजेक्शन (hCG injection), फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन (hCG injection for fertility) से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियों को शेयर करेंगे। क्योंकि द इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन (The Indian Society of Assisted Reproduction) में पब्लिश्ड साल 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत के कुल आवादी में तकरीबन 10 से 14 प्रतिशत पॉप्युलेशन इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान हैं। भारत के शहरी क्षेत्र के लोगों हर 6 कपल में से 1 कपल इनफर्टिलिटी की समस्या से पीड़ित हैं। वहीं रिपोर्ट के अनुसार 27.5 मिलियन कपल्स कंसीव करना चाहते तो हैं, लेकिन इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं के कारण उन्हें कंसीव करने में परेशानी आ रही है। अब ऐसी स्थिति में फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन कैसे आपकी फेमली प्लानिंग को रियल बना सकती है यह समझेंगे।
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hCG क्या है?
hCG को ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रापिन (Human Chorionic Gonadotropin) भी कहते हैं। hCG हॉर्मोन एक तरह का ग्लाइकोप्रोटीन है, जो शुगर और प्रोटीन दोनों से मिलकर बनता है। अब यह सेल्स की रिसेप्टर्स को एकसाथ बांधें रखने में मददगार होता है और जब ये सेल्स आपस में बंध जाती है, सेल मेम्ब्रेन (Cell membrane) के बाद स्थित अन्य सेल्स को संकेत भेजती है। hCG हॉर्मोन हर महिलाओं में हमेशा नहीं बनता है। इसका निर्माण कंसीव यानी गर्भधारण के बाद ही होता है। अब अगर इसे और आसान शब्दों में समझें तो जब इमेच्योर फीटस सेल्स टिशू से अलग होने लगते हैं, तो प्लासेंटा के टिशू hCG का निर्माण शुरू कर देते हैं। ये तो बात हुई एचसीजी (hCG) की, चलिए फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन के बारे में समझने की कोशिश करते हैं।
फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन (hCG injection for fertility)
फीमेल फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन (hCG injection for Female fertility)
इनफर्टिलिटी के इलाज के लिया hCG इंजेक्शन फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) द्वारा प्रमाणित है। इसलिए जिन महिलाओं को कंसीव करने में परेशानी होती है, तो उनके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर एचसीजी इंजेक्शन (hCG injection) प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। hCG इंजेक्शन के साथ-साथ मेंटोरपिंस (Menotropins) एवं यूरोफोलिट्रोपिन (Urofollitropin) भी प्रिस्क्राइब की जाती है। इन दवाओं से फर्टिलिटी को बूस्ट करने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एचसीजी ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (Luteinizing hormone [LH]) की तरह कार्य कर सकता है, जो पिट्यूटरी ग्लैंड से निकलने वाला एक तरह का केमिकल है, जो ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को आसान बनाता है।
कुछ महिलाओं में इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्या ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन की वजह से भी होती है। ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन ओव्यूलेशन को बढ़ावा देता है, जो गर्भधारण के लिए आवश्यक होता है। वहीं अगर कंसीव करने के लिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In vitro fertilization [IVF]) का ऑप्शन चुना जाता है, तो ऐसी स्थिति में भी hCG इंजेक्शन
प्रिस्क्राइब की जाती है, जिससे प्रेग्नेंसी की संभावना और ज्यादा बढ़ सके। डॉक्टर फीमेल फर्टिलिटी के लिए एचसीजी इंजेक्शन (hCG injection) के 5,000 से 10,000 यूनिट डोज प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। hCG इंजेक्शन इंट्रामस्क्युलर या नॉर्मल इंजेक्शन की तरह त्वचा पर भी इंजेक्ट की जा सकती है।
नोट: hCG इंजेक्शन की मदद से कंसीव करना आसान हो सकता है, लेकिन प्रग्नेंसी के दौरान hCG इंजेक्शन गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए या पहले कन्फर्म होना चाहिए कि वो गर्भवती हैं या नहीं हैं और फिर hCG इंजेक्शन लेना चाहिए। प्रेग्नेंसी की जानकारी अपने डॉक्टर को भी जरूर दें। अगर डॉक्टर ने एचसीजी इंजेक्शन (hCG injection) की डोज प्रिस्क्राइब की है, तो डोज से ज्यादा इंजेक्शन ना लें।
hCG इंजेक्शन के बारे और भी कई महत्वपूर्ण बातों को समझेंगे, लेकिन उससे पहले मेल फर्टिलिटी के लिए एचसीजी इंजेक्शन (hCG इंजेक्शन) के बारे में क्या समझना जरूरी है, इसे जान लेते हैं।
मेल फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन (hCG injection for Male fertility)
पुरुषों में हाइपोगोनेडिज्म (Hypogonadism) के इलाज के लिए hCG इंजेक्शन दी जा सकती है। दरअसल हाइपोगोनेडिज्म के कारण पुरुषों में मेल सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन (Male sex hormone testosterone) के निर्माण में समस्या आती है। इसलिए hCG इंजेक्शन टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करने में मददगार होता है, जिससे स्पर्म के प्रॉडक्टशन में भी मदद मिल सकती है। अगर पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो तो यह लो फर्टिलिटी की इशारा करता है और ऐसी स्थिति में भी महिला को कंसीव करने में समस्या हो सकती है। पुरुषों के लिए hCG इंजेक्शन के 1,000 to 4,000 यूनिट प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
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फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए hCG इंजेक्शन से जुड़ी खास बातें-
- hCG इंजेक्शन लिक्विड एवं पाउडर दोनों फॉर्म में उपलब्ध होते हैं।
- अगर hCG इंजेक्शन की लिक्विड डोज दी जाती है, तो इसे लेने से पहले तीन घंटे तक फ्रीज में स्टोर किया जाता है।
- hCG इंजेक्शन की अगर पाउडर डोज इंजेक्ट की जाती है, तो इसे स्टेराइल वॉटर sterile water में अच्छी तरह से मिक्स किया जाता है।
- hCG इंजेक्शन के पाउडर को रूम टेम्प्रेचर पर स्टोर किया जा सकता है।
ये हैं hCG इंजेक्शन से जुड़ी आवश्यक जानकारी। वैसे अगर आप हॉस्पिटल में hCG इंजेक्शन लेने जा रहें हैं, तो डॉक्टर द्वारा यह शेड्यूल होता है और इंजेक्शन की स्टोर करने की प्रक्रिया उनकी होती है। इसलिए बेहतर होगा कि अस्पताल में ही जा कर hCG इंजेक्शन लें। hCG इंजेक्शन की पहली डोज डॉक्टर द्वारा दी जाती है और फिर इसे घर पर खुद से लेने के तरीकों को भी समझाया जाता है। इसलिए यह आपके ऊपर निर्भर होता है कि इंजेक्शन आप खुद से लेना चाहेंगे या क्लिनिक पर जा कर लेना आपके लिए बेहतर होगा।
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फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन शरीर के कौन-कौन से हिस्से पर लिया जा सकता है? (Best places to inject hCG)
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए hCG इंजेक्शन निम्नलिखित शारीरिक हिस्सों पर लिया जा सकता है। जैसे:
- पेट के निचले हिस्से (Lower abdomen) पर।
- थाइ के किनारे या सामने के हिस्से (Front or outer thigh) पर।
- अपर आर्म (Upper arm) पर।
- आउटर आर्म (Outer arm) पर।
- त्वचा के नीचे (Intramuscular sites) ।
- नितंब के ऊपरी हिस्से (Upper outer buttocks) पर।
शरीर के इन ऊपर बताये गए हिस्सों पर फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन ली जा सकती है।
फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन कैसे लें? (How to inject hCG injection)
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए hCG इंजेक्शन लेने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो किये जाने चाहिए-
स्टेप 1: इंजेक्शन से जुड़े आवश्यक चीजों को एकसाथ रखें, जैसे एल्कोहॉल वाइप्स, सुई, बैंडेज, एचसीजी लिक्विड या पाउडर, नीडल, सिरिंज जैसे सामानों को एकसाथ रखें।
स्टेप 2: सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन लेने से पहले साबुन या गर्म पानी से हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। अब हाथों को सूखे हुए टॉवेल से सुखा लें या पोछ लें।
स्टेप 3: अब सीरिंज में ड्रग की लें और ध्यान रखें कि इसमें एयर बबल ना बने।
स्टेप 4: अब शरीर के जिस हिस्से पर आपको इंजेक्शन लेना है वहां एक से डेढ़ इंच तक त्वचा को होल्ड करें।
स्टेप 5: अब इंजेक्शन इंजेक्ट करें और धीरे-धीरे प्रेस करने जिससे दवा शरीर के अंदर प्रवेश कर जाए।
स्टेप 6: जैसे ही सिरिंज की पूरी दवा बॉडी में चली जाए तो इंजेक्शन को बाहर निकालें और इस एरिया को हाथों या किसी अन्य चीजों से दबाये या सहलाएं नहीं।
स्टेप 7: अब सुई को डिस्पोज कर दें।
इन सात स्टेप्स को फॉलो कर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए hCG इंजेक्शन लेना चाहिए।
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फर्टिलिटी के लिए hCG इंजेक्शन, लेकिन किन-किन लोगों को इंजेक्शन नहीं लेना चाहिए? (Avoid hCG Injection if-)
hCG इंजेक्शन (एचसीजी इंजेक्शन) निम्नलिखित स्थितियों में लेने की सलाह नहीं की जाती है। जैसे:
- अस्थमा (Asthma)
- कैंसर (Cancer) खासकर ब्रेस्ट (Breast), ओवरी (Ovaries), यूट्रस (Uterus), प्रोस्टेट (Prostate), हाइपोथैलेसिमिया (Hypothalamus) या पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary gland)
- एपिलेप्सी (Epilepsy)
- एचसीजी एलर्जी (hCG allergy)
- हार्ट डिजीज (Heart disease)
- हॉर्मोन-रिलेटेड कंडिशन (Hormone-related conditions)
- किडनी डिजीज (Kidney disease)
- माइग्रेन (Migraines)
- अर्ली पियूबर्टी (Early puberty)
- यूटेराइन ब्लीडिंग (Uterine bleeding)
इन ऊपर बताई गई स्थितियों में एचसीजी इंजेक्शन नहीं लेने की सलाह दी जाती है। इसलिए डॉक्टर से कंसल्टेशन के दौरान अगर आप ऊपर बताई गई किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को अवश्य दें।
आईवीएफ (IVF), आईयूआई (IUI) या अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए hCG इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा सकता है। शायद hCG इंजेक्शन के पहले डोज तक आपको परेशानी महसूस हो सकती है, लेकिन दवाओं की मदद से शरीर में पैदा हुई तकलीफों को दूर करने में मदद भी मिल सकती है। इसलिए खुश रहें और खुश होकर hCG इंजेक्शन लें। कभी-कभी दुखी रहना या तनाव में रहना भी शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को बढ़ाने का काम करती है। इसलिए इनसे दूर रहें। इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर द्वारा दी गई एडवाइस को ठीक तरह से फॉलो करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला अपना ख्याल तो रखती हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के बाद भी गर्भवती महिला को अपने विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और एक्पर्ट से जानें न्यू मदर के लिए खास टिप्स यहां।
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