प्रेग्नेंसी (Pregnancy) का समय और उसके बाद का पीरियड महिलाओं के लिए यादगार रहता है, लेकिन अक्सर डिलिवरी के बाद उन्हें पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) का सामना करना पड़ता है। भले ही वे कितनी ही तैयारियां कर लें, कितने ही लोग उन्हें टिप्स दे चुके हों, लेकिन जब तक वे इस फेज में नहीं पहुंचती तब तक इस समय से कैसे निपटना चाहिए उनको नहीं पता होता है। कई माएं तो इस समय पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum depression) का भी शिकार हो जाती हैं। पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) का कारण बच्चे की केयर में बहुत सारा समय लग जाना है, जिसकी वजह आपके पास खुद की केयर करने का टाइम ही नहीं बचता।
पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle)
पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल में सबसे बड़ा स्ट्रगल होता है नींद पूरी ना होने का। जन्म के कुछ दिनों तक अक्सर बच्चे रात में जागते हैं और दिन में सोते हैं। ऐसे में मां को भी उनके साथ जागना पड़ता है। इसलिए महिलाओं की नींद पूरी नहीं हो पातीं। कई महिलाएं तो 4-5 घंटे ही सो पाती। जिससे सारा दिन थकान के साथ गुजरता है।
जबलपुर में रहने वाली विनीता श्रीवास्तव कहती हैं कि बेबी के बर्थ (Baby birth) के तीन महीने मेरे लिए काफी मुश्लिक थे। उस समय मैंने जाना कि कई महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार क्यों होती है। मेरी डिलिवरी तो मेरे मायके में हुई थी तो केयर करने के लिए काफी लोग थे, लेकिन फिर भी मेरी नींद पूरी नहीं हो पाती थी। मेरा बेटा हर रात को 1-3 बजे के बीच में जागता था। कभी रोता था तो कभी खेलता था। ब्रेस्टफीड भी करता था। ऐसे में रात को सोना मेरे लिए मुश्किल हो गया था। जिसकी वजह से दिन भर सिर में दर्द और नींद आती रहती थी। मुझे काफी चिड़चिड़ाहट होने लगी थी उस समय।
मेरे पास तो केयर करने के लिए काफी लोग थे फिर भी मेरी ये हालत थी तो जो कपल्स अकेले रहते थे। उनमें महिलाओं में पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) से काफी जूझना पड़ता है।
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टॉयलेट भी जाना हो सकता है मुश्किल
पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) में सिर्फ नींद की कमी ही शामिल नहीं है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आपको टॉयलेट जाना भी मुश्किल लगने लगे। जब आप अकेली होती हैं तो कई बार इस डर से टॉयलेट नहीं जा पाती कि कहीं बेबी गिर ना जाए या उसे किसी प्रकार की चोट ना पहुंचे। और कई बार टॉयलेट जाते ही बेबी के रोने की आवाज आने लगती है। शायद उसे भूख लगी हो, या शायद उसने नैपी गीली कर दी हो या कोई और बात ना हो गई ऐसी बात मन में आने लगती है। ऐसे में मां के लिए यह समय स्ट्रगलिंग हो जाता है। इसके साथ ही अन्य शारीरिक समस्याएं जैसे कि वजन को कंट्रोल (Weight control) ना कर पाना, फ्रीक्वेंट यूरिनेशन (Frequent urination) जैसी चीजें परेशानी को और बढ़ा देती हैं।
मुंबई निवासी साधना अवस्थी बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान मेरा वजन काफी बढ़ गया था, लेकिन बेटी के जन्म के बाद मुझे वजन कम करने के लिए डायट या एक्सरसाइज के लिए टाइम ही नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में बहुत मुश्किल होती थी और गुस्सा भी आता था, लेकिन आपके पास कोई ऑप्शन नहीं होता। शुरुआत के कुछ महीनों या कहूं कि 1 साल तक पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) का सामना करना ही पड़ता है। इसके साथ ही मेरा हेयर फॉल (Hair fall)भी बहुत होने लगा था। मेरे पास इतना समय ही नहीं रहता था कि मैं बालों की केयर कर सकूं।
पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल से निपटने के टिप्स (Tips to deal with the postpartum self care struggle)
पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) परमानेंट नहीं है। यह कुछ दिनों की ही बात है। इसके बाद आप महसूस करेगी कि बेबी को आपको इतना समय देने की जरूरत नहीं है जितनी शुरुआत में थी और आपको सेल्फ केयर (Self care) के लिए भी टाइम मिलने लगेगा। इसके अलावा हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनको फॉलो करके भी आप पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगलर से बच सकती हैं और अपने लिए थोड़ा समय निकाल सकती हैं।
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1.बाउंड्रीज सेट करें (Set boundaries)
जब आपकी नींद पूरी नहीं हो पा रही हैं या आप बच्चे की देखभाल में पूरी तरह से थक चुकी हैं तो ऐसे में दोस्तों के साथ पार्टी या डिनर होस्ट करने के प्लान को टालें। गैर जरूरी फोन कॉल्स को भी आप थोड़े दिनों के लिए अवॉइड कर सकती हैं। अगर घर पर दोस्त आएं है तो वे काफी देर रात तक रुके हुए हैं तो आप उनसे कह सकती हैं कि आप दिनभर बहुत थक जाती हैं और अब आपको आराम की जरूरत है। ये कुछ आसान से उदाहरण हैं जो बाउंड्रीज सेट करने में आपकी मदद कर सकते हैं आप आप कुद के लिए थोड़ा समय निकालकर पोस्टपार्टम सेल्फ केयर के स्ट्रगल को थोड़ा कम कर सकती हैं।
2.मदद मांगने में हिचकिचाएं नहीं (Don’t hesitate to ask for help)
नवजात शिशु की मां को बहुत सारे कार्यों के लिए मदद या असिस्टेंस की जरूरत होती है। जिसमें आपके नहाते वक्त या टॉयलेट जाने के समय बच्चे को संभालना, सामान को बाहर से लाना, एक झपकी लेते वक्त शिशु को देखना आदि आपको डर ना रहें कि बच्चा थोड़ी देर में जाग सकता है और उसे आपकी जरूरत होगी। इसलिए ऐसे समय में मदद मांगने से हिचकिचाएं नहीं। दोस्तों, पड़ोसियों अपने परिवार के सदस्यों से जिनसे आप मदद मांग सकती हैं मदद लें। इसका मतलब यह बिलकुल नहीं होगा कि आप एक अच्छी पेरेंट नहीं है।
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3.सबकुछ मैनेज करने की कोशिश ना करें (don’t try to manage everything)
नयी मां बच्चे की देखभाल में इतना थक जाती हैं कि वे दूसरों कामों को करने के लिए समय नहीं निकाल पाती, लेकिन वे फिर भी घर के सभी कामों को पहले तरह मैनेज करने की कोशिश करती हैं। जैसे कि लंच और डिनर प्रिपेयर करना, कपड़े धोना और घर की साफ-सफाई करना। ऐसे में पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) और भी बढ़ जाता है। क्योंकि आपके पास खुद के लिए जरा भी टाइम नहीं बचता। ऐसा ना करें। कभी-कभी बाहर से खाना ऑर्डर कर लें, या हस्बेंड या किसी अन्य फैमिली मेंबर से खाना बनाने के लिए कहें और बच्चे हुए टाइम को अपनी देखभाल में लगाएं। या अपने पसंद की कोई फिल्म या टीवी शो देख लें। आपको बहुत अच्छा फील होगा।
4.न्यूट्रिशन को नजरअंदाज ना करें (Don’t Ignore Nutrition)
पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल में यह भी एक बड़ा स्ट्रगल के लिए महिलाएं अपने खानपान पर उतना ध्यान नहीं देती जितना प्रेग्नेंसी के दौरान देती थी। जबकि एक ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) कराने वाली महिला को अधिक कैलोरी (Calorie) की जरूरत होती है। इसलिए बच्चे की देखभाल के साथ ही अपनी डायट का भी ध्यान रखें। जिससे आपको बेहतर एनर्जी मिलेगी और आपके काम आसान हो सकेंगे। इसके लिए ऐसी चीजों को रखें जो जल्दी बन जाती हों और न्यूट्रिशन (Nutrition) से भरपूर हो। रेडी टू ईट हेल्दी आइटम्स जैसे उपमा, इडली, पोहा जैसी चीजें आप अपने पास रख सकती हैं। साथ ही मील्स को इसे प्रिपेयर करें कि वह सादा और जल्दी तैयार हो सके।
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5.खुद से बहुत ज्यादा एक्सपेक्ट ना करें (Don’t Expect Too Much Of Yourself)
आप अभी नई मां है। आपसे बच्चे की देखभाल में कुछ गलतियां भी हो सकती हैं। धीरे-धीरे आप बच्चे की प्रॉपर देखभाल करना सीखेंगे। इसलिए खुद से बहुत ज्यादा एक्पेक्ट ना करें और अगर कोई गलती हो जाती है तो खुद को उसके लिए माफ कर दें। कोई भी हमेशा से पेरेंटिंग में परफेक्ट नहीं होता। बेबी से बॉन्डिंग भी धीरे-धीरे बनती है। इसलिए खुद को समय दें। पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) में इस प्रकार इमोशन स्ट्रगल भी शामिल होता है। जिसको हैंडल करना बेहद जरूरी होता है।
उम्मीद करते हैं कि पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) क्या है और इससे कैसे निपटना है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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