पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) में सिर्फ नींद की कमी ही शामिल नहीं है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आपको टॉयलेट जाना भी मुश्किल लगने लगे। जब आप अकेली होती हैं तो कई बार इस डर से टॉयलेट नहीं जा पाती कि कहीं बेबी गिर ना जाए या उसे किसी प्रकार की चोट ना पहुंचे। और कई बार टॉयलेट जाते ही बेबी के रोने की आवाज आने लगती है। शायद उसे भूख लगी हो, या शायद उसने नैपी गीली कर दी हो या कोई और बात ना हो गई ऐसी बात मन में आने लगती है। ऐसे में मां के लिए यह समय स्ट्रगलिंग हो जाता है। इसके साथ ही अन्य शारीरिक समस्याएं जैसे कि वजन को कंट्रोल (Weight control) ना कर पाना, फ्रीक्वेंट यूरिनेशन (Frequent urination) जैसी चीजें परेशानी को और बढ़ा देती हैं।
मुंबई निवासी साधना अवस्थी बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान मेरा वजन काफी बढ़ गया था, लेकिन बेटी के जन्म के बाद मुझे वजन कम करने के लिए डायट या एक्सरसाइज के लिए टाइम ही नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में बहुत मुश्किल होती थी और गुस्सा भी आता था, लेकिन आपके पास कोई ऑप्शन नहीं होता। शुरुआत के कुछ महीनों या कहूं कि 1 साल तक पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) का सामना करना ही पड़ता है। इसके साथ ही मेरा हेयर फॉल (Hair fall)भी बहुत होने लगा था। मेरे पास इतना समय ही नहीं रहता था कि मैं बालों की केयर कर सकूं।

पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल से निपटने के टिप्स (Tips to deal with the postpartum self care struggle)
पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल (Postpartum selfcare struggle) परमानेंट नहीं है। यह कुछ दिनों की ही बात है। इसके बाद आप महसूस करेगी कि बेबी को आपको इतना समय देने की जरूरत नहीं है जितनी शुरुआत में थी और आपको सेल्फ केयर (Self care) के लिए भी टाइम मिलने लगेगा। इसके अलावा हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनको फॉलो करके भी आप पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगलर से बच सकती हैं और अपने लिए थोड़ा समय निकाल सकती हैं।
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1.बाउंड्रीज सेट करें (Set boundaries)